सोमवार, 19 अक्तूबर 2015

घर बैठे कमाए महिलाए ।

आज हमारे समाज मे व्यक्ति के उपयोग मे आने बाली वस्तूओ मे सबसे जायादा वस्तूए 'धातू और प्लास्टिक की पाई जाती है ।जैसे -इलेक्टानिक सामान 'बच्चो के खिलोने 'वाहन 'बर्तन' डिब्बे आदि जव यह वस्तुए अनउपयोगी हो जाती है ।तो घर के बच्चे य महिलाए इन टूटी -फूटी या बेकार धातू और प्लास्टिक की  चीजो को कूडे मे फेक देते है'या फिर फेरी बाले कबाडी को मिटटी के मोल बेच देते है ।
पर क्य  आपने कभी यह सोचा है । कि अनउपयोगी होने के बाद भी धातू और रवर की चीजे अब भी 50%  कीमत की होती  है ।
और इलेक्द्रानिक सामानो  मैं महगी धातुए  ताँबा (कापर) आदि  होता है । और कापर 1000रू  किलो के लगभग   बिकता है । 
घरेलू महिलाए घर के वेस्टेज कबाड से रूपये बनाने का काम आसानी से कर सकती हैं । और इससे वह हर माह 1000रू के लगभग हर माह कमा सकती है । छोटा ही सही इसे अपनी आय का सधन बना सकती हैं ।
इसके लिए महिलायो को सबसे पहले २कूडेदान के डिब्बे तैयार करना होगा' जिनमे से एक के उपर  "धातू का कचडा " और दूशरे के उपर "प्लास्टिक का कचडा "लिखकर ।  इन दोनो डिब्बो को घर के पिछवाडे या किसी कोने में रख दे ।और धातुओ व प्लास्टिक का खराब सामान फेरी वाले कबाडी को कभी न बेचे और न ही बच्चो को बेचने दे ।वल्कि इसे इन कूडेदानो मे संगृह करते रहे । जव भी घर मे कोइ एसी वस्तू टूट -फूट जाए या वेकार हो जाए 'तब आप उसे तुरंत ही इन डिब्बो मे डाले और छोटी से छोटी वस्तुए व उनके तुकडे भी इन कूडेदानो मे जरूर डालते रहे ।
और महिने दो महिने मे इन डिब्बो मे डबाड इकटठा होने पर 'इसे बोरो मे भर कर बाजार मे कबाड  की बडी दुकान पर ले जाकर बेचे ।वहाँ आपका कबाडा किलो के हिसाब से तुलकर सही कीमत पर बिकेगा ।जिससे आपके हाथ मे कुछ रूपये जरूर आएगे ।
घर के वेस्टेज सामान को बाजार मे बेचने मे संकोच न करे । या एसा न समझे की बाजार मे लोग हमे कबाड बेचते हुए देखेगे तो हमारी इनसलट होगी । आजी पैसे बनाने मे किस बात की शर्म 'करना ।लोग तो पैसे के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते है ।आपने टीवी पर कम कपडो मे महिलाए जरूर देखी होगी । हम तो केवल अपने घर का कबाड ही बेच रहे है। 
मित्रो आपको यह लेख केसा लगा ।कृपया कमेंट करे ।
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शुक्रवार, 16 अक्तूबर 2015

अमीर बनने का मूल-मंत्र "एक संतान " है ।

एक समय था जव परिवार के विषय मे कहा जाता था ।हम दो हमरे दो' छोटा परिवार सुखी परिवार 'आदि ।पर मित्रो अब समय के साथ यह परिभाषाए भी बदल गई है ।हम दो हमारा एक 'की नीति ही सही है ।और  अब छोटा परिवार धन का आधार माना जाने लगा है ।वेज्ञानिक' विचारक व समज शास्त्रीयो के मुताविक  'आज छोटा परिवार भविष्य के धनी परिवार की नीव तैयार करता है ।एवं वह देश व समाज के आर्थिक विकाश मे भी सहायक शाबित होता है ।

मित्रो हम  अपने समाज मे परिवारो व व्यक्तियो को देखते है ।तो पाते है  कि वहुत कम लगभग20% व्यक्ति या परिवार ही एसे होते है'जो अपने जीवन की सबसे बडी पहली गलती नही करते' वे समय पर जगरूक रहते है ।वे अपने यहँ एक सतान होने के बाद परिवार नियोजन करा लेते है ।एव  अपना और  अपने बच्चे का जीवन सुखमय बना लेते है ।

कुछ समय पहले लंदन के वेज्ञानिको ने 14 हजार परिवारो का अध्यन किया था ।और  उस शोध रिपोट मे लंदन के वेज्ञानिको ने इस बात का दावा किया था । कि छोटा परिवार  अमीरी की राह तैयार करता है ।
रिपोट मे यह भी कहा गया है 'कि उदधोगिक रूप से विकशित समाज मे कम बच्चे होते है । इसका  प्रभाव यह होता है कि उनहे विरासत मे निवेश के लिए अधिक संपत्ती मिलती है । जिसका असर  आर्थिक सफलता मे दिखाई देता है ।
इस सोध के दोरान  वेज्ञानिको ने बडे पेमाने पर परिवारो का अध्यन किया था । अध्यन मे पया गया कि छोटे परिवार संमृध होते है । इन परिवार के बच्चो ने स्कूल मे अच्छा  परदर्शन भी किया था । और  इन परिवारो का जीवन स्तर भी समाज मे ऊचा था ।
जय शुभ लाभ ।
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मंगलवार, 13 अक्तूबर 2015

सूत्र _जहाँ एकता होती है'वहाँ संपत्ती होती है ।

जहाँ सुमति तहाँ संपति नाना ।


मित्रों  महाँ कवी तुलसी की कविता की उपरोक्त  पंक्ती बिलकुल सोला आने सच है ।

क्योकि  मित्रो एकता का चमत्कार मेने खुद  अपनी आँख से देखा है ।आज से लगभग दस साल पहले मेरे गाँव मे एक गरीव परिवार रहता था  जिसमे सभी  बडे छोटे कुल वारह सदस्य  थे ।उस समय वे बहुत ही गरीब थे । धन दोलत के नाम पर  उनके पास  एक झोपडा और दो एकड जमीन मात्र  थी । पिछले महिने जब मे इस परिवार से मिला 'उनके घर गया था ।एक काम से 'वहाँ मेने उनका पक्का मकान 'कार टेक्टर 'आदी सुख सुविधा देखकर में अचरज मे पड गया । बातचीत के दोरान  उनहोने मुझे बताया की हमने छह  एकड जमीन  और खरीद ली है 'और  उनके पास  अब  आठ  एकड जमीन है ।यह सब देख सुन कर में विचार करने पर मजबूर हो गया की आखिर यह सब चमत्कार हुआ केसे ।मित्रों  एक सप्ताह मे मेने आखिर  इस रहस्य का पता लगा ही लिया ।मित्रों  इस परिवार मे एक  उसूल बना है ।जिसके पालन से यह परिवार  आज  आथृक विकास कर रहा है । 
वह  उसूल कुछ  एसा है । कि  इस परिवार के लोग रोजाना रात के भोजन के बाद' सभी व्यस्क सदस्य  एक साथ बेठते है 'और काम धंधे की बाते करते है 'महिलाओ सहित सभी सदस्यो को अपनी बात कहने का अवसर दिया जाता है । एव  आपस मे सलाह मश्विरा के बाद सभी की सहमती से 'अगले दिन के काम की रूप रेखा वा योजना वनाई जाती है ।याहाँ तक की रात मे ही सबकुछ तय हो जाता है 'की सुवह किस सदस्य को क्या  काम करना है ' किसको कहाँ जाना है ।आदि सबकुछ फिक्स होने के बाद ही यह लोग रात को सोते है ।यह  इनका रोज का नियम है ।
मित्रों इस परिवार की  खुशहाली एवं संपंनता का यही एक राज़ है । यहाँ एकता हैं ।
मित्रों अब हम  एकता की शक्ती वा चमत्कार को  दूशरे उदाहरण से समझेगे । आपने 'बहू लक्ष्मी ' नामक  कहानी तो सुनी या पढी ही होगी मदि नही तो संछेप्त मे कहानी कुछ  इस पृकार है _एक परिवार मे सात भाई है ।आभी बडे भाई की ही शादी हुई  है ।बाकी सभी क्वारे है माँ बाप चल बसे है ।सभी भाईयो का घर सामान  आदि का बटबारा हो गया है ।सभी अलग -अलग कोठरियो मे रहते है 'सभी के अलग -अलग  चूलहे 'पानी के मटके आदि सभी अलग है ।सभी भाई न्यारे न्यारे पडोसियो के समान रहते है ।और सातो भाई एक सेठ के याहँ मजदूरी करते है ।सेठ से अफने महनताने के बदले मे एक किलो चने लेते है । और सुवह शाम  आधा आधा किलो चने भून कर खाते है यह  इनका रोजका नियम है ।
जव पहली बार बडे भाई की बहू इस घर मे आती है । तो इस घर के लोगो का रहन सयन खान -पान देखकर  हेरान होती है ।और वह  इस घर परिवार की स्थति सुधारने का निश्चय करती है ।दुशरे दिन जब सब भाई  काम पर चले जाते है । तब वह सब चूलहे मटके आदि फोड कर फेक देती है 'और बाकी गेर जरूरी सामान बाँध कर रख देती है । साफ सफाई  के बाद सारे घर को लीप पोत देती है । और पडोस से चने के बदले मे  गेहू का आटा 'दाल 'नमक 'मिरची आदि सामान लाकर बढिया भोजन बनाकर रख देती है ।जब सातो भाई शाम को घर बापस  आकर देखते है 'की चूलहे मटके गायब है । इस बात से वे गुसासा करते है ।पर भाभी के समझाने व बढिया भोजन करने के बाद सब खुश होते है । तीशरे दिन बहू सातो भाईयो से कहती है की आज से तुम  अपने सेठ से काम के बदले मे रूपये लाया करो । अब सभी उसकी बात मान कर चलने लगे ।और बहू ने अपने तरीके से घर चलाना आरंभ कर दिया ।और देखते ही देखते यह घर परिवार खुशहाल हो गया । एसी थी बहू लक्ष्मी ।
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शनिवार, 10 अक्तूबर 2015

मात्र 15 दिन मे 1करोड 41लाख रूपये कमाए । इस स्कीम से ।

मित्रो अगर  आप जल्दी अमीर बनना चाहते है ।तो मे आपके लिये लाया हू 'यह दुनिया की सबसे वेस्ट स्कीम 'जिसके उफयोग से आप तेजी से पेसा कमा सकते है । बहुत कम लागत  और कम समय मे 'मित्रो मेने बहुत खोज की पर मुझे इससे  बढिया और कोई स्कीम नही मिली आज तक ।
तो मित्रो अब  आप समझने की कोशिस करे । स्कीम कुछ  इस पृकार है _आप कोई  एसा छोटा  विजनस 'उधोग 'धंधा  'मशीन ' दुकान  आदि शुरू करे । जिससे आपको हर  एक सेकिंड मे मात्र 2पैसे  का लाभ मिले  । और याद रहे यह कृम हर दिन लगातार वारह घंटे चलना चहिए । जिससे आप हर दिन 864  रुपये का लाभ पाएगे । आब  इस लाभ राशी को आप पूरी की पूरी अपने विजनस मे लगा दे 'और दूशरे दिन  अपना धंधा डवल कर दे 'जिससे आप दूशरे दिन 1728 रूपये का लाभ पाएगे ।अब  आप फिर  इस लाभ राशी को धंधे मे ही लगा दे और तीशरे दिन धंधा फिर डवल कर दे । आज  आप 3456 रू का लाभ  पाएगे । एसा आप हर रोज लगातार 15 दिन करके देखिए । मित्रो आप यकीन नही मानेगे 'इस तकनीक से आप 15वे दिन शाम को 14155776. रू.यानी  एक करोड 'इक्तालीस लाख ' पच्पन हजार 'सात  सौ छियत्तर   रूपये के लगभग पाएगे । मित्रो स्कीम को समझकर  आप खुद भी केलकूलेशन कर के देख सकते है ।
बस  आज  इतना ही ।जय शुभ लाभ ।
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शुक्रवार, 9 अक्तूबर 2015

सबसे कीमती वस्तुएं ।

दोस्तो  धन को ही सबकुछ या सबसे कीमती न समझे धन तो सुख पाने का साधन है । पर धन ही सबकुछ नही है ।मगर  आज की दुनिया मे हर कोई धन के पीछे भाग रहा है ।और लोग धन को ही सबसे ऊचा स्थान देते है 'आपने अक्सर लोगो के मुह से यह सुना होगा _भैया पैसा हे तो सबकुछ है ।पर  एसा नही है मित्रो  कुछ चीजे इस संसार मे धन से भी जादा कीमती है या अनमोल है ।
समय _
समय बडा अनमोल है ।क्योकि समय का एक सेकिड भी चला जाने के बाद'हम  उसे किसी भी कीमत पर बापस नही पा सकते है ।जबकि लाखो रुपये खोने के बाद भी हम  उनहे फिर कमा सकते है ।केवल  ईसी कारण समय किमती है ।
स्वास्थ शरीर _
हमे अपने शरीर के विषय मे डॉक्टर कह दे 'की आपको कोई  बडा रोग है और जलदी उपचार नही हुआ तो आप मर सकते है ।तब हम  अपना शरीर बचाने के लिए कितना भी पेसा लगाने को तैयार हो जाते है ।और कहते है 'भैया जान है तो जहान है 'जिनदा रहेगे तो पैसा तो फिर भी कमा लेगे ।
आदमी_
हमे वास्तव मे रुपयो से अधिक कीमत लोगो की करनी चाहिए ।ब्यक्ती धन से अधिक  कीमती होता है । कुछ समय पसले दुनिया के एक सबसे अमीर  आदमी ने पत्रकार से बतचीत मे कहा था 'आदमी ही मनी को बनाता है 'पर मनी आदमी को नही बना सकती ।
रिस्ते -नाते _
संबंध रिस्ते नाते पैसे से नही खरीदे जाते है आदमी को स्यम बनाना पडता है ।
ज्ञान_
मित्रो नॉलेज मनी से भी बहुत कीमती वस्तू है ।उदा: जेसे आपके पास सौ रुपये है 'तो आप  उनका एक ही बार स्तमाल कर सकते है ।आपने सौ रु.का सामान ले लिया खत्म हो गए सौ रूपये ।
पर  आगर  आपके पास कोई जानकारी है  तो आप  उसका उपयोग हजार लाख बार भी कर सकते है । और  आप वह जनकारी हजारो लाखो लोगो को दे भी सकते है । और फिर भी वह जानकारी खत्म नही होगी । यही ज्ञान की खूबी है ।      मैने कही लिखा  देखा था _कि जनकारी ही पैसा है । यकीनन यह भी बिलकुल सही बात है ।

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गुरुवार, 8 अक्तूबर 2015

सॉपिंग में स्माट बने'और पैसे बचाए। {खरीददारी}

मित्रो हमारी आय का बहुत बडा हिस्सा बस्तुओ की खरीद पर व्याय होता है ।जैसे _खादय समान 'कपडे 'बतृन' वाहन 'आदि और न जाने क्या -क्या ।आज हमारी हर छोटी बडी जरूरत का सामान बाजार मे उपलब्ध है। जब हमे जिस वस्तू की जरूरत होती है 'हम  उस वस्तू को तुरंत बाजार से खरीद लाते है ।और  उसका उपयोग करने के बाद  अगले दिन  उस वस्तू को भूल जाते है ।क्योकि वह वस्तू दूसरे दिन हमारी नजर मे पुरानी हो जाती है ।
पर क्या आपने कभी यह  आकलन किया है ।कि हम जो वस्तुए खरीदते है ।उनका हम  पूर  उपयोग  भी कर पाते है 'या नही ।  क्या हमारे पैसे का सही स्तमाल हुआ या नही ।
यह जानने के लिज  आप एक लिस्ट बनाए । माह की एक तारीख से तीस तारीख तक हर रोज  आपके घर मे जो भी वस्तू  खरीद कर लाई जाए उसे आप  इस लिस्ट मे नोट करते जाए ।अब  एक महिने बाद  आप  इस लिस्ट को जँचे 'आप पाएगे कि उन वस्तुओ मे से लगभग 50% वस्तुए बेकार सावित हुई 'जिनका आप पूरा उपयोग नही कर पाए । आपका पैसा पानी मे गया । इस लिस्ट मे बेकार पाई पाई गई वस्तूओ मे अधिक वस्तुए वह होगी ' जो बच्चो के दुआरा या महिलाओ के दुआरा खरीदी गई थी । क्योकि महिलाए और बच्चे खरीद फरोखत मे कच्चे होते है ।उनहे पैसे की अहमियत पता नही होती है'  क्योकि वह कमाते नही है ।इस बात को समदने के लिए 'आपने वह कहानी जरूर ही पढी होगी _एक बाप  अपने बेटे को एक रुपया देकर 'उससे कहता हे -जा इसे कुए मे फेक  आ 'बेटा फेक  आता है 'फिर बाप कहता है 'एक रुपया कमा कर लाओ 'तब बेटा अपनी मँ से एक रुपया ला कर बाप से कहता है-मे यह ले आया ।बाप फिर बेटे से कहता है -जा इसे कुए मे फेक  आ । बेटा एसा ही करता है ।दुशरे दिन बाप पत्नी को मायके भेज देता है ।और फिर बेटे से कहता है -आज तुम दो रुपये कमा कर लाओ नही तो शाम को तुमहे खना नही मिलेगा और पटाई होगी । आज बेटा सचमुच दो रुपये कमा कर ले आता है और  अपने बाप को दिखाता है ।बाप फिर कहता है -कुए मे फेक  आ 'लेकिन बेटा इस बार  एसा नही करता 'और बाप से कहता है -यह दो रुपये कमाने मे मेरी कमर टूट गई और  आप कुए मे फिकवा रहे है । नही   फेकूगा ।यह सुनकर बाप खुश होत है 'और बेटे को साबासी देता है ।
सॉपिंग के टिप्स
(1) बच्चो व महिलाओ के साथ  जा कर खरीददारी कराए ।
(2)M R P  से भी कम रेट पर वस्तुए खरीदे ।
(3)  गारंटी वारंटी के साथ वस्तू का पक्का विल दुकनदार से लेना न भूले ।
(4)अपनी पसंद से सामान खरीदे 'दुकानदार की न माने 'वह कहेगा_हय सामान  उससे भी बढिया है 'घटिया हो तो बापस कर जाना 'क्या हमने आपको कभी घटिया माल दिया नही न ।घर की बात है  आदि कहकर वह  आपको उल्लू बना देगा ।
(5) चतुराई से मोल भाव करे ।सबसे पहले वस्तू पसंद करे 'फिर कीमत पूछे 'दुकनदार रेट बताएग 'दुवारा पूछे _सही सही  बताईए या फिक्स बताए 'वह  आप से कहेगा आच्छा कितना दोगे 'पर  अभी आप  अपनी बात न बताए 'बरना ठगा जाएगे'' अब वह दुबारा कुछ कम रेट वताएगा ।अब  आपकी बारी है उसके बताए रेट से आधा कीमत लगा कर खडे हो जाए और फिर  आखरी कीमत लगा कर चलते बने । अब दुकनदार  असलियत पर आ जाएगा ।
(6) आज  अॉनलाइन सॉपिंग लाभ का सोदा है। घर बैठे सामान खरीदना 'और डिजिटल मनी से पेमेंट करना इसमे समय  और धन की बचत होती है। पर पूरी जनकारी लेने के बाद ।
(7)मोल करे तलबार का पडी रहन दे म्यान _यनी पेकिट की चमक दमक नही अपितू वस्तू की गुणबत्ता देखे ।
(8) कपडा खरीदने के लिये सबसे करगर रम बाण टिप्स_जब सुबह दुकनदार  अगरबत्ती लगा कर दुकान पर बेठे' ' तभी आप पहले गाहक बन कर पहुचे 'और कपडा पसंद करे 'फिर कीमत पूछे ' जबाव सुनकर 'कहे महगी है हम नही ले पाएगे और बापस  आने लगे । तब वह  आपसे कहेगा 'आप पहले गाहक है आप भगबान है । बोनी न बिगाडे ।और  आपको 100% सच रेट बताएगा' और खरीद रेट से केवल 10 या 5 रुपये ही जादा लेगा  ।
अजी दुकानदार को छोडो 'झूठ का धंधा करने बाले बकील भी सुबह  अपने पहले क्लाइट से एक बार सच  जरुर बोलते है । इनके अपने उसूल होते है ।जिनका हमे लाभ  उठाना चाहिए ।
जय सुभ_लाभ ।

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मंगलवार, 6 अक्तूबर 2015

पूंजीपती बनने की कलाँ ।

ओशो के अनुशार _आप जानकर हेरान होगे की जिन लोगो के पास पैसा नही है 'वह तो बेचारा बिचार ही नही कर सकता । दुनिया मे जिनके पास सुबिधा है वे ही बिचार कर सकते है ।मेरी दृष्टी यह नही हे की  पूंजीपती कुछ बुरा आदमी है ।
या मजदूर कोई बहुत  अच्छा आदमी है । कि शोषित हो जाना कोई गुण है । और शोषक हो जाना कोई दुरगुण है'
यह  मे नही कहता हू ।
मेरा कुल मानना इतना है कि समाज की एक ब्यबस्था है 'इस ब्यबस्था मे एक  आदमी धन को इक्टठा कर लिया है ।
निस्चित ही वह ज्यादा कुशल है'  ज्यादा होशियार है । वह समाथ की सारी की सारी बेईमानी ओर सारी ब्यबस्था का पूरा   उपयोग कर रहा है ।
जो शोषित है जिसमे' वह कोई बहुत गुणबान है 'एसी बात नही है । उसको भी अगर  इतनी ही बुद्धी और  इतनी ही शोषण की कलॉ सब समझ मे आ जाए तो वह भी कल  इसकी जगह बेठ जाएगा ।
इसमे कोई आदमी -आदमी मे फरक नही है ।

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चूना उघोग, कम लागत, आधिक मुनाफा

  आज भारत मे 75 पैरेंट लोग पान में जो चुना खाते है।  इस चूने को बनाना और इस तरह की डिब्बी में भरकर बेचने वाले लोग भारी मुनाफा कमाई करते है।