रविवार, 14 फ़रवरी 2016

व्यापार मे लाभदायक प्रकृतिक वस्तुएं ।

प्राकृतिक वस्तुओं को पैदा होने मे समय लगता है । एवं कुछ कुदरती वस्तुओं की पैदावार सीमित है ।जिसके कारण  इन वस्तुओं का हमशा अभाव ही बना रहता है ।अर्थशास्त्र के नियम अनुसार _जिन वस्तुओं का अभाव होता है ' उन वस्तुओं की मांग अधिक होती है । एवं वस्तु का भाव ( मूल्य) भी ऊचा रहता है ।
प्राकृतिक वस्तुओं के व्यापार मे सबसे बडी सुविधा यह है 'कि इन वस्तुओं के बाजार मे प्रतिस्पर्धा बहुत कम है ।जवकी मानव निर्मित वस्तुओं का उत्पादन  उपयोग की तुलना मे अधिक होने से बाजार मे बहुत स्पर्धा है । क्योंकि जो असली वस्तु कुदरती रूप से छह माह मे तैयार होती है ' वही कृत्रिम वस्तु इंडस्ट्री मे रसायनो और मशीनों से 24 घंटे मे तैयार हो जाती है । मानव निर्मित वस्तुएं पैदा करना सरल हो गया है । बेचना कुछ कठिन हो गया ।
अॉकडो के मुताबिक वर्तमान मे नेचुरल  उत्पादो की तरफ  उपभोक्ताओं का रूझान दिन प्रति वढ रहा है ।रसायन मुक्त खाद्यान्न आदि की माग वढ रही है ।
व्यापार मे लाभदायक कुछ प्राकृतिक वस्तुएं जैसे _
दुर्लभ जडी बूटी ' मेवा ' दूध ' शहद ' रेशम ' चमडा ' फूल ' फल ' बीज ' मशरूम ' जेविक खाद ' आदि
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गुरुवार, 11 फ़रवरी 2016

बेबी उत्पादो पर अधिक मुनाफा ।

बेबी उत्पादो का करोवार  अधिक लाभदायक है । क्योंकि बच्चों की उपयोगी वस्तुएं बनाना और बेचना अन्य वस्तुओं की तुलना मे काफी सरल होता है । साथ ही इनके व्यापार मे लाभ भी अधिक होता है ।

बच्चों के लिए वस्तुएं खरीदने मे मॉ -बाप भी कंजूसी नहीं करते ' और  अपने बच्चों की खुशी के लिए दिल खोलकर धन खर्च करते है ।कभी कभी बाजार मे बच्चे दूकान पर किसी खिलोने को लेने की जिद पर  अड जाते है ' तो फिर मम्मी पापा को हर हाल मे वह खिलोना खरीदना ही पडता है । चाहे दुकानदार कितना ही मेहगा क्यों न दे ।

बच्चों की उपयोगी चीजें इनके जन्म दिन आदि पर  उपहार मे देने के लिए भी लोग  अधिक खरीदते है ।बच्चों के बर्थ डे पर तो खिलोनो और बेबी सूट का अंवार सा ला जाता है ।
व्यापार के लिए लाभदायक बच्चों की वस्तुएं ।

  • खाने पीने की चीजे _ आइसक्रीम ' पापकॉर्न ' टॉफियॉ ' चॉकलेट ' ।
  • बच्चों के कपड़े _ बेबी सूट ' फ्राक ' टी सर्ट ' हगीस ' टोपी ।
  • डिजिटल आइटम _ गेम ' कार्टून वीडियो ' ।
  • फुटवेयर _  जूता  ' चप्पल ' ।
  • स्कूल सामग्री _ स्कूल वेग ' लंच बाक्स ' पेन बाक्स ।
  • अन्य वस्तुएं _ टूथ ब्रुश ' झूला ' छोटी साइकिल ' आदि ।
  • खिलोने _ गुडिया ' कारे ' झुनझुने ' गेंद ' पशु पक्षी के नमूना ' आदि ।
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बुधवार, 10 फ़रवरी 2016

गरीबी मिटाने का ' बृहम् अस्त्र ' ।

गरीब आदमी चाहे तो वह मात्र छह महिने मे अपने घर परिवार की निर्धनता मिटा सकता है । इसका विकल्प है 'मुद्रा पंजी ' जिसके अधार पर  अमल करते हुए चल कर ' व्यक्ति गरीबी से छुटकारा ले कर  अमीरी की राह पर  अगे बड सकता है ।और धन संपंन होकर खुशहाल जीवनशैली जी सकता है ।

अब  आप कहेगे कि आखिर यह ' मुद्रा पंजी ' है क्या ! 
इसे समझने के लिए हम नीचे इसका प्रारूप उदाहरण के लिए दे रहे है ।जिसके आधार पर कोई भी अपने घर की मुद्रा पंजी बना सकता है ।
                            मुद्रा  पंजी 
मासिक आय व्यय का ब्यौरा ।
पहला महिना

  1. सट्टा ' गॉजा ' तम्बाकू '  चाय ' शराब ' आदि पर खर्च = 2000₹  
  2. यत्रा ' रिस्तेदारी ' त्योहार ' जेवर ' दान ' आदि पर खर्च =2000₹
  3. भोजन ' कपडा ' मकान ' पढाई ' बीमारी ' आदि पर खर्च =6000₹
  4. कुल मसिक खर्च =10000₹
  5. कुल मासिक आय=8000₹
  6. कुल मासिक कर्ज =2000₹=10000₹ ।
दुशरा महिना

  1. सट्टा _______________आदि पर गैर जरूरी खर्च=×
  2. यात्रा________________आदि पर शौक ' चाहते पर खर्च =×
  3. भोजन 'कपडे ' मकान ' पढाई आदि पर अनिवार्य जरूरत खर्च=6000₹
  4. कर्ज  चुकाने पर खर्च =2000₹
  5. कुल मासिक आय =8000₹  आय व्यय बराबर ।
तीसरा महिना

  1. गैर जरूरी खर्च ××××××× ।
  2. शौक चाहते खर्च ×××××× ।
  3. अनिवार्य जरूरत खर्च = 6000₹
  4. कुल मासिक आय =8000₹
  5. कुल मासिक बचत =2000₹
चौथा महिना

  1. अनिवार्य जरूरतों पर खर्च =6000₹
  2. कुल मासिक  आय =8000₹
  3. कुल मासिक बचत =2000+2000 पिछले माह =4000₹ बचत ।
पॉचवा महिना

  1. अनिवार्य जरूरतों पर खर्च=5000₹
  2. धंधे पर खर्च =7000₹
  3. खर्च ' बचत ' आय ' व्यय सब बराबर ।
छटा महिना 

  1. यात्रा 'त्योहार आदि पर खर्च=1000₹
  2. अनिवार्य जरूरतों पर खर्च=6000₹
  3. कुल मासिक आय =10000₹ दस हजार रू ।
कुल मासिक बचत=3000₹ । 
कुछ इस तरह से व्यक्ति अपने जीवन मे खुशहाली ला सकता है ।लेकिन  उसे हर हाल मै उपरोक्त 'मुद्रा पंजी ' को अपने जीवन मे अपनाना जरूरी है ।
आप हमें ईमेल भी कर सकते है seetamni@gmail. com पर ।
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मंगलवार, 9 फ़रवरी 2016

उत्पाद बिक्री के सफल उपाय ।

तकनीकी विकास के साथ ही सरकारी सहयोग से आज  उधोग लगाना एवं उत्पाद तैयार करना बहुत सरल हो गया है । लेकिन उत्पाद को बेचने का काम बहुत टेडी खीर है । क्योंकि आज बाजार मे इतना कंप्टीशन है 'जिसके चलते नये उत्पाद बाजार मे चलाना बहुत कठिन होता है । बाजार मे दस  अनार एक बीमार वाली स्थित है ।
प्रोडक्ट सेलिंग के {successful}  टिप्स ।
  • मुफ्त का मोखिक विज्ञापन ।
उच्चतम गुणवत्ता के उत्पाद का उपयोग करने के बाद उपभोक्ता स्वयं ही दूशरो से 'उत्पाद के गुणों की चर्चा करते है । इस तरह 'क्वालिटी प्रोडक्ट' का मुफ्त मे ही विज्ञापन हो जाता है ।
  • चेन सिस्टम से उत्पाद बिक्री ।
जंजीर श्रंखला से ग्राहक जोड़कर वस्तु बेचने की स्कीम बहुत कारगर है । जिसमें ग्राहको को दो नये ग्राहक जोडने पर कुछ उपहार देने की ब्यवस्था रखी जाती है ।इस स्कीम से उत्पाद या सेवा के ग्राहक बहुत तेजी से शाखाओं की तरह बढते है ।
  • गेरंटी के साथ उत्पाद बिक्री ।
 बिक्रेता की पक्की लिखित गेरंटी वारंटी के साथ वस्तुएं खरीदना ग्राहक अधिक पसंद करता है ।क्योंकि वह वस्तु के साथ दिये गये भरोसे से संतुष्ट रहता है ।उदाहरण के लिए _ आज  एक 25 रू कीमत का वल्ब ' एक साल की गेरंटी के साथ 100रू मे धडल्ले से बिक रहा है ।
  • मुफ्त रिप्यरिंग की गेरंटी ' से उत्पाद बेचने का तरीका ।
इलेक्ट्रानिक यंत्र 'मशीनों आदि उत्पादो के साथ ग्राहकों को छह माह के अंदर यंत्र खराब होने की स्थित मे यंत्रों को फ्री मे ठीक करने की गेरंटी के साथ बेचा जाता है ।यह स्कीम बहुत सफल है । क्योंकि इस तरह बेचे गये उत्पादो मे जो गेरंटी समयावधि मे खराब होते है ' उन्हें सेवा प्रदाता फ्री मे ठीक करते है । पर यंत्रों मे लगने वाले पार्टो का भुगतान ग्राहक को ही चुकाना पडता है ।क्योंकि कंपनी की जवाबदारी केवल यंत्र ठीक करने की होती है ।
  • नामी ब्रांड से मिलता ' ब्रांड नेम 
नए उत्पाद को बाजार मे अपने पेर जमाने के लिए ' किसी नामी उत्पाद के नाम का सहारा लेकर  आगे बढना चाहिए ।
उदाहरण के लिए _ कुछ साल पहले  इंडिया मे दो क्रीमो  के ब्रांड बहुत लोकप्रिय रहे थे । एक ' रिंगकटर ' और दूशरा इजगॉड ' इन दोनों मे आपस मे बहुत कंप्टीशन था । दोनों ब्रांड के टीवी पर खूब एड  आते थे । इसी बीच एक 'रिंगॉड ' नामक क्रीम  आई और दोनो को पीछे छोड़ कर  आगे निकल गई ।
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शुक्रवार, 29 जनवरी 2016

किराए पर ' खरीद की सुविधाएं ।

RENT TO CASH  किराए पर खरीद ।
किराए का इतिहास जाने तो सबसे पहले रेंट की शुरुआत इंग्लैंड में हुई थी ।इसके बाद किराए पर खरीद का चलन पूरी दुनिया मे होने लगा । यह  एक क्रय- बिक्रय- अनुबंध है । जिसे किराया या इंग्लिश मे रेंट कहा जाता है ।
किराए पर वस्तुएं खरीद के लाभ ।

  • गरीब आदमी भी मेहगीं सेवाओं का उपयोग किराए पर कर सकता है ।
  • जो लोग कीमती संपत्ति खरीदने मे असमर्थ होते है 'उन्हें मकान जमीन आदि किराए पर लेना आसान हो जाता है ।
  • किन्हीं सेवाओं ' वस्तुओं का उपयोग व्यक्ति बहुत कम समय के लिए ही करते है ।एसी स्थित मे उन वस्तुओं को किराए पर लेना ही उचित होता है ।
  • किराए पर संपत्ति लेने का सबसे बडा फायदा यह है कि अल्प पूजी से ही काम चल  जाता है एवं नगद मुद्रा भी बची रहती है ।
सबकुछ मिलता है किराए पर ।
आज भारत मे भी बहुत कुछ किराए पर मिलने लगा है । जो हमने कभी सोचा भी नहीं होगा 'जैसा कि आज भारत मे बच्चे पैदा करने के लिए भी कोख किराए पर मिलतीं है ।जिनका नौ महिने का किराया 50 हजार से एक लाख तक होता है ।विदेशी लोग भारतीय कोख किराए पर लेना जादा पसंद करते है । क्योंकि भारतीय नारीयॉ शराब सिगरेट नहीं पीती एवं शुध शाकाहारी होती है ।
रूपये ब्याज पर मिलने का मतलब रूपये किराए पर मिलना ही होता है ।
शादी विवाह मे उपयोग होने वाला हर सामान टेंट कुर्शी  बर्तन  आदि से लेकर दुल्हन के सभी सोने के गहने भी अब किराए पर मिल जाते है ।
कृषि कार्य मे आने बालें सभी यंत्र सीडल से लेकर ट्रकटर ' थ्रेशर ' हायरवेस्टर तक सब किराए पर  उपलब्ध है ।
यातायात के साधनों मे साइकिल ' वाइक ' कार ' बस'  ट्रक यहाँ तक की अब हेलीकॉप्टर भी किराए पर मिल रहे है ।
www.rent2cash.com यह एक इंडियन वेबसाइट है ।जो पूरे देश मे 80 प्रकार की वस्तुएं एवं सेवाएं लोगो को किराए पर उपलब्ध करा रहीं है ।यहाँ कलॉकार ' मकान दुकान ' फ्लैट ' गाड़ी बंगला ' मशीन ' कपडे ' आदि लगभग सभी कुछ किराए पर लिया दिया जाता है ।
एक  और जापान की बहुत फेंमस वेबसाइट www.rent-a-wife-Ottawa.com है । जहाँ पत्नी बच्चे ' मॉ बाप ' दोस्त यार ' नौकर चाकर यानी यहाँ पूरा परिवार ही किराए पर मिलता है ।

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शनिवार, 23 जनवरी 2016

खुल्ले रूपये का फायदा ।

भारत में बैंक अपने ग्राहको को हजार या पॉच सौ के नोटों मे ही पेमेंट करती  है ।एवं एटीएम मशीनों पर भी सौ से कम का नोट नहीं निकलता है ।और बाजार मे भी सिक्कों का अभाव महसूस होता है ।एसी स्थित मे आज छोटे लेनदेन व खरीदारी मे खुल्ले रूपयो को लेकर बहुत झंझट होती है ।
हजार ' पॉच सौ के बंधे नोटों के कारण निम्न परेशानियॉ होती है । जैसे _

  1. खरीददारी मे दुकानदार बाकी के छूट्टे रूपये बापस करने के स्थान पर टॉफियॉ या माचिस हाथ मे थमा देते है ।
  2. नोट छुट्टा कराने के लिए ' गैर जरूरी वस्तुए खरीदनी पडतीं है ।
  3. नोट के बदले मे फटे पुराने छूट्टे नोट लेना पडता है ।जिनमें से कुछ नोट बडी मुश्किल से चलते है । या चलते ही नहीं है ।बेकार पडे रहते है ।
  4. छोटी सेवाओं के बदले बडे नोट देने के बाद ' बाकि रूपये लेने के लिए इंतजार करना पडता है ।
  5. बंधे नोटों के कारण कभी हम बाकी के रूपये लेना ही भूल जाते है ।
  6. फुटकर रुपये न होने के कारण आटो ' रिक्शा ' टेक्सी वालों को किराए से जादा रूपये देना पडता है ।
  7. कभी कभी आटो रिक्शा बालों को खुल्ले पैसे ना होने की बजह से हजार या पॉच सौ का नोट देना पडता है ।और वे नोट लेकर रफूचक्कर हो जाते है ।और हमे दस बीस रूपये की जगह हजार पॉच सौ से हाथ धोना पडता है ।
  8. रेल टिकिट बुकिंग के बाद भी खुल्ले कुछ रूपये बापस ही नही मिलते ।
  9. पोस्ट अॉफिस  आदि जगहों पर यह सुन्ने मे आता है कि खुल्ला नहीं है ' खुल्ले रूपये लेकर  आऔ ' या 22 रू की जगह 25 रू देकर जाऔ  ।
पेट्रोल पंपो पर भी छुट्टे ना होने के बहाने दो चार रूपए जादा लिए जाते है ।
खुल्ले रूपयो की समश्या के समाधान के लिए " जरूरत के अनुसार बैंक से छुट्टे नोटों मे पेमेंट की मॉग करना चाहिए ।या जरूरत के हिसाब से पहले से ही किसी विशवसनिय व्यक्ति ' स्थान ' या दुकान से नोटों को छूट्टे कराकर पॉकेट या बैग मे रखना चाहिए । साथ ही एक ' दो और पॉच रूपये के कुछ सिक्के भी पास मे रखना जरूरी है । सिक्के रखने मे थोडी अडजन तो होती है पर  इससे जादा सहूलियत भी होती है । जब जितने रूपये देने की जरूरत हो 'उतने ही रूपये देने से बापस लेने का झंझट ही नही रहता । फुटकर रूपये पास होने से एक दो रू कम मे ही काम चल जाते है । खुल्ले रूपये देने से सामने बाला जादा खुश होता है और खुल्ले रू जादा भी लगते है । खुल्ले रूपये पास मे होने से समय के साथ ही धन की भी बचत होती है ।
लेकिन हजार पॉच सौ के बडे नोटों को रखने मे सुविधा होती है ।और  इनकी गिनती करना भी आसान है ।चोर  उचक्के भी नहीं जॉच पाते । इसलिए  हजार से उपर के बडे लाखो के लेनदेन मे और बडी खरीद फरोख्त के लिए ' हजार  पॉच सौ के बडे नोटों का उपयोग ही उचित होता है ।
जरूरत के अनुसार बडे या छोटे नोटों का उपयोग करना चाहिए ।
" जैसा काम ' बैसा दाम " देना ही उचित होता है ।
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गुरुवार, 21 जनवरी 2016

स्टार्ट अप ' इंडिया स्वरोजगार ।

स्टार्ट अप
भारत मे 16 जनवरी2016 को प्रधानमंत्री द्वारा इस स्टार्ट अप ' योजना की शुरूवात की गई है ।
स्टार्ट अप क्या है ।
स्टार्ट अप की शुरुआत होती है एक  आइडिया से ' जिसमें लोगों की किसी भी समश्या के समाधान का कोई तरीका या लोगों की जरूरत की कोई सेवा 'वस्तुओं का उधम  इस योजना के अंतर्गत स्थापित करने वालों को भारत सरकार बहुत सुविधाएं दे रही है । जैसे _

  • 10 हजार करोड़ रूपये का फंड बनाया जाएगा ।
  • स्टार्ट अप के लिए वेब पोर्टल और मोवाइल  एप होगे ।
  • पेटेंट फीस मे 80% की कटोती होगी ।
  • छोटे फार्म के जरिए ई _रजिस्ट्रेशन ।
  • 35 नए इन्क्यूवेशन सेंटर होगे  ।
  • सेल्फ सर्टीफिकेट  आधारित कंप्लायंस की व्यवस्था ।
  • सरकारी खरीद मे खास रियायत दी जाएगी ।
  • उधमियो को लोन की व्यवस्था रहेगी ।
उधमियो को 3 साल तक  इंकम टेक्स मे छूट दी जाएगी ।
कुल मिला कर  इस योजना मे युवा उधमियो के  लिए पैर जमाने के अच्छे अवसर उपलब्ध है ।इस योजना के सफल होने पर देश मे बेरोजगारी पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी ।स्टार्ट अप ' मे रोजगार की अनंत संभावनाएं है ।
लेकिन इस योजना मे नए अविशकारो के विजनस  आइडिया को आधिक प्राथमिकता दी जाएगी ।

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चूना उघोग, कम लागत, आधिक मुनाफा

  आज भारत मे 75 पैरेंट लोग पान में जो चुना खाते है।  इस चूने को बनाना और इस तरह की डिब्बी में भरकर बेचने वाले लोग भारी मुनाफा कमाई करते है।