बुधवार, 13 अप्रैल 2016

मोबाइल बिल कैसे घटाए ?

मोबाइल आज हमारी जिंदगी का एक  अनिवार्य साधन है । हम लोगों से आमने सामने इतनी बात नहीं करते जितनी मोबाइल पर बात करते है । जिससे मोबाइल विल पर रह महिने भारी रकम खर्च होती है ।इस साल देश के सरकारी बजट मे भी मोबाइल बिल मैहगा कर दिया है ।
हम अपने मोबाइल खर्च मे कटौती करने के लिए  कुछ साधारण से उपायो पर  अमल करें ' तो यकीनन हम  अपने माशिक मोबाइल विल को घटाकर आधा कर सकते है ।
📱मोबाइल बिल कम करने के उपाय 📱

  1. अपने मोबाइल का सही उपयोग करें ' 
  2. रिंग करने वालों को रीटर्न काल न करें 'एसा करने से फिर यह लोग हर बार रिंग करके हमारी इस कमी का लाभ उठाते है ।
  3. महिने भर के लिए इकट्ठा मोबाइल रीचार्ज कराना सस्ता पडता है ।बार बार थोड़ा थोड़ा रीचार्ज कराना या रीचार्ज कूपन लेना मैंहगा पडता है ।
  4. अपनी मोबाइल कॉल सेटिंग मे कॉल समय सीमा 1मिनट सेट रखे 'मोबाइल पर मुख्य जरूरी खास बात 1मिनट मे ही पूरी हो जाती है ।
  5. किसी संस्था या कंपनी से बात करने के लिए उनके टोल फ्री नंबर पर ही बात करें ।
  6. किसी को कॉल करने पर यदि आवाज साफ न सुनाई दे तो तुरंत कॉल डिस्कनेक्ट करें । फिर दुबारा कॉल करें ।
  7. दुशरों को अपना मोबाइल उपयोग के लिए देने से पहले यह जरूर कहै _ कृपया जल्दी करना ।
  8. अपने मोबाइल मे लॉक कोड डालकर रखे ' ताकि मोबाइल चार्ज पर लगा होने पर भी बिना अनुमति के कोई मोबाइल का उपयोग न कर सके ।
  9. अपने नंबर पर कॉलर रिंग टयून  आदि फ्जूल की सेवाएं बिलकुल बंद करें ' इनका शुल्क लगता है ।
  10. अपने मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी से डिस्काउंट  अॉफर का लाभ लेने के लिए 'एक दो दिन अपने मोबाइल खाते मे जीरो बैलेंस रखे ।
  11. मोबाइल इंटरनेट का उपयोग करने हेतु 'अपनी जरूरत के मुताबिक MB पेक लें ' क्योंकि इंटरनेट डाटा पेक की समय  अवधि बहुत कम होती है जो समाप्त होने पर पैसा फ्जूल ही जाता है ।
📲  जो सोबत है सो खोबत है ' जो जागत है सो पाबत है ।

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शनिवार, 9 अप्रैल 2016

धन का अभाव ' दुखद स्थिति ।

धन के अभाव मे मनुष्य की स्थिति एवं मानव व्यापार का इतिहासिक प्रमाण । राजा हरीशचंदृ की सच्ची कहानी ।
हरीशचंदृ अयोध्या का राजा था । जो महा दानी के नाम से प्रशिद्ध है । एक ऋषि ने छल से हरशचंदृ का सारा राज्य दान मे ले लिया और हरीशचंदृ के ऊपर कुछ धन का कर्ज भी मढ दिया ।
इस स्थिति मे हरीशचंदृ को अपना राज्य छोडकर ' अपनी पत्नी और बच्चे के साथ काशी जाना पडा । एवं ऋषि का बाकी धन का कर्ज चुकाने के लिए ' काशी के बाजार मे अपनी पत्नी तारा को बैच दिया ' जिस  आदमी ने तारा को खरीदा था वह  आदमी हरीशचंदृ के पुत्र को भी अपने साथ यह कहते हुए ले गया कि बछडा गाय के साथ ही जाता है ।पत्नी एवं बच्चे को बैचने के बाद भी जव कर्ज चुकता नही हुआ तो फिर हरीशचंदृ ने अपने आप को भी एक सूदृ के हाथो बैच कर ऋषि का रिण चुकाया । जिस आदमी ने हरीशचंदृ को खरीदा था वह आदमी काशी के मरघट का मालिक था ।और उसी मरघट मे हरीशचंदृ शव जलने का काम करता था । अपने मालिक के आदेश पर शव जलाने का कर वसूली करता था ।
इतिहास से अगर शिक्षा और प्रेरणा ही लेना है तो यह शिक्षा लो कि _एसी स्थिति होती है मनुष्य की धन के अभाव मे जहाँ एक राजा अपने पत्नी बच्चों को बैचने पर मजबूर हो गया 'और एक सूदृ का दास बन गया ।
{पुराने समय मे मानव व्यापार होता था ' आदमीऔ की मंडियॉ लगती थी 'जहाँ दास खरीदे बैचे जाते थे । राम राज्य मे भी दास खरीने बैचने की कुप्रथा थी }
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दुकान के ग्राहक कैसे बढाए ?

                           दुकान  ' सॉप   ' स्टोर
अपना खुद का स्वरोजगार ' एवं सबसे सुकून का काम दुकानदारी ही है ।इसलिए जयदातर लोग दुकान का काम करना पसंद करते है । बैठे बैठे कमाना हर किसी को पसंद होता है । पर इसके लिए दुकान स्थापित करना ही काफी नही है ।बाजार की प्रतियोगता मे दुकान का संचालन मायने रखता है ।जो ग्राहकों पर निर्भर है ।
ग्राहक  बढाने के उपाय ।


  • दुकान की सजावट मे कोई कमी नही होना चाहिए ' एसा होने पर ग्राहको पर नाकारात्मक असर पडता है '
  • जिस सेवा संबंधी उत्पादो की दुकान है ' उस सेवा से संवंधित सभी उत्पाद दुकान पर उपलब्ध होना जरूरी है ।
  • ऊची क्वालिटी के ही प्रोडक्ट सॉप पर रखना चाहिए ' 
  • उत्पाद नही ' विश्वास बिकता है ।अतः दुकान के प्रति ग्राहको का भरोसा बढाए ।
  • उचित दाम MRP रेट पर ही वस्तुएं बैचे ।
  • दुकान पर आने वाले हर नए अगनतुक का लोंग या पानी से स्वागत करे '
  • ग्राहकों की छोटी मोटी सहायता करें ' जैसे पता वताना या कोई जानकारी देना आदि ।
  • त्योहारों पर अपने ग्राहको को कलेंडर आदि उपहार दे ।
स्टोर पर आने वाले हर नए उपभोक्ता पर अपने मधुर व्वहार से कुछ एसा जादू करें की वह हमेशा के लिए आपका पक्का  ग्राहक बन जाए ।👌
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शुक्रवार, 8 अप्रैल 2016

धनदाता कुवेर ।

मनुष्य शरीर की प्रवृति सुख की है ।इसलिए हर मनुष्य सुख खोजता है ।सुख सुविधा के साधन जुटाने हेतु संसार के हर  आदमी को धन की जरूरत है ।बिना धन के जीना पशुओं के समान है ।
बाबा कर्मयोगी का भोगी उपदेश
राधा रानी तपस्थली मथुरा यूपी के बाबा कर्मयोगी का उपदेश  आम कथा कथित साधु संतों से बिल्कुल बिपरीत है । बाबा का उपदेश कुछ  इस प्रकार है कि _ भोगी बनो ' लोभी हो जाओ ' जब तुम्हारा मन भोगों से भर जाएगा तो त्याग अपने आप हो जाएगा 'करना नही पडेगा । इसलिए धन पाने का उपाय करो ' कर्म, करो ' कर्म के बिना धन पाना असंभव है । कर्म करने के बाद भी धन का अभाव हो तो इसका उपाय बाबा बताते है कि _धन चाहने वाले ध्यान दे ' धन का देवता कुवेर है ' कुवेर देव के अलावा आपको अन्य कोई देवता धन नहीं दे सकता क्योंकि हर देवता का अपना अपना अलग  अलग कार्य क्षेत्र है ।
अतः धन पाने के लिए अपने घर पर भगवान कुवेर की फोटो एवं कुवेर यंत्र स्थापित करें । श्री शिद्ध कुवेर यंत्र एवं कुवेर देव का फोटो निशुल्क मगाने हेतु ' बाबा के आश्रम मे संपर्क करें 09266366000 पर ।
बाबा की ओर से कुवेर फोटो एवं शिद्ध यंत्र बिल्कुल मुफ्त दिया जाता है । यदि फिर भी कोई व्यक्ति कुछ दान देना ही चाहे तो फिर सवा किलो हवन सामग्री दान कर सकता है ।यह हवन सामग्री यंत्रों की शिद्धी करण क्रिया मे आहूती करने मे उपयोग होती है ।
{धन का देवता एवं खजाने का मालिक भगवान कुवेर है }

बुधवार, 30 मार्च 2016

किसान सुविधा ' एप एक वरदान ।

किसान सुविधा ' एप्लीकेशन
भारत के किसनो  के लिए भारत सरकार का एक वरदान ' किसान सुविधा 'एप है ।इस  एप को PM मोदी ने 27 मार्च2016 को लान्च किया है ।इस  एप मे किसानो के लिए हर तरह की कृषि संबंधी जानकारी अॉनलाइन  उपलब्ध होगी ।यह  एप किसानो के लिए एक बहुत बडी उपलब्धि है ।
किसान सुविधा ' एप 7.26MBका है ।जिसे इंटरनेट पर  एप स्टोर  से मुफ्त मे डाउनलोड किया जा सकता है ।यह  एप हिंदी एवं इंग्लिश दोनो भाषाओं मे है ।इसे चलाना भी बिलकुल सरल है ।
किसान सुविधा ' एप भारत सरकार के कृषि मंत्रालय एवं किसान कल्याण विभाग संचालित किया गया है ।


बचत कैसे करें ' राज़ की बातें !

समाज मे अक्सर यह देखा जाता है की लोगों की आय मे बढोत्री होने के साथ ही उनके खर्च भी बढते जाते है । और बचत के नाम पर  एक पैसा भी नहीं बचता ।एवं लोगों का कहना होता है कि पता ही नही चलता सारा पैसा कहाँ चला जाता है ।इस स्थित मे तो आदमी कमाते कमाते मर ही जाएगा परंतु कभी भी बचत नहीं कर पाएगा । क्योंकि कमाई के चक्कर मे वह कभी समय निकाल कर फुरसत मे बैठ कर यह नही सोचता कि आखिर उसका रूपया कहाँ और कैसे खर्च होता है ।अगर  आदमी इस सवाल का सही उत्तर खोज ले तो उसे बचत का राज़ पता चल जाएगा ।
बचत का राज़
हमारी सबसे बडी चूक या गलती यह है कि हम  अपनी हर छोटी बडी जरूरत को तुरंत पैसे से पूरा करते है । हम  अपनी सभी जरूरतों की पूर्ती के लिए एक मात्र धन का विकल्प अपनाते है । जबकि जरूरत पूरी करने के लिए धन के अलावा भी हमारे पास  अन्य कई विकल्प होते है ' पर वे जरूरत के समय हमारे दिमाग मे इसलिए नही आते क्योंकि  हमें अपनी जरूरत तुरंत पैसे से पूरा करने की पुरानी आदत होती है ।
बचत के दो गुप्त उपाय !
[1] जरूरत महसूस होने पर विचार करें 'और जरूरत को पहचाने की क्या सच मे यह जरूरी जरूरत है या फिर केवल मन की चाहत है ।यदि चाहत है तो नकार दे ' जरूरी जरूरत है तब पूरी करें ।
[2] असली एवं नकली जरूरत की पहचान करने के लिए ' जरूरत आने पर  उसे तुरंत पूरी न करे । कुछ देर रुके ' इस  अंतराल मे नकली जरूरत या चाहत  अपने आप ही समाप्त हो जाएगी । असली जरूरत दुबारा पैदा होगी और पूरी न होने पर बार बार पैदा होगी ।

  • बबत के स्वर्णिम सूत्र GOLDEN TIPS .
  • जरूरत पडने पर  उसे मुफ्त मे पूरा करने का रह संभव विकल्प सोचे ।
  • किसी वस्तु की जरूरत पडने पर सोचें कि क्या हम यह वस्तु खरीदने के वजाए खुद बना सकते है ' यदि हाँ तब काम चल जाएगा ।
  • किसी चीज की जरूरत होने पर  उसकी जगह किसी दुशरी चीज से काम चल सके तो चलाए ।
  • कोई जरूरत का सामान जरूरत के समय खराब पाया जाने पर  उसे बदलने के बजाए ठीक करने का उपाय करें ।
  • कोई काम अटक जाने पर दोस्त' रिस्तेदार ' या परिवार के सदस्यों की सहायता से काम चलाए ।
  • जरूरत पडने पर सोचें कि क्या यह वस्तु या सेवा किराए पर लेना उचित होगा । यदि कम समय की जरूरत है तो किराए से काम चलाए ।
  • क्या यह जरूरी वस्तु सेकिंड हेन्ड खरीदना सही होगा 'यदि हाँ तो खरीदें ।
  • जरूरत को किसी अन  उपयोगी वस्तु के बदले मे पूरा किया जा सके 'तो इसमें कोई बुराई नहीं ।
उपरोक्त विकल्पो के अलावा भी जरूरतें पूरी करने के अन्य कई विकल्प हो सकते है ' जिन्हें जरूरत के समय  अमल मे लाने से जरूरत पूरी होने के 90% चान्स होते है । यदि फिर भी जरूरत पूरी न हो तब  अंतिम विकल्प के रूप मे पैसे का उपयोग जरूरत पूरी करने के लिए करना ही उचित होता है ।
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शुक्रवार, 25 मार्च 2016

सब्जी के खर्च की पूरी बचत ।

सब्जियों पर होने वाले खर्च की पूर बचत कैसे करें ।
बडे बूढे बताते है कि आज से 60_70 साल पहले भारत के गांवो मे साख सब्जियों का व्यापार नहीं चलता था ।सब्जी जैसी साधारण चीज़ को व्यापार की वस्तु ही नही समझा जाता था । उस समय गाँव दिहातो मे न तो कोई सब्जियां बैचता था और न कोई खरीदता था । इसका मतलब यह नही है कि उस जमाने मे लोग सब्जियां नही खाते थे ' वल्कि उस समय  आज से जादा पोषक सब्जियां भरपूर खाईं जातीं थी 'और मुफ्त मे उपलब्ध होतीं थीं । उस जमाने मे गाँव के लोग अपनी जरूरत के लिए साख सब्जियां खुद ही पैदा करते थे ।गाँव के हर घर मे कुछ न कुछ सब्जी जरूर लगी होती थी ' किसी घर के आँगन के कोने मे सेम या तुरई की बेल होती थी तो किसी घर के पिछवाडे बेंगन के पौधे लगे होते थे ।एवं गाँव के चौराहों के किनारे सहजन के सार्वजनिक पैड होते थे । इस तरह गाँव के लोग आपस मे एक दुशरे पडोसी से मुफ्त मे सब्जियों का आदान प्रदान करके काम चलाते थे । सब्जियों की सिंचाई घर के स्नान घर के पानी से होती थी । केवल गरमी के मौसम मे थोड़ी सी सब्जी की परेशानी होती थी । तव  अरहर ' मूग ' मसूर ' आदि की दालों से ही काम चलाते थे ।
सब्जी एक एसी चीज है जिसका उपयोग हर घर मे रोज होता है ' दिन मे दो बार सुबह और शाम ।अगर  आदमी दिन मे दो बार सब्जियां खरीदेगा तब  उसकी आधी कमाई तो सब्जियां खरीदने पर ही खर्च हो जाएगी । उपर से एकाध घंटे समय भी खराब होगा । इकट्ठा सब्जियां खरीद कर रखने से सब्जियां खराब हो जाती है ।
दुशरे बाजारू सब्जियां रसायनो के उपयोग से पैदा होतीं हैं । यहाँ तक की कददूदार सब्जियों के फलों को दबा के इंइंजेक्शन लगाकर जल्दी बढाया जाता है , जो न खाने मे स्वादिष्ट लगते है और न स्वास्थ्य बर्धक होते ।एसी केमिकल युक्त सब्जियां खाने से बीमारियां पैदा होती है ' जिनके इलाज पर भी भारी रूपये खर्च होते है ।
सयय ' शरीर' एवं धन की पूरी पूरी बचत के साथ रोजाना हरी ताजी साख भाजी  मुफ्त मे पाने का सबसे अच्छा विकल्प यह है कि अपनी जरूरत के हिसाब से सब्जियां घर पर ही पैदा की जाए । यह काम बिल्कुल आशान है 'सब्जियों के बीज भी आसानी से बहुत ही कम कीमत मे मिलते है जिन्हें खरीद कर घर के स्नान घर के पास लगाए जा सकते है ।जगह न होने पर भी सब्जियों के पौधे गमलो मे लगाए जा सकते है । सहजन के पेड़ भी घर के पास खाली जमीन पर लगाए जा सकते है ' सहजन  एक  एसा औषधीय पेड़ है जिसके तने ' पत्ते ' फूल ' फल्लियां सभी सब्जी बनाने के काम  आते है । जो स्वादिष्ट होने के साथ ही गुणकारी भी होते है ।
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चूना उघोग, कम लागत, आधिक मुनाफा

  आज भारत मे 75 पैरेंट लोग पान में जो चुना खाते है।  इस चूने को बनाना और इस तरह की डिब्बी में भरकर बेचने वाले लोग भारी मुनाफा कमाई करते है।