सोमवार, 3 अक्तूबर 2016

अमिताभ बचचन का एड लोकप्रिय ।

इन दिनो टीवी चेनलो पर दिखाया जाने बाला टाटा स्कइ सेट  अप बॉक्स का विज्ञापन बच्चो और महिलायो को खूब भा रहा है । क्योंकि इस  एड मे अमिताभ कठपुतली का नाच दिखा रहे है ।
अमिताभ बच्चन के एड की लोकप्रियता से पता चलता है की भारत मे "नरेन्द्र मोदी " के बाद सबसे अधिक जाना जाने बाला अगर कोई है ' तो वह  अमिताभ बच्चन हैं । अमिताभ बच्चन को भारत की 75% के लगभग जनता पहचानती है ।
अमिताभ बच्चन का संछिप्त परिचय _
अमिताभ बच्चन का जन्म स्थान बनारस है ' उनके पिता कवि हरिबंश राय बच्चन थे ' इस समय  अमित  अपने परिवार के साथ मायानगरी मुम्बई के बॉद्रा मे रहते है । उनकी पत्नी जया बच्चन झीलों की नगरी भोपाल की है ' जो कभी झील के कमल की तरह खिलती हुई अदाकारा थी अब राजनीत मे है । उनके बेटे अभिषेक बच्चन भी अभितेता है । बहू एशवरिया राय जो एक समय दुनिया की सबसे सुन्दर स्त्रियों मे गिनी जाती  थी  और  अच्छी अभिनेत्रियों मे भी ' अमित की पोती आराध्या है ।
अमिताभ बच्चन  आध्यात्मिक विषय मे भी रूची रखते है । वे ओशो से बहुत प्रभावित है ।एक जमाने मे अमिताभ भारत के भूतपूर्व प्रधान मंत्री राजीवगाँधी के अच्छे मित्र थे  ' उनकी दोस्ती अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा के साथ भी गहरी रही है ।उसी दोर मे इस जोडी की फिल्म दोस्ताना आई थी । अमिताभ बच्चन अभिनीत फिल्मों मे सबसे लोकप्रिय फिलमे दीवार ' शहनशाह ' शोले ' कुली ' आज का अरजुन ' बागवान प्रमुख है ।
अमिताभ बच्चन  इटरनेट पर भी एक ब्लॉगर है उनका ब्लॉग इग्लिश मे है ।अमिताभ बच्चन की सबसे बडी विशेषता यह है की इस दोर की पीडी भी उन्हें उतना ही पसंद परती है ' जितनी पुरानी पीढी करती थी और करती है ।

अमिताभ बच्चन को एड मे देखकर  एक 80 साल का बूढा कहता है _ अरे यह बूढा अभी भी नाच रहा है !

लव मेरिज ।

love 💏
प्रेम करना पाप नही है । पर प्रेमी के साथ शादी करना जरूरी नही है ।

नवरात्र मे ध्वनि प्रदूषण ।

नवदूर्गा  के आते ही ध्वनि प्रदूषण तेज हो जाता है ।जो दस दिन तक लोगों की रातों की नीद हराम करता है ।  हर झाँकी पर लाऊडस्पीकर लगे होते है जिन पर दिन रात भनन के रिकॉर्ड बजते है ।जिनसे निकलने वाली तेज ध्वनि तरंगों के कारण लोगों का ध्यान भटकता है 'विचार विषय का शोध नही कर पाता ' जिससे लोगों को काम काज के निर्णय लेने मे कठिनाई होती है । लोगों को आपसी संवाद मे भी बाधा महसूस होती है । झॉकियो पर लगे माइक की तेज  आवाज से बच्चों की पढाई भी बहुत प्रभावित होती है । कुछ दुर्गा झॉकी पर तो बडे बडे डी जे साऊड बजते है ' जिनसे निकलने बाली तेज  आवाज कान फोडती है । इस  आवाज का असर नवजात बच्चों के कान पर बहुत घातक हो सकता है ।
रवरात्र मे होने वाले ध्वनि शोरगुल के बिरोध मे आवाज उठाने पर स्थानिय दुर्गा उत्सव समीतियॉ चढ बेठती है ' उनका कहना होता है की हमारी आस्था पर ठेस पहुचाई जा रही है ।
पर धर्म की आड मे रात दिन लगातार तेज  आवाज मे माइक बजाने की मनमानी सरासर गलत है । इस विषय पर कडे नियम  कानून  लागू होने की जरूरत है । नियम  अनुसार रह झॉकी पर सुवह शाम  एक  एक घंटे पूजा आरती के समय पर ही माइक बजना एलाऊड होना चाहिए । सही मायने मे वही धार्मिक कार्यक्रम सही होता है जिससे दूशरो को असुबिधा नही होना चाहिए ।
          
                                       🌹🌹   "जय दुर्गे ' जय  अम्बे "🌹🌹

चूना उघोग, कम लागत, आधिक मुनाफा

  आज भारत मे 75 पैरेंट लोग पान में जो चुना खाते है।  इस चूने को बनाना और इस तरह की डिब्बी में भरकर बेचने वाले लोग भारी मुनाफा कमाई करते है।