सोमवार, 29 मई 2017

अमीर बनाने वाली 10किताबें ।

अमीर बनने की शिक्षा देने वाली और धनवान बनने के गुरले सूत्र सिखाने वाली दुनिया की सबसे अच्छी 10 किताबें है । इन किता की करोडो प्रतियॉ बिकी है ।यह चुनिदा किताबे है आर्थिक ज्ञान की जो दुनिया भर मे चर्चित है । इन 10 किताबों का कोर्स पढकर  इनमें बताए गए नियम के आधार पर चलकर कोई मी साधारण  आदमी अमीर बन सकता है और सफलता की बुलंदीयों पर पहुच सकता है ।क्योंकि इन किताबो मे अमीर बनने का अनमोल ज्ञान भरा है ।
अमीर बनाने वाली किताबे ।
जीत  आपकी । लेखक - शिव खेडा
इस किताव मे साकारात्मक सोच विकशित करने के बारे मे  अच्छे उदाहरणो से समझाया गया है । यह किताब  व्यक्ति को अपनी खूवी और बुराई का आइना दिखाती है । इस किताव मे हर समश्या का समाधान मिलता है । जीत  आपकी पुस्तक नेट पर पीडीएफ डाउनलोड मे मुफ्त उपलब्ध है ।
बेबीलॉन का सबसे अमीर  आदमी'।लेखक - जार्ज एस क्लासन
यह किताब बताती है की बेबीलोन का सबसे गरीव  आदमी वहाँ का सबसे अमीर  आदमी कैसे बना ।इस पुस्तक मे धन को आकृषित करने के नियम के बारे मे बताया गया है ।यह किताब वित्तिय ज्ञान देने वाली विश्व की सबसे फेमस किताव है । जो आदमी को अमीर बनाने की शक्ति देती है ।
रहष्य ( दा सीक्रेट) लेखक- रॉन्डा बर्न
यह किताब रहष्य की बातो से भरी है ।और यह  आकृषण के नियम का रहष्य  उजागर करती है । इस किताब मे धन का रहष्य भी समझाया गया है ।यह किताव सपनो को साकार करना सिखाती है । इस किताब मे बताए गए रहष्य को सीखकर व्यक्ति कुछ भी पा सकता है । यह पुस्तक नेट पर पीडीएफ डाउनलोड के लिए मुफ्त  उपलब्ध है ।इस किताव मे एक बहुत ही बडी बात लिखी है की दुनियॉ का 95% धन केवल विश्व के एक% लोगो के पास होता है ।
रिच डैड पुअर डैड ।लेखक - रोवर्ट कियोसकी
सोचिए और  अमीर बनिए ।लेखक - नेपोलियन हिल
21 वी सदी मे दोलत मंद बनने की राह । लेखक _..........
अलकेमिस्ट ।लेखक _पाउलो कोएल्हो

लोक व्योहार ।लेखक _डेल कारनेगी
बडी सोच का बडा जादू । लेखक _डेविड जे .
शक्तिमान र्वतमान ।लेखक _ एक्हार्ट तोले ।

नोट _ क्या आप जानते है की व्यक्ति की सबसे बडी संपत्ती क्या होती है ?
आदमी धन कमाता है 'धन  आदमी को नही कमा सकताहै इसलिए व्यक्ति की सबसे बडी संपत्ति व्यक्ति होते है धन नही ।

शुक्रवार, 19 मई 2017

अमीर बनाने का रास्ता ।

दुनिया मे जव भी दुनिया के सबसे अमीर लोगो की लिस्ट निकलती है तो उसमे सबसे जादा नाम  उधोगपति लोगो के ही होते है । इससे यह बात साफ होती है की अमीर बनने का रास्ता  उधोग ही है । उधोग भी हर  अदमी के उपयोग मे आने वाली वस्तुओ का लगाना चाहिए ।जहॉ तक हो सके तो वच्चो की उपयोगी चीजे खिलोने आदि और महिलाओं के सृंगार की वस्तुओ का व्वसाय  अधिक लाभदायक होता है । महिलाए और बच्चे अपने उपयोग की बस्तुए मुह मागी कीमत देकर खरीदते है उन्हें रूपए की कीमत कुछ कम पता होती है । जवकि कमाऊ पुरूष खासकर बूढे आदमी जादा चतुर होशियार  और बेईमान होते है । खरीदारी मे कंजूसी करते है । मोल भाव करते है । वस्तु कम से कम कीमत चुकाकर खरीदते है । एक  एक रूपया गिन गिन कर खर्च करते है । क्योंकि बूढे आदमीओ को दुनिया की हकीकत पता होती है और वह जानते है की धन की कीमत क्या है और धन कितनी मेहनत से कमाया जाता है ।
अव कुछ बात युवाओ की हो जाए युवा और किशोर अवस्था के लोग भी अपनी शोक पूरी करने पर  अधाधुंद पैसा उडाते है । बाप की दोलत पर खूव  एस करते है । बाप सोचता है की मेरा लडका शहर मे पढ रहा है । और  उसकी पढाई के खर्चके नाम पर खूव पैसे भजे जाते है । और बच्चे उन रूपयो का उपयोग उपनी सान सोकत पर करते है ।फेशन मे रहते है । इसलिए युवाओ की उपयोगी वस्तुए जो समय के फेशन मे होती है कपडे 'जूते ' वाइक ' मोवाइल ' आदि जैसी युवा युवतियो की उपयोगी वस्तुओं का कारोबार भी जादा लाभदाय् शिद्ध होता है ।

मंगलवार, 9 मई 2017

जीवन का रहष्य ।

मनुष्य के जीवन का राज़ यह है की मनुष्य खुद ही अपने जीवन का निर्माता और भाग्य विधाता है ।वह  अपने जीवन की जैसी कल्पना करता है उसका जीवन वैसा ही बन जाता है ।रहष्य यह है की कल्पना ही सबकुछ है ।ब्यक्ति की जैसी कल्पना या सोच होती है वह परिणाम रूप मे साकार होती है यह कुदरत का नियम है । संसार की सभी वस्तुएं कल्पना के ही रूप है । किसी विचारक का कथन है की इंसान का दिमाग जिन चीजो को सोच सकता है ' इंसान  उन्हें पा भी सकता है ।पुराणो मे कल्पबृक्ष की कथा है ' कामधेनु की कथा है ' अलादीन का चिराग कहानी है ।वैसे तो यह कहानियॉ काल्पनिक है । पर यह कहानीयाँ कल्पना की शक्ति को समझाने के लिए गढी गई थी । जैसे देवी देवता ' आत्मा परमात्मा ' ईश्वर आदि से सच्चे मन से पूरे विश्वास के साथ जो भी मागो वह मिलता है यह सच है । पर विश्वास पैदा नही होता क्योंकि देवी देवता  आत्मा परमात्मा जिन्न कामधेनु कल्पबृक्ष  ईश्वर आदि यह सब नाम  उसी असीम शक्ति के है जिसे हम वृम्हाण कहते है । जो विसाल है और  आखड है । उसे यह छोटे छोटे नाम रूप देने से वह खडित होता है और  आदमी इसमे भ्रमित होता है ।
आदमी की कल्पना वृम्हाण को प्रभावित करती है फिर इसकी प्रतिक्रिया होती है ।और वृम्हाण कल्पना को साकार कर परिणाम रूप मे उसके स्रोत पर वापस लोटा देता है । एक बार जीसस ने अपने साथियो से कहा था की तुमहे पक्का भरोषा हो जाय की वह सामने का कहाड  उडकर यहाँ आ जाएगा । तो सच मे ही वह पहाड  उडकर यहाँ आ जाएगा ।
यही तो चमत्कार है कल्पना का । इस रहष्य को रॉन्डा बर्न की पुस्तक ' दा सीक्रेट ' मे विस्तार पूर्बक बताया गया है । इस किताब का हिन्दी अनुवाद भी हुआ है ।
संसार का रहष्य ! 
उमा कहहू मे अनुभव अपना ' सत हरी भजन जगत सब सपना ।
अर्थात : शिव शिवा से अपने अनुभव की बात कहते है की उमा यह सारा जगत एक सपना है । स्वप्न सपना सोच विचार यह सव कल्पना के ही रूप है । संसार की सभी वस्तुए कल्पना के ही  साकार रूप है ।मनुष्यों का अपना व्यक्तित्व भी उनकी अपनी कल्पना का ही परिणाम है । अलवर  आइंस्टीन के मुताविक पदार्थ भी विचार का ही रूप है ।
इस विषय मे किसी ने बहुत खूव कहा है _
 सोच बदलो तो सितारे वदल जाएगे '
नज़र वदलो तो नजा़रे बदल जाएगे ।  यह सच है और यही राज़ है ।

मंगलवार, 2 मई 2017

राम जन्म भूमि पर कब बनेगा मंदिर ।

हिदुस्तान हिन्दू प्रधान देश है । हिन्दू धर्म का आधार और केंद्र राम है । रामायण हिदूओ का मुख्य धर्म ग्रंथ है ।हर हिंदू सुबह उठकर जिस राम का नाम लेता है उस भगवान राम का मंदिर राम की जन्म भूमि पर  अयोध्या मे नही है यह बडी शर्म की बात है । भारत के बाकी सब मंदिर बेकार है जब तक राम जन्म भूमी पर मंदिर नही है तब तक सभी मंदिरो का कोई मूल्य नही है ।
इतिहास गवाह है की अयोध्या मे ही राम की जन्म भूमी है ।न्यायालय ने भी फैसला कर दिया ।वहाँ पहले मंदिर था इस बात के सारे सबूत है । मुस्लिम भी मंदिर बनाने का सर्मथन कर रहे है । तो फिर मंदिर निर्माण मे देरी क्यों हो रही है । आखिर कब तक चलेगा यह मुद्दा 'कब तक होगी राम जन्म भूमि पर राजनीती ' भारत का हिंदू सरकार की तरफ देख रहा है की आखिर कब करागी सरकार राम भूमि पर मंदिर का निर्माण ' कब बनेगा मेरे राम का मंदिर । मोदी सरकार का कहना है की 2022 तक हर गरीब हिदुस्तानी को पक्का मकान बना कर देगी सरकार ' क्या करेगे भारत के गरीब इस मकान का क्योंकि उनका भगवान बेघर हो और वह पक्के मकान मे रहे यह बात नही बनेगी । इस समय सभी परिस्थितिया अनुकूल है मोदी और योगी का राज है इस समय मंदिर नही बना अयोध्या मे राम की जन्म भूमी पर तो फिर तो फिर कब बनेगा ?

सोमवार, 1 मई 2017

महुआ पेड़ का महत्व ।

वनवासी जन जीवन मे महुआ के पेड़ का बहुत महत्व है । महुआ इनके लिए आय का एक साधन है । मध्य भारत के जंगलो मे अधिक पाया जाने वाल महुए का पेड फागुन माह मे फूलता है । इसके पेडो से एक माह तक रोजाना महुआ के फूल झडते है । इन फूलो की मादक गंध से जंगल का बातावरण महकर मदमस्त हो जाता है । वनवासी लोग  इन महुआ के फूलो को हाथ से बीन कर  रोजाना इकटठा करते है । महुआ के पेड के नीचे रोज सुवह दो तीन तगाडी महुआ फूल मिलते है । वनवासी इन महुआ फूलो को सुखाकर बाजार मे कुंटलो से बेचते है । और  इनका उपयोग खाने मे भी करते है ।एवं इन फूलो से मदिरा भी बनाई जाती है ।
महुआ के फल_ गुलेदा ' जून माह मे पक जाते है जै खाने मे बहुत ही स्वादिष्ट होते है ।जगली लोग  और जंगली जानवर ही इनका स्वाद ले पाते है । शहर के लोगो ने तो महुआ फिल्म का गाना जरूर सुना होगा 'और महुआ का फूल भी देखा होगा पर  उनहे असली महुआ के फल का स्वाद शायद कभी नशीव नही हुआ होगा । क्योंकि यह फल बाजारो मे नही बिकते है । महुआ के फल की गुठली का भी व्यापार होता है इसे गुली कहते है इसका तेल निकलता है जो खाने के उपयोग मे आता है ।
महुआ नाम की एक पुरानी फिल्म है । महुआ पर स्थानीय भाषाओं मे लोकगीत भी बन है जो बहुत लोकप्रि है ।
एक लोकगीत के बोल कुछ इस प्रकार है _गोरी चढ गई पठार ' गोरी चढ गई पठार ' लेके गुटटू महुआ बीनने ।

चूना उघोग, कम लागत, आधिक मुनाफा

  आज भारत मे 75 पैरेंट लोग पान में जो चुना खाते है।  इस चूने को बनाना और इस तरह की डिब्बी में भरकर बेचने वाले लोग भारी मुनाफा कमाई करते है।