मंगलवार, 13 सितंबर 2016

झूठी दबा का कमाल ।

झूठी दबाओ के चमत्कार देखिए ।
एक बार डॉक्टरों ने एक ही बीमारी के सौ रोगियों पर  एक प्रयोग किया ।50 रोगियो को सही दबा दी गई और 50 रोगियो को रंगीन पानी दिया गया ।इस बारे मे रोगियो को कुछ भी पता नही था की किसको क्या दिया गया है ।इस प्रयोग का आश्चर्य जनक परिणाम यह सामने आया कि जितने रोगी दबा से ठीक हूए ' उतने ही रोगी सादे रंगीन पानी से ठीक हुए ।
शराब छुडाने की झूठी दबा ।
एक सज्जन है जो शराब छूडाने गेरंटेड दबाई देते है ।इसकी फीस वे दस हजार रूपये लेते है ।क्योकि दबा 100% फायदेमंद है ।इसके सबूत के तोर पर  उन सज्जन के पास एक लिस्ट है जिसमे दबा से ठीक होने बालो के नाम पते मोजूद है । लेकिन दबा देने से पहले वह सज्जन शराबी से लिखवाकर यह पकका प्रमाण लेते है की मे अपनी मर्जी से पूरे होस हवास से शराब छोडने का निर्णय लेता हूँ ' जिसके लिए मै अमुख सज्जन से यह दबा ले रहा हू ' इस दबा से कोई हानी होने पर  इसका जिम्मेदार मे खुद रहूगा । सज्जन के अनुसार वे यह लिखित प्रमाण  इसलिए लेते है ।क्योकि इस दबा का सबसे बडा दुशपरिणाम यह है की दबा खाने के बाद  एक साल तक यदि शराबी ने धोखे से भी शराब का एक भी घूट पी लिया तो उसकी मोत होना निश्चित है ।इसका भी झूठा प्रमाण  उन सज्जन के पास है कुछ शराबी जो अव  इस दुनिया मे नही है ' उनके बारे मे वह सज्जन कहते है की वे लोग  इस दबा का दुर  उपयोग करने के कारण ही मरे है । हालाकी यह सही नही है पर वे शराबी को पक्का यकीन दिलाने के लिए एसा कहते है ।अब  इसका परिणाम यह होता है की जो लोग दबा खाने के बाद मरने के डर से शराब छोड देते है ' उनकी शराब की लत छूट जाती है ।और  उनका नाम सज्जन की लिस्ट मे लिखा जाता है ।और जो लोग दबा पर विश्वास नही करते या मरने से नही डरते उनकी शराब नही छूटती उपर से उनका दस हजार का नुकसान हो जाता है । यह है इस दबा की पूरी सच्चाई ।
लडका पैदा होने की झूठी दबा की सच्चाई ।
मैने एक  एसे बाबा के बारे मे सुना है जो गर्भबती महिलाऔ को लडका पैदा होने की जडी देता है ।जिसे खाने पर केवल लडका ही पैदा होता है ।
इसकी पूरी हकीकत यह है की जिन महिलाऔ को बाबा की जडी खाने से लडके पैदा हो जाते है ' { इसमे दबा का कोई काम नही होता यह तो लडका ही पैदा होना था } पर बाबा के कहने पर लडका पैदा होने बाले लोग बाबा के गॉव जाकर वहाँ के मंदिर पर भंडार करते है जिससे बाबा की दबा का प्रचार प्रशार होता है ।
जिन  औरतों को बाबा की जडी खाने पर भी लडकी पैदा होती है वे बापस लोटकर ही नही आती जिससे की बाबा की जडी झूठी साबित हो और दुशरे लोगो को हकीकत का पता चले ' और यदि कभी कोई औरत बाबा के गाव लडकी पैदा होने की शिकायत ले कर  आती भी है तो बाबा उलटा उसी को दोश देते है की तुमने खाने पीने मे परहेज नही किया होगा या नियम से दबा नही ली होगी आदि ।और फिर बाबा कहता है की मै कोई भगवान थोडी ना हू ' मैने तो दबा दी थी अब  आगे उपर बाले की मर्जी ' और तुम्हारी किसमत है । एसा कहकर बाबा उन्हें चुपचाप बिदा कर देता है ।
{घर का जोगी ' जोगडा आन गॉव का शिद्ध " दूर के ढोल सुहावने }

बुधवार, 7 सितंबर 2016

नकली चॉदी का चूडा ।

मेरा भारत महान ' बहुत अधविश्वासी देश है । अंधविश्वासो को पालने पोसने मे श्रम बिरोधी ब्राह्मणों का बहुत बडा हाथ है ।क्योंकि इनके धंधे तो अंधबिश्वास पर ही कायम है । मुंशी प्रेमचंद्र की रचना " गोदान " के पात्र  और वह जन जीवन  आज भी भारत के गॉवो मे बसता है ।
भादो मास के शुक्ल पक्ष की सातवी तिथि को संतान सातें के दिन माताए अपनी संतान की लंबी आयु की मंगल कामना करती है और  उपवास रखतीं है । एवं संतान की रक्षा के लिए उन्हें  चॉदी के कडे पहनाए जाते है । इस चूडा प्रथा के चलते  गॉव दिहातो मे नकली चॉदी के चूडे धडल्ले से बिकते है ।चूडा बेचने वाले सोनी गॉवो मे फेरी लगाकर चूडे बैचते है ।और चूडे का बिल या रशीद आदि कुछ भी नही देते ' चूडा नकली होनेमके सवाल पर केवल यह मोखिक तर्क देते है कि यदि चूडा नकली निकला तो हम  इसी कीमत पर बापस ले लेगे  ।
बेचारी गॉव की अनपढ़ गवार भोली महिलाए एक  एक रूपया जोड कर रखतीं है ।और संतान के लिये उस जमा पूजीं को गवा देती है । नकली चॉदी के चूडे बेचने वाले ठग  उन्हें ठग कर ले जाते है । जव दो चार साल मे चूडे इकट्ठा होने पर  इनहे बैचने ले जाया  जाता है तब  इन चूडो की अशलियत सामने आती है की यह चूडे तो नकली है । लेकिन अब पछताए होत क्या जब चिडियॉ चुग गई खेत ।

  " जाग री नारी भविष्य तेरा ही है "
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मंगलवार, 6 सितंबर 2016

पसाई धान की खेती ।

पसाई धान
धान की एक जाती है जो कुदरती रूप से बारिश के मोषम मे ताल तलैयो मे पानी मे उगती है । इसके चावल लाल रंग के होते है ।पसाई धान के चावलो का उपयोग सबसे जादा रिश्री पंचमी के दिन होता है । इस दिन महिलाए उपवास रखती है । एसी मान्यता है कि  इस  उपवास मे केवल पसाई धान के चावलो की खीर ही खाई जाती है ।
रिश्री पंचमी के दिन पसाई धान के चावलो की भारी मॉग होती है । यह चावल बाजार मे ढूडे नही मिलते ' और मिलते भी है तो मन के भाव 25 रूपये के 50g यानी 500 रूपये किलो के भाव पर मिलते है ।
पसाई धान की खेती_ यदि पसाई धान के बीजों को संग्रह करके इसकी खेती की जाए  तो यह  एक लाभदायक खेती शिद्ध हो सकती है ।
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सोमवार, 5 सितंबर 2016

ब्लॉग से कमाई कैसे करें ।

ब्लॉगिंग दुनिया का सबसे स्मार्ट वर्क है ।
ब्लॉक से कमाई के लिए ' सबसे पहले तो ब्लॉग इंग्लिश मै होना चाहिए ।जिससे दुनियाभर से पाठक ब्लॉग पर  आ सके । दुशरे यदि ब्लॉग हिंदी भाषा मे भी हो तो इसके लिए फिर ब्लॉगर के पास  अपने खुद के प्रोडेक्ट होना चाहिए । प्रोडेक्ट के एड  एडवर्ड की की सहायता से अपने ब्लॉग पर लगवा कर  उनकी बिक्री से अच्छा रूपया कमाया जा सकता है ।
यदि उपरोक्त दोनों उपाय ब्लॉगर नही अपना सके तो फिर एडसेंस के विज्ञापन ब्लॉग पर लगवा कर कमाई की जा सकती है ।इसके लिए कम से कम 30 ब्लॉग पोस्ट हो ' एवं ब्लॉग छह माह पुराना हो ' और ब्लॉग पर तीन हजार के लगभग  अॉडियंस हो तब  एडसेंस को एप्लीकेशन देकर ब्लॉग पर गूगल के एड लगते है ।इसके बाद सौ डालर पूरे होने पर गूगल पेंमैंट देता है ।
एडसेंस से ब्लॉगर को कमाई तो होती है पर बहुत कम जिस पर  आश्रित नही रहा जा सकता है ।क्योंकि सप्ताह भर मे एक या दो हिट मिलते है ' जिससे महिने भर मे ब्लॉगर की झोली मे चद डालर ही पडते है । ब्लॉगिंग बतोर  एक पार्ट टाईम काम है । 
हिंदी ब्लॉग से हर महिने 100 डॉलर कमाने के लिए ' किसी एसे विषय पर हर दिन पोस्ट लिखना चाहिए ' जिस विषय को पाठक गूगल पर सबसे जादा सर्च करते हो ' एबं लाखों की संख्या मे पाठक ब्लॉग पर  आते रहे । कमाई पाठकों पर डिपेंड करती है जितने जादा पाठक ब्लॉग पर  आएंगे तो उनमे से कुछ  एड पर भी क्लिक करेगें  और कमाई के अवसर बढेगे । यानी ब्लॉग पर जितने जादा पाठक  उतनी ही जादा कमाई ।
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शनिवार, 3 सितंबर 2016

हाथ की चक्की

मित्रो यह वही चक्की है जो लालभुजक्कड की समझ मे आई थी । और गॉव के रास्ते की धूल पर पडे निशानो के बारे मे गॉव बालो के पूछने पर लालभुजक्कड जी ने कहा था कि _ लालभुजक्कड बुझ के और न बूझे कोय' पैर मे चक्की बॉध के कोई हिरना कूदा होय ।
यह चक्की गवाह है मानव सभ्यता की इसने अनेक जमाने देखे होगे ' क ई  स्त्रियों ने इसे चलाते हुए गीत गाए होगे 'इसने अपने आटे से कितनो की भूख मिटाई होगी ।
पर  अब यह शंत  और मोन बैठी है घर के किसी सुनसान कोने मे और गवाही देती है अतीत की जो समय  गुजर गया है  ।

कुम्हार की चॉदी


चूना उघोग, कम लागत, आधिक मुनाफा

  आज भारत मे 75 पैरेंट लोग पान में जो चुना खाते है।  इस चूने को बनाना और इस तरह की डिब्बी में भरकर बेचने वाले लोग भारी मुनाफा कमाई करते है।