गुरुवार, 23 मार्च 2017

सबसे सरल विजनस नेटवर्क मार्केटिंग ।

मल्टी लेवल मार्केटिंग या नेटवर्क मार्केटिंग को डायरेक्ट सेलिंग भी कहते है । यह विजनस सबसे पहले कनाडा मे शुरू हुआ था । इस सिस्टम से कंपनी अपने उत्पाद सीधे ग्राहक तक पहुचाती हैं और  उन विजनस करने का भी मोका देतीं है । यह विजनस सबसे सरल विजनस है । नेटवर्क मार्केटिंग का विजनस कोई भी व्यक्ति कर सकता है और  आय पा सकता है ।क्योंकि इस काम मे न  अधिक पढाई लिखाई की जरूरत होती है 'न रूपयो की ना अधिक मेहनत की और ना समय का बंधन ना उम्र की सीमा ' इस विजनस मे स्थान की भी जरूरत नही पडती है ।जव चाहे जितना चाहे जहाँ चाहे काम करे ओर पैसा कमाए । और यह विजनस करने की ट्रेनिंग भी कपनी अपने ग्राहको को फ्री मे देती है । बस  अपनी मन पसंद नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी को चुनकर  उसकी ज्वाइनिंग लेना होता है । इन कपनीयो की ज्वाइनिंग जीरो से लेकर 15 हजार रूपये तक है । इसके बाद हमे उस कंपनी के उत्पाद खरीदना होता है । तो वह तो हम दुशरी कंपनी के भी खरीदकर स्तमाल करते है । अब  अपनी कंपनी के खरीदकर  उपयोग करे जिन पर हमे कमीशन भी मिलेगा ।और हम दूशरो को कंपनी मे ज्वाइन करेगे और वह लोग भी कंपनी के प्रोडक्ट खरीदेगे उन पर भी हमे कमीशन मिलता है । इस तरह दिन दूना रात चौगना हमारा विजनस बढता जाता है । और  इस विजनस मे एक मुकाम पर पहुचने के बाद हमे कुछ नही करना पडता और कंपनी हमे पैसा देती रहतीं हैं बस कंपनी से जुडे रहने के लिए उसके उत्पाद खरीदते रहना होता है ।
कुछ कंपनी है जो नेटवर्क मार्केटिग का काम करती है । इनमे से कुछ चुनिंदा कंपनीयो के बारे मे सछिप्त मे हम नीचे जानकारी दे रहे है ।
IMC इंटरनेशनल मार्केटिंग कॉर्पोरेशन _ यह  एक मल्टीलेवल कंपनी है । इसकी स्थापना 2007 मे हुई है । यह कंपनी भारत सहित दुनिया के 15 देशो मे व्यापार करती है । इस कंपनी के 200 से भी अधिक प्रोडक्ट है जो WHO दुवारा प्रमाणित है । इन सभी आयुर्वेदिक प्रोडक्ट मे मेडिसिन ' व्यूटिशन ' वेटनरी 'होमकेयर 'हेल्थकेयर 'एवं पर्सनल केयर प्रोडक्ट है । इस कंपनी मे ज्वाइनिंग फ्री है । इस कंपनी का मुख्य कार्यायल लुधियाना मे है ।
RMP इंफोटेक _ इस कंपनी की स्थापना सन 2001 मे हुई है । यह कंपनी कॉस्मेटिक ' होमकेयर  आदि उत्पाद बेचती है ।इस कंपनी का हेड  अॉफिस चिन्नई मे है ।
Amwayएमवे _यह  अमेरिका की कंपनी है इसकी स्थापना 1959 को हुई है । यह कपनी भारत मे 20 साल से व्यापार कर रही है ।यह कंपनी कॉस्मेटिक 'हेल्थ आदि प्रोडक्ट बेचती है ।
Oriflame अॉरिफलम - इस कंपनी की स्थापना  सन1947 मे हुई थी जब भारत को आजादी मिली थी । यह कंपनी कॉस्मेटिक के बहुत सारे उत्पाद नेटवर्क मार्केटिंग से बेचती है । और  इसका व्यापार 50 देशो मे चलता है ।
Tupperwareटुप्परवयर - यह  अमेरिका की की कंपनी है । इसकी स्थापना 1996 मे हुई है । यह कंपनी डायरेक्ट सेल्स मे किचन के प्रोडक्ट का व्यापार करती है ।
Avon एवन 'यह न्यूयॉर्क की कंपनी है इसकी स्थापना1886 मे हुई है ।यह कंपनी कॉस्मेटिक ' व्यूटी प्रोडक्ट  एव पर्सनल केयर के प्रोडक्ट बेचती है ।
DSO देव सॉफ्ट ओवरसस ' इस कंपनी की स्थापना सन 2000 मे हुई थी । यह कंपनी सॉफ्टवेयर और हाडवेयर का व्यापार करती है । इसका हेड  अॉफिस दिल्ली मे स्थापित है ।

U हिन्दुस्तान यूनीलीवर _इस कंपनी को कोन नही जानता यह कपनी भारत मे बहुत लोकप्रिय है यह कंपनी कॉस्मेटिक  और खाने के प्रोडेक्ट का व्यापार करती है ।इसके उत्पाद बेस्ट क्वालिटी के होते है
BMS वालाजी मल्टी सर्वीस _ इस कंपनी की स्थापना सन 2008 मे हुई थी ।और यह कंपनी बीमा के क्षेत्र मे काम करती है ।
HLM  रियल  इंडिया लिमिटेड _ इस कंपनी की स्थापना सन 2010 मे हुई है ।यह कंपनी डायरेक्ट विजनस प्लान उपलबध कराने का काम करती है ।
Tiens टिंस ग्रुप _ यह चाइना की कंपनी है । इसकी स्थापना सन 1995 मे हुई थी ।यह कंपनी दुनिया के 200 देशो मे व्यापार करती है ।यह कंपनी हेल्थ केयर प्रोडक्ट के साथ ही होटल और टूरिज्म एवं रियल स्टेट मे व्यापार करती है ।
Herbalife हर्बल लाइफ _इस कंपनी की स्थापना सन 1990 के आसपास हुई थी ।और यह कंपनी एनर्जी' फिटनिस' एवं पर्सनल केयर के प्रोडक्ट बेचती है । कंपनी का हेड  अॉफिस बेन्गलूरू मे है ।
Modicare मोदी केयर _यह कंपनी मोदी ग्रुप की भारतीय कंपनी है ।इसकी स्थापना सन 1996 मे हुई थी ।यह कंपनी पर्सनल केयर ' हेल्थ केयर  एवं होम केयर प्रोडक्ट का व्यापार करती है ।इस कंपनी का हेड  अॉफिस दिल्ली मे है ।

RCM राइट कंसेप्ट मार्केटिंग _ यह भारत की कंपनी है इसकी स्थापना सन 2000 मे हुई है पहले यह कंपनी केवल कपडे का कारोबार करती थी । आब हय कंपनी आदमी की जरूरत के अधिकंश  उत्पाद बेचती है ।।इस कंपनी का मुख्य कार्यालय भीलवाडा राजस्थान मे है ।
Securelife सेक्योर लाइफ् _यह भारत की कंपनी है इसकी स्थापना सन 2000 मे हुई है ।यह कंपनी शिक्षा स्वास्थ्य बीमा और फेशन के क्षेत्र मे काम करती है ।

नोट_ उपरोक्त सभी कंपनीयो के बारे मे विस्तार से जानकारी लेने के लिए आप गूगल की मदद से जान सकते है । कंपनी के बारे मे सही जानकारी के बाद ही कंपनी की ज्वानिंग लेने का निर्णय लेना उचित होगा ।
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सोमवार, 13 फ़रवरी 2017

हवा मिठाई का विजनस ।

हवा मिठाई का अविष्कार सबसे हले यूरोप मे 19 वी सताब्दी मे हुआ था । इसके बाद यह मिठाई कॉटन कैंडी के नाम से दुनिया मे प्रशिद्ध हुई ।
कॉटन कैंडी _गुडिया के बाल नाम से जानी जाने वाली हय मिठाई बच्चो की पसंदीदा मिठाई है ।
कॉटन कैंडी का विजनस कम मेहनत कम लागत से शुरू किया जाने वाला गृह  उधोग है ।जो अधिक मुनाफा देता है । इस काम को कोई भी साधारण सूझवूझ वाला आदमी मात्र 2000 रू की लागत से आरंभ कर सकता है । जहाँ पर कॉटन कैंडी बनाने का काम होता है वहॉ से तीन दिन की ट्रेनिंग लेकर यह काम सीखा जा सकता है । इसके बाद जरूरत होती है कॉटन कैडी बनाने बाली मशीन की जो बाजार मे 10_15 हजार रूपये की कीमत मे मिलती है ।छोटे स्तर पर काम करने के लिए मिनी कॉटन कैंडी मेकर से भी काम चलाया जा सकता है जो और भी कम कीमत पर मिल जाता है । इसके बाद कच्चे माल के रूप मे - चीनी ' तेल ' खाने के रंग ' स्टिक (काडी) फलो के एसेंस ' प्लास्टिक पीपी (पन्नी ) आदि की जरूरत होती है । इसके बाद तो 200 रू के कच्चे माल से हजार रू का माल तैयार होता है क्योंकि एक किलो चीनी से लगभग 100 कॉटन कैडी के पेकिट तैयार होते है । जो दस रू पेकिट के हिसाव से बिकते है । कॉटन कैंडी बेचने के लिए भी किसी स्टाल या विशेष स्थान की जरूरत नही है । इन पेकिटस को एक डंडे पर लटकाकर फेरी लगाकर बेचा जाता है ।
कॉटन कैंडी मे कुछ नया करने की जरूरत है ।
हम देखते है की हवा मिठाई बेचने बाले सादे पेकिट मे एक ही रंग की हवा मिठाई बेचते देखे जाते है और  उस मिठाई मे मीठे के अलावा कोई स्वाद व सुगंध भी नही होती है । जवकि आज खाने की सभी वस्तुओं मे सुगंध का उपयोग अनिवार्य है । इसलिए कॉटन कैडी मे भी आम ' नीबू ' संतरा 'आदि की सुगंध का प्रयोग करना चाहिए यह खादय सुगंधियॉ आज सहज  सुलभ है । इसके साथ ही यह कैडी पूरे सातो रंगों मे बनाना चाहिए । इस कैंडी की पेकिंग भी प्रिंट होनी चाहिए ।और कॉटन कैडी के हर पेकिट मे बच्चो की पसंद की कोई सस्ती छोटी चीज डालना चाहिए 'जैसे - फोटो 'स्टीकर 'मनोरंजन बैक नोट ' आदि इन प्रयोगो से बच्चो को कॉटन कैडी की तरफ  आधिक  आकृशित किया जा सकता है ।

गुरुवार, 2 फ़रवरी 2017

रोजगार शिक्षा ' प्रशार मे कमी है !

यह सूचना क्रांति का युग है जहाँ हर तरह की जानकारियॉ सहज सुलभ है । पर  आदमी की पहली जरूरत रोजगार है ।और रोजगार जैसे महत्वपूर्ण विषय की शिक्षा का ही देश मे अभाव है । जिसके कारण देश मे बेरोजगारी की समस्या है ।
समाचार पत्र- समाचार पत्र देश मे पतझड के पत्तों की तरह रोज छपते है । पर  इनमें रोजगार से संवंधित संमंग्री बहुत कम होती है ।  और रोजगार विषय पर आधारित  एक पत्र को छोडकर कोई दूशरा समाजार पत्र नही छपता है ।
पत्रिकाए- प्रिंट मीडिया मे लगभग सभी विषयो पर पत्रिकाए है । लेकिन  उधोग धंधे पर कोई पत्रिका नजर नही आती ।
रेडियो - रेडियो स्टेशनो पर भी रोजगारो से संवंधित कार्यक्रम नाम के लिए ही प्रशारित होते है ।रेडियो पर भी रोजगार विषय पर  आधारित  अलग से कोई स्टेशन नही है ।
टीवी -प्रशार भारती की टीवी सेवा के सो से भी अधिक टीवी चेनल है जो देश के कोने कोने तक पहुचकर  अपना प्रशारण देते है। पर रोजगार विषय का कोई भी टीवी चेनल नही है ।
इंटरनेट -इटरनेट पर तो हर विषय की जानकारियो का खजाना है । लेकिन हर  आदमी की पहुँच इंटरनेट तक नही है ।
फिल्म - फिल्में मनोरंजंन के साथ ही शिक्षा काभी  एक  अच्छा माध्यम होती है । पर फिल्मों से भी काले धंधो की ही शिक्षा जादा मिलती है जिससे युवा काले धंधो की तरफ  अकृशित होते है ।
स्कूल - स्कूलो मे भी रोजगार  उनमुखी शिक्षा नही दी जाती । प्रथमिक शिक्षा के पाठयक्रम मे रोजगार की शिक्षा से संवंधित कोई भी पाठ या अध्यक्ष शामिल नही है ।जवकी रोजगार का एक विषय अलग से होने की जरूरत है ।
सरकार- भारत सरकार की कुछ योजनाए है जिनके तहत रोजगार संवंधी प्रशिक्षण देने की व्यावस्था है । पर यह योजनाए भी जमीनी स्तर पर खरी नही उतरती और गांव के लोगो तक  इनका लाभ नही पहुंच पाता और लोग  इससे वंचित रहते है । उधोग धंधे के लिए सरकार की तरफ से लोन की व्यवस्था है ।पर  इसका परिणाम यह होता है की लोग सरकारी रिण लेकर  उधोग स्थापित करते है और फूल है जाते है । इसलिए धंधे के लिए रूपए से जादा जरूरी होती है शिक्षा  उस काम का सही ज्ञान उसकी पूरी जानकारी । तभी उधोग धंधा सफल होता है ।
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मंगलवार, 31 जनवरी 2017

दुकान से दुगनी कमाई करने का तरीका ।

दुकान चलाने का फंडा -दुकान चलाने के आम तरीको से जितनी कमाई होती है ।उससे दुगनी कमाई इस फंडा से होती है । हर दुकानदार यही चाहता है की उसे अपनी दुकान से आधिक से अधिक आय हो पर कैसे ?
एक गॉव मे रोड पर बस स्टाफ के पास  एक बडी किराना स्टोर है जहाँ स्टेशनरी अदि सामान भी मिलता है ।वहाँ पर लिखा है "कृपया ग्राहक छुट्टे रुपये दे " एक यात्रा के दोरान मे उस दुकान पर पहुचा ओर मेने वहॉ से एक लीडपेन खरीदा और दुकानदार को बीस रुपये का नोट दिया 'तो वह दुकानदार कहने लगा भैया छुट्टा नही है आप  एक पेन  और ले लीजिए आप के बीस रुपए पूरे हो जाएगे । तब मेने एक पेन  और खरीद लिया । मे कुछ देर  उस दुकान पर रुका और मेने देखा की हर  अजनवी ग्राहक के साथ  एसा ही किया जा रहा था । एक वस्तू खरीदने पर वह दुकानदार छुट्टे रुपये ना होने के वहाने से लोगो को दो वस्तुए बेच रहा था । पर  उसी गांव के स्थानीय लोगो के साथ  एसा नही करता था वह दुकानदार क्योकि वह  उसके नियमित ग्राहक थे ।मेरे सामने उसी गांव की एक लडकी ने उस दूकान से दस रुपए के चॉकलेट खरीदे और बीस का नोट दिया तो दुकानदार ने उस लडकी को तुरंत दस का नोट वापस कर दिया ।यह देखकर मुझसे रहा नही गया ' और मेने दुकानदार से कहा - आप  अभी तो कह रहे थे की दस का नोट छुट्टा नही है ' छुट्टे रुपयो के वहाने से जायदा सामान बेचने का आपका यह तरीका सही नही है ' आप तो अजनवी ग्राहको को ब्लेकमेल करते है ।
मेरी बात सुनकर वह दुकानदार मुस्कुराते हुए बोला _ भैया हमारे लिए तो ग्राहक भगवान के बराबर होता है ' और हम किसी भी ग्राहक को परेशान नही करते बल्कि उनकी सेवा करते है ।और छुट्टे रुपयो को लेकर वहस ना हो इसलिए हमने पहले से ही यह लिखा है कि "कृपया ग्राहक छुट्टे रुपए दे " यदि ग्राहक के पास छुट्टे रुपये नही है तो वह हमसे सामान न खरीदे ' और  अगर किसी को मामान लेना जरूरी है तो फिर वह हमसे एक वस्तु एस्ट्रा खरीदे । इसमे गलत क्या है । यह तो हमारी धंधा करने की नीति है ।और मजवूरी का लाभ लेना ही तो धंधे का उसूल होता है । तो हम तो धंधा कर रहे है ।आपको और कुछ कहना है यदि नही तो अब  आप जा सकते है । यह सुनकर मे चलता बना ।और  अब मेरी समझ मे आया की यह दुकानदार भी ठीक ही तो कह रहा है ' यह तो अपना अपना धंधा करने और  अधिक रुपये कमाने का तरीका है । इस तरीके से बह दुकानदार दुगना सामान बेचकर दुगना मुनाफा कमाता है ।फिर भी वह दुकान धडल्ले से चलती है । यही है दुकान चलाने का नायाब फंडा  जो चाहे अपनाए ।
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सोमवार, 23 जनवरी 2017

यह मेरे भारत की पहचान ।

जिसके नाम ' आर्यवर्त ' इंडिया ' भारत और हिन्दुस्तान "
यह मेरे भारत की पहचान "

जिसकी भाषा हिंदी ' धर्म हिंदू ' सागर हिंद और  नाम हिन्दुस्तान "
 यह मेरे भारत की पहचान "

जहाँ के भगवन ' राम ' कृष्ण ' महावीर    ओर बुध भगवान "
 हय मेरे भारत की पहचान "

जहाँ थे जन्मे ' वाली ' रावण ' भीम  और महावली हनुमान "
यह मेरे भारत की पहचान "

जिसके दानी ' कर्ण ' हरीश्रचंद्र 'राजा वली ओर मोरतधव्ज का महादान "
 यह मेरे भारत की पहचान "

यहॉ के उत्सव ' होली ' दिवाली 'दशहरा और रक्षाबंधान "
यह मेरे भारत की पहचान "

जिसकी बुलंदी ' कुतुम्बमीनार ' ताजमहल 'अजता और लालकिले सी शान "
यह मेरे भारत की पहचान "

जिसके अंग ' सिर श्रीनगर 'नाक नागपुर ' दिल दिल्ली और मुम्बई मेरी जान "
यह मेरे भारत की पहचान "

जिसका चिन्ह ' मोर 'शेर 'कमल का फूल  और तिरंगा निसान " 
यह मेरे भारत की पहचान "
🌷🚜🌷⛺🎌💗👳जय किसान👳

गुरुवार, 19 जनवरी 2017

सिनेमा और टीवी इतिहास के सुन्हरे पल ।

केमरा का सबसे पहला आविष्कार इराकी बैज्ञानिक 'इब्न  अल हुजैन ' ने सन 1015 से1021 के बीच किया था । इसके बाद केमरा विकास करते करते आज हर मोवाइल फोन सेट मे आने लगा है ।
भारत मे सिनेमा का आरंभ ।
1886 मे भारत मे सिनेमा की शुरूवात हुई ।जब बंबई के एक हॉटल मे ल्यूमेरे ब्रर्दस ने कुछ चलचित्रो का प्रदर्शन किया था । दादा सहिव फालके ने पहली मूक फिल्म 'राजा हरिश्रचंद्र' बनाई । जिसे 1913 मे दिखाया गया था । इसके बाद भारत मे मूक फिल्मे बनने का चलन  आरंभ हुआ । 1930 मे भरत मे पहली बोलती फिल्म ' आलम  आरा ' बनी जो उरदू भाषा मे थी इसे 1930 मे दिखाया गया था । आलम  आरा का निर्देशन  अर्देशिर  इरानी ने किया था । 1937 मे रिलीज हुई भारत की पहली रंगीन फिल्म ' किसान कन्या ' इस फिल्म के निर्माता अर्देशिर  इरानी थे । किसान कन्या हिंदी भाषा मे पहली रंगीन मूवी थी । इसके बाद बहुत सी फिल्मे बनी ।
शोले _15 अगस्त 1975 मे भारत की सबसे सुपर हिट फिल्म शोले आई । इस फिल्म के निर्माता निर्देशक जे पी शिप्पी और  उनके पिता रमेश शिप्पी थे । इस फिल्म ने सफलता की बुलंदी को छुआ । शोले के मुख्य आदाकारो मे अमिताभ बच्चन ' जया भादडी (जया बच्चन) धर्मेद्र' हैमामालनी ' अमजद खान थे । इन कलाकारो का अभियान इस फिल्म मे हकीकत के करीब है । शोले दुनिया की सबसे अधिक देखी गई फिल्म बनी । हय फिल्म उस समय भोपाल के एक सिनेमाघर मे तीन साल तक चलाई गई ।और देखने बालो ने इसे बार बार देखा । शोले फिल्म ने खूब दोलत  और शोहरत कमाई ।
भारत मे टेलीविजन [टीवी] का आरंभ ।
भारत मे1959 को पहलीबार टीवी का प्रशारण  आरंभ हुआ ।1984 मे डीडी मेट्रो चैनल शुरू हुआ ।इसी सन मे पहला टीवी सीरियल हमलोग  टीवी पर दिखाया गया ।इसके बाद' खानदान' इधर  उधर ' आदि टीवी धाराबाहिक टीबी पर  आने लगे थे । फिर भी टेलीविजन टीवी का नाम बहुत कम लोग ही जानते थे । बीमारी का नाम टीवी लोगो ने जरूर सुना था ।पर देखने वाली टीवी को नही देखा था ।
रामायण धाराबाहिक - 25 जनवरी 1987 को निर्माता निर्देशक रामानंद सागर का लोकप्रिय धाराबाहिक रामायण पहली बार दिखाया गया । जिसे देखकर लोग दिवाने होए ।घर घर मे इसकी चर्चा होने लगी ।यह सीरियल रविवार के दिन सुवह 30 मिनिट टीवी पर दिखाया जाता था । इस धारावाहिक के प्रशारण के समय भारत की जिंदगी थम जाती थी लोग  अपने काम छोडकर  इसे जरूर देखते थे । इस धारावाहिक के चलते गॉव गॉव मे टीवी पहुंच गया । उस समय गॉव के बडे किसानो के एक दो घरो मे ही टीवी सेट होता था । रविवार के दिन सुवह 9.30 बजे सारा गॉव  एक टीवी के सामने जमा होकर रामायण देखता था ।उस समय गॉवो मे बिजली नही थी फिर भी लोग ट्रेक्टर की बैटरी से टीवी चलाकर यह धारावाहिक जरूर देखते थे । यह ब्लेक व्हाइट टीवी का जमाना था । रामानंद सागर का यह धारावाहिक टीवी के इतिहास मे सबसे अधिक देखा जाने वाला सीरियल रहा ।इसमे राम की भुमिका अरुण गोविल ने निभाइ थी और सीता के रूप मे दीपिका थीं ।
महाभारत " बी आर चोपडा के लोकप्रिय धारावाहिक रामायण का प्रशारण टीवी पर सन 1988 से आरंभ हुआ । जो 1990 तक चला । यह सीरियल भी रामायण की तरह ही लोकप्रिय रहा । महाभारत सीरियल ने गॉवो के घर घर मे टीवी पहुचा दिया । इसी दोरान टीवी सेटो की धडल्ले से बिक्री हुई । टीवी सेटो के निर्माता और बिक्रेताऔ ने अटूट मुनाफा कमाया और  अमीर बन गए ।
चंद्रकाँता _नीरजा गुलेरी का लोकप्रिया धारावाहिक टीवी पर पहली बार 4 मार्च1994 को दिखाया गया था । इस समय भारत के गॉवो मे बिजली और रगीन टीवी का आगमन हो गया था ।देवकीनंदन खत्री के प्रशिध  उपन्यास पर  आधारित धारावाहिक चंद्रकांता  भी टीवी के इतिहास मे एक लोकप्रिय सीरियल रहा है । यह धारावाहिक 1996 तक टीवी के राष्ट्रीय चैनल पर दिखाया गया । इस सीरियल की मुख्य भूमिका मे अरवाज खान थे । इस धारावाहिक की कहानी राजकुमारी चंद्रकांता और  एक राजकुमार की प्रेम कथा पर  आधारित है । जो पुरानी होकर भी बहुत सुहानी लगती है ।
शोले का विडियो ।
रामायण का विडियो ।महाभारत का दृश्यचंद्रकांता की कहानी
महाभारत का दृश्य

रविवार, 15 जनवरी 2017

सफलता की चाबी ।

दुनिया मे सफलता सभी चाहते है । पर बहुत कम लोग ही सफल होते है बाकी असफल रहते है आखिर एसा क्यों होता है ? इसका उत्तर पाने और सफलता की चाबी ढूंढने के लिए ' सफलता और  असफलता पर दुनिया मे बहुत शोध हुआ है । जिसके परिणाम मे जो बात निकल कर सामने आई वह यह है की कुछ उसुलो को बार बार  अमल मे लाने का नतीजा ही सफलता होती है । वे उसूल  एवं गुर सूत्र है जैसे _ कडी मेहनत ' लगन ' गहरी इच्छा ' निरंतरता ' हर  आदमी को खुश न करना ' साकारात्मक नजरिया और  अवसर की पहचान  आदि ।
अवसर की पहचान
किसी भी काम का योग बनाने मे समय  और मेहनत लगती है ।पर कभी कभी  कुदरती योग बनता है ।जो किसी काम को पूरा करने का स्वर्णिम  अवसर होता है । हमे उस  अवसर को पहचान कर  उसका लाभ लेने की जरूरत होती है ।  कभी कभी अवसर बाधा के रूप मे भी आते है । हमारे पास  अवसर को पहचानने की नजर होनी चाहिए ' विचारको के अनुसार हर समस्या अपने साथ कोई ना कोई अवसर जरूर लाती है । अवसर समस्या के बराबर या उससे बडा छोटा भी हो सकता है । एक बात  और हर दूशरा अवसर ठीक पहले अवसर जैसा कभी नही आता भले ही वह पहले अवसर से और भी बेहतर क्यों ना हो पर बिलकुल पहले अवसर जैसा नही हो सकता है ।
कार्यो मे सहायक और बाधक कारक ।
हम हर काम तुरंत पूरा करना चाहते है पर  एसा नही होता है । क्योंकि काम पूरा करने के लिए कुछ कारको का योग होना जरूरी होता है । जब तक  उस काम से सवंधित कारक  अनुकूल नही होगे तव तक वह काम पूरा करना असंभव होता है । इन कारको मे पहले कारक हम खुद होते है इसके बाद दूशरा व्यक्ति ' वस्तुए ' रूपये ' मोषम ' और समय है ।
कामो मे बाधक  उपरोक्त छह कारको मे से पॉच कारको के अन्य विकल्प  अपनाकर काम चलाया जा सकता है । पर समय  एक  एसा कारक है । जिसका इंतज़ार करने के अलावा और कोई विकल्प नही होता है ।
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बुधवार, 11 जनवरी 2017

एक पनहारी लगे बडी प्यारी ।

एक पनहारी लगे बडी प्यारी ' जब पनघट पे आए जाए ।

हाथ मे गगरा कमर से कसेंडी चिपकाए
घर से निकले पनहारी पनघट को जाए ' एक पनहारी____

गेरो को देख मुह पर परदा गिराए
अपने प्रेमी को मुखडा दिखाए ' एक पनहारी ________

कुआ बावडी की रोंनक बढाए
नल नदिया के भाग्य जगाए ' एक पनहारी ______

 राह मे मनचले मसखा लगाए
कभी पवन पल्लू उडाए ' एक पनहारी ________

 जब पनहारी घडा सिर पर  ऊठाए
भरा घडा सीने से लग लग जाए ' एक पनहारी_____

 कुए पर बरतन नहलाए
प्यासे पथिको को पानी पिलाए 'एक पनहारी _______

कलश सिर पर रखे डगर मे खडी दिखाए
पनहारी सखिन संग घंटों तक बतियाए ' एक पनहारी लगे बडी प्यारी जब पनघप पे आए जाए ।
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रविवार, 1 जनवरी 2017

सबकुछ नया नया है ।

🎇 नया दिवस है नया माह है नया साल है '
हर पल नया नया है ' सबकुछ नया नया है ।

🌙नए तारे है नया चॉद है नया रवि है ' 
हर पल नया नया है '-----------------------

🌳नए पौधे है नई लता है नए पेड है ' 
हर पल नया नया है '-----------------

🌸 नई कलियॉ है नए फूल है नया पराग है ।
हर पल नया नया है '--_-_____-----------

🚣 नया नीर है नई हवा है नई धूप है 
हर पल नया नया है '------------------

🌃 नई जमी है नया गगन है नया अंतरिक्ष है ।
हर पल नया नया है '-----___----------------

🌄 नई शाम है नई रात है नई सुबह है '
हर पल नया नया है ' सबकुछ नया नया है ।
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शनिवार, 31 दिसंबर 2016

असली और नकली गॉधी परिवार ।

महात्मा गांधी के परिवार के बारे मे बहुत कम लोग जानते है ।अभी भी कुछ ग्रामीण जन तो यह समझते है की महात्मा गांधी की कोई संतान ही नही थी । और कुछ लोग जिनकी पहुच  इंटरनेट तक नही है वे इंदरा गांधी को ही बापू की पुत्री समझते है ।
मोहनदास गाधी का असली परिवार ।
महात्मा गांधी यानी मोहनदास गांधी की पत्नी कस्तूरवा गांधी थी । और  उनके चार पुत्र थे 'हरीलाल गांधी ' रामदास गांधी ' देवदास गांधी 'और मणिलाल गांधी । हरीलाल महात्मा गांधी के बडे बेटे थे । जो इतिहास मे बदनाम है ।कहा जाता है की हरीलाल गाधी शराबी थे । विकीपेडिया पर हरीलाल गांधी का फोटो है जिसे देखकर यह  अंदाजा लगता है की यह  अदमी नशे मे है ।  हरीलाल  इंग्लैंड जाना चाहते थे उच्च शिक्षा के लिए और बापू की तरह ही बकील बनना चाहते थे ' पर बापू ने उन्हें एसा करने से रोका था । जिससे हरीलाल कुंठित होकर बापू के कट्टर बिरोधी हो गए । बापू भी हरीलाल को अपना पुत्र नही मानते थे । बापू ने एक पत्र मे लिखा था की हरीलाल तुम मुझे सच वताओ क्या तुम  अभी भी शराव  और व्यभिचार मे लिप्त हो यदि एसा है तो मे चाहता हू की तुम मर जाओ । हरीलाल गांधी ने भी किसी पत्र मे लिखा था " जिसे लोग राष्टपिता मानते है वेहतर होता यदि वह मेरा पिता ना होता "  हरीलाल गांधी के चरित्रहीन होने और बापू बिरोधी होने के कारण ही असली गांधी परिवार को इतिहास मे संमानपूर्ण स्थान नही मिला । और  उनके पुत्र राजनीती मे भी नही आए ।बापू के पुत्र तो अब  इस संसार मे नही रहे पर बापू के नाती पोतो मे लगभग 50 सदस्य  अभी मोजूद है ।जिनमें से अधिकार गांधी परिवार के लोग विदेशों मे है बाकि भारत के बिभिन्न शहरो मे रहते है । बापू के परिवार के सबसे जादा पहचाने जाने वाले व्यक्ति बापू के सुपुत्र तुषार गांधी है जो कभी कभी टीवी पर  आते है । तुषार गांधी मुंबई मे रहते है ।
महात्मा गांधी के परिवार के बारे मे विस्तार से पढने के लिए navbhrattimes.indiatimes.comपर जाए ।
नकली गांधी परिवार का खुलासा ।
नकली गांधी परिवार के जन्मदाता पं जवाहर लाल नेहरू थे । जिनहोने यह राजनितिक षडयंत्र रचा था । पं नेहरु की पुत्री इंदिरा प्रियदर्शिनी नेहरू थी जिसने फ़िरोज खान से शादी की थी और शादी के बाद  उनका नाम मेमुना बेगम हो गया था ।परंतु पं नेहरू ने अपने दामाद  और बेटी को गांधी उपनाम का जामा पहना दिया । यह नेहरु की ही चालवाजी थी भारतवासीओ को उल्लू बनाने के लिए । इस षडयंत्र के तहत भारतियो को गुमराह करके नेहरु के बाद  इंदिरा इंदिरा गांधी बनकर भारत की प्रधानमंत्री रही । उनके बाद  उनके बेटे रोबेर्तों  राजीव गांधी बनकर भारत के प्रधानमंत्री बने । इसके बाद  राजीव की पत्नी 'एंटोनिया माईनो ' जो एक  इटालियन  इसाई है । सोनिया गांधी बनकर भारत की जनता को वेबकूफ बनाया । अव रॉल राहूल गाधी बनकर लोगो को गुमराह कर रहे है । इस परिवार के सदस्यों ने गांधीजी के  उपनाम गांधी का भरपूर लाभ  उठाया और बहुत लंबे समय तक भारत पर राज किया । और भारत के लोगो को खूब  उल्लू बनाया है । विकाश के नाम पर  अपनी ही बिल्डिग  उची की है ।
नकली गांधी परिवार  एवं नेहरू के षडयंत्र के बारे मे विस्तार से जानने के लिए ' सुदेश शर्मा के फेसबुक पेज m.facebook.com पर जाए ।

गुरुवार, 29 दिसंबर 2016

MP के पूर्व CM सुंदरलाल पटवा का निधन ।

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा को दिल का दौरा पडने से बुधवार 28 दिसंबर 2016 को उनका निधन हो गया वह 92 साल के थे ।
सुंदरलाल पटवा का जन्म 11 नवंबर 1924 मे मंदसौर जिले के कुकडेश्वर गांव मे हुआ था । 1942 मे पटवा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुडे थे । इसके बाद वह संघ प्रचारक रहे । फिर वह दो बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने ' 1998 में पहली बार  एवं 1990 से 1992 तक दो साल वह दुशरी बार मुख्यमंत्री रहे । 1997 मे सुंदरलाल पटवा दो साल  अटलविहारी की सरकार मे मंत्री पद पर रहे । बीसवीं सदी मे अटलविहारी के समकालीन नेताओं मे सुंदरलाल पटवा BJP के बहुत प्रभावशाली नेताओं मे से एक थे ।
सुंदरलाल पटवा ने मध्य प्रदेश मे अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान बहुत विकास के कार्य करवाए । भोजपुर बिधानसभा क्षेत्र मे आनेवाले गोंड आदिवासीओ के साडे बारह गांव जो अति पिछडे थे उन्हें पटवा ने गोद लिए और  इन गांवो मे स्कूल वनवाए 'पक्की सडक बनवाई और  इन गांवों को विकाश की धारा से जोडा पटवा के योगदान से यह जंगली गांव प्रकाश मे आए । सुंदरलाल पटवा को साडे बारह गांव की जनता कभी भूल नही पाएगी ।

मंगलवार, 27 दिसंबर 2016

काश अगर मे दर्पण होता ।

काश अगर मे दर्पण होता ' सबको मेरा सर्मपण होता ।

         मेरा कोई रंग न होता ' मेरा कोई रूप न होता
        मे एक खाली चोखटा होता । काश  अगर____

                         बाजार मे दुकान पर बिकता 'मकान मे दीवार पर लगता
                         कोरा काँच का तुकडा होता 'काश  अगर ________
                                       

                                             सुंदरी देखतीं मुझमे अपनी सूरत 'मे देखता उनमे अपनी मूरत
                                             एसा खुशनशीव होता । काश अगर ______________



                                                                   मुझमे अपना चहरा देखता हर सक्श ' मे खीचता उनका अक्श
                                                                   एसा नक्शा नफीज़ होता ।काश अगर ________________


सुहागिन के श्रृंगार का 'दुल्हन के उपहार का
मे सत्रहाबा सामान होता । काश अगर ____________


                             भले बुरे सब मुखडे देखता ओर दिखाता ' काले गोरे मे भेद न करता
                               सच्चाई का सवूत होता । काश अगर_____________
                               
                                                         ठोकर से टूटकर तुकडो मे बिखर जाता ' फिर भी सूरत पूरी दिखलाता
                                                             बदले का कोई भाव ना होता । काश अगर मे दर्पण होता ।
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रविवार, 18 दिसंबर 2016

ग्रामीण विकास मे स्कूल व पंचायतो की भूमिका ।

केंद्र व राज्य सरकारे ग्रामीण विकास के लिए बहुत प्रयत्नशील है । सरकार ने ग्रामीण विकास के लिए अनेक योजनाए संचालित की है । फिर भी गॉवो का विकास बहुत धीमी गती से हो रहा है । अंतिम छोर पर खडे गरीब गॉव के मजदूर तक सरकारी योजनाओ का लाभ ना के बरावर ही पहुच पा रहा है ।
ग्रामीण जन जीवन और जीवन शैली ।
देश दुनिया मे इतना विकाश होने पर भी आज ग्रामीण जन  आज दो हजार पुरानी जीवन शेली मे जी रहे है । कच्चे मकान ' मिट्टी के चुल्हे चोके '  चिराग ' चक्की ' ओखली ' अलाव सबकुछ वही पुराना है ।पुराने जीवन मुल्यो पर  आधारित है गॉव का जीवन । कृषि एवं पशूपालन के सहारे ही चलतीं है गॉव की जिंदगीयां ' ग्रामीण क्षेत्रो का वाहरी परिवेश भले ही आधूनिक दिखता है । पर भीतर से गॉव का जन जीवन अंधकार और  अंधविश्वास से भरा है । पुराने रीति रिवाज ' पुरानी भाषा बोलियां ' पुराना धर्म और परंपराए ग्रामीण जीवन मे जड जमाए हुए है । सही मायने मे ते ग्रामीण जन जीवन मे नये आधूनिक समाज का जन्म ही नही हो रहा है ।
ग्रामीण शासकीय स्कूल _ शिक्षा का अभाव गॉवो के विकास मे सबसे बडी बाधा है । दिहाती इलाकों मे सरकारी शिक्षा व्यावस्था मे बहुत सुधार की जरूरत है । शिक्षको पर कडे नियम लागू होने के साथ ही सरकारी स्कूल जल्द ही डिजिटल होने चाहिए यह  आज के समय की माँग है ।सरकारी स्कूलो के छात्र  आज भी गधो की तरह बस्ते का बोझ ढो रहे हे ' जवकि आज समाज हर क्षेत्र मे अॉनलाइन होता जा रहा है ।और  आज की सरकारी शिक्षा इस मामले मे पीछे चल रही है ।शिक्षा मे आज वर्तमान  आगे है और देश का भविष्य बच्चे डिजिटल शिक्षा मे पीछे चल रहे है ।
शिक्षा का व्यापार नही होना चाहिए ' और न ही शिक्षक रोजी कमाने या वेतन पाने के लिए शिक्षा दे ।शिक्षा सेवा और दान भाव से प्रदान की जानी चाहिए ।
ग्राम पंचायते _ग्रामीण विकाश मे पंचायत की अहम भूमिका होती है । पर  इस मामले मे ग्राम पंचायते असफल है । गॉव पंचायते सशक् होना चाहिए ।एवं डिजिटल सुविधाओं से लेश होनी चाहिए ।पंचायतो के असहयोग के कारण ही आज गॉव विकाश मे पीछे चल रहे है । सरकार सरपंच पद के लिए पिछडी जातियो के उम्मीदवारो को प्राथमिकता दे रही है जो लोग  अपना और  अपने परिवार का विकाश नही कर सके ' उन लोगो से गॉव के विकास की आशा कैसे की जा सकती है । जो लोग खुद गंदगी मे रहते है वह ' स्वछ भारत  अभियान ' मे क्या सहयोग देगे । जव तक ग्राम पंचायतो मे अनपढ गवार सरपंच रहेगे तव तक  गॉवो का विकास असभव है ।
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शनिवार, 17 दिसंबर 2016

डिजिटल लेनदेन पर करोडो रू इनाम देगी सरकार ।

ग्रामीण  इलाके मे डिजिटल भुगतान को बढावा देने के लिए ' भारत सरकार ने 15\12\2016 को दो बडी इनामी योजनाओ की घोषणा की है । यह योजनाए 25 दिसम्बर से लागू होगी और 14 अप्रैल तक चलेगी । इस 100 दिन की अवधि मे डिजिटल लेनदेन करने वले ग्रामीण जनो को रोजाना सरकार 15 लाख रू इनाम देगी ।
भाग्यशाली ग्राहक योजना _ इस योजना के अंतर्गत जो गॉव के लोग चार तरीको से डिजिटल भुगतान करेगे इनमे रूपे कार्ड' यूपीआई एप ' यू एस एस डी ' आधार समर्थित भुगतान सामिल है । इन तरीको से 50 रू से लेकर 3000 रू तक के डिजिटल भुगतान करने वालो को ही इनाम मिलेगा । पूरे भारत के ग्रामीण  इलाको के 15 हजार लोगो का चयन होगा रोजाना 100 दिन तक जिनमे से हर  एक को हजार हजार रू इनाम मे दिये जाएगे । इसके अलावा हर सप्ताह सरकार लकी ड्रा निकालेगी जिसमे 7000 विजेताओ का चयन कर  उन्हें पाँच हजार  एवं दस हजार के इनाम दिये जाएगे । यह योजना केवल ग्रामीण क्षेत्रो के लिए ह है 'जिसमे विक्रेताओ एवं सरकारी एजेसियो को किया जाने वाला डिजिटल पेंमेंट ही शामिल होगा । इनाम की रकम सीधे विजेताओ के बैक खातो मे जमा होगी । इस योजना के अंतर्गत एक ग्राहक तीन बार तक  इनाम ले सकेगा ।
डिजिधन व्यापार योजना _ यह योजना व्यापारीओ के लिए है । इसमे  डिजिटल भुगतान स्वीकार करने वाले व्यापारी एवं दुकानदारो मे से कुछ व्यापारीओ का चयन करेगी राष्ट्रीय  भुगतान निगम ' जिनहे 50_50 हजार रूपये के इनाम दिये जाएगे ।
मेगा इनामो की घोषणा - मेगा विजेताओं की घोषणा 14 अप्रैल 2016 को अंबेडकर जयंती के दिन होगी । जिसमे पहला पुरुस्कार " 1 करोड रूपये का दिया जाएगा । दूशरा पुरुस्कार 50 लाख रूपये का दिया जाएगा । तीशरा पुरुस्कार 25 लाख रूपये देय है ।
इन  इनामी योजनाओ पर सरकार अनुमानित 3 अरव रूपये से अधिक खर्च कर रही है । यह योजना गॉव के लोगो के लिए आम के आम  और गूठली के भी दाम दे रही है । तो फिर देर किस बात की आज ही सीखिए डिजिटल भुगतान के तरीके और हो जाईए तैयार  इनाम जीतने के लिए ।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजन _ यह योजना आज से देश मे लागू होगी । कालाधन से प्राप्राप्त आय  इस योजना मे जमा होगी और  इसी धन से इस योजना का संचालन होगा ।
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सोमवार, 12 दिसंबर 2016

नए सामुदायिक रेडियो स्टेशनो को 90% अनुदान ।

केंद्र सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 10 दिसंबर 2016 को ' नए सामुदायिक रेडियो स्टेशन खोलने बालो को बडे अनुदान की घोसणा की है ।जिसमे पूर्व उत्तर प्रदेशो के लिए 90% एवं अन्य प्रदेशो मे 75% अनुदान सरकार देगी ।
सामुदायिक रेडियो क्या है ।
सामुदायिक रेडियो जिसे अंग्रेजी मे 'कम्यूनिटि रेडियो ' कहा जाता है ।यह रेडियो सेवा आकाशवाणी ' एवं एफएम चैनल के बाद तीसरे नं की रेडियो सेवा है । सामुदायिक रेडियो के प्रशारण का दायरा सीमित होता है । सामुदायिक रेडियो की स्थापना लाभ कमाना नही है ।वल्कि सामुदायिक रेडियो शिक्षा और ज्ञान देने पर  आधारित होते है ।सामुदायिक रेडियो एसे समुदाय और संस्थाओ के दुवारा संचालित होते है जो जनहित मे कार्य करते है ।जैसे शिक्षण संस्थान ' स्यंम सेवी संगठन 'कृषि विज्ञान केंद्र आदि जो कृषि स्वास्थ्य शिक्षा आदि जन कल्याण के लिए काम करते है ।
सामुदायिक रेडियो का आरंभ ।
अमेरिका मे सामुदायिक रेडियो का आरंभ 1940 मे हुआ ।और ब्रटेन मे इसकी शुरूवात 1960 मे हुई ।
भारत मे पहला सामुदायिक रेडियो स्टेशन 1995 मे खुला था । जिसे चिन्नईं के अन्ना विश्वविधालय ने शुरू किया था । आज भारत मे लगभग 150 सामुदायिक रेडिये स्टेशन है ।
अपना सामुदायिक रडियो स्टेशन कैसे शुरू करै ।
देश के गांव कस्बे मे कोई भी संगठन संस्था जो यूनियन एक्ट के तहत रजिस्टर हो वह  अपना सामुदायिक रेडियो स्टेशन खोल सकती है । इसके लिए सूचना एवं प्रशारण मंत्रालय लाइसेंस देता है । सामुदायिक रेडियो शुरू करने के लिए संवंधित मंत्रालय को अॉनलाइन  आवेदन भी किया जा सकता है । इसका आवेदन शुल्क 2500₹ है । आवेदन पर विचार करने के बाद सूचना एवं प्रशारण मंत्रालय सामुदाय को लाइसेंस देता है । इसके बाद सामुदायिक रेडियो स्टेशन की स्थापना की कम से कम लागत दो लाख  आती है । इसमे पुराने उपकरण भी लगाए जा सकते है । अब तो सरकार  इस पर 90% तक  अनुदान दे रही है तो समुदाय का केवल 50 हजार तक ही खर्च होगा ।  यह रेडियो स्टेशन स्थापित करने के लिए अधिक स्थान की भी जरूरत नही पडती इसे एक कमरे से ही संचालित किया जा सकता है । इसमे एनटीना का विशेष महत्व होता है । यह  एनटीना 15 से 30 मीटर तक  ऊचा लगता है । सामुदायाक रेडियो स्टेशन मे 100बाट के ट्रास्मीटर से लेकर 250बाट तक के ट्रास्मीटर लगाने की अनुमति होती है । जो 15 किलोमीटर के दायरे तक प्रशारण देता है ।
सामुदायिक रेडियो से कार्यक्रम प्रशारण की अनुमति ।
सामुदायिक रेडियो पर प्रशारित किये जाने वाले कार्यक्रम स्थानीय भाषा मे समुदाय या संस्था ही तैयार करती है । जो सूचना ' शिक्षा 'ज्ञान पर  आधारित होते है । इसमे स्थानीय लोककलॉ और स्थानीय लोगो की रूचि के अनुसार मनोरंजन के कार्यक्रम भी देने की अनुमति होती है । एक घंटे के कार्यक्रम मे पॉच मिनट विज्ञापन भी दिये जा सकते है । पर प्रायोजित कार्यक्रम देने की अनुमति नही होती और ना समाचार दिये जा सकते है । पर  अव सूचना एवं प्रशारण मत्रालय दूरर्दशन ' आकाशवाणी ' एवं प्रिंट मिडिया के लिए नई नीति बनाने पर विचार कर रहा है । जिसमे सभी संचार माध्यमो मे सुधार के साथ सुविधाए भी दी जाएगी ।
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शनिवार, 10 दिसंबर 2016

डिजिटल मनी का आवाहन ।

देश मे अभी नोटबंदी का हू हल्ला थमा नही की भारत सरकार ने डिजिटल मनी का आवाहन कर दिया । नगदी रहित लेनदेन का मतलव है 'डिजिटल मनी 'यनी अब लोगो को नगदी रखने की जरूरत नही है ।इसके स्थान पर केवल रूपयो की संख्या पे करने का अधिकार लोगो को अपने पास रखना है ।वस्तू खरीद और सेवा के भुगतान के रूप मे यह  अधिकार किसी को भी दिया जा सकता है ।एवं लिया भी जा सकता है । डिजिटल मनी का उपयोग पारदर्शी सरल  और सुरक्षित तरीका है । इस तरीके से लोग घर बैठे दुनिया के किसी भी स्थान पर रूपयो का लेनदेन  आधा मिनट मे कर सकते है। डिजिटल मनी के चलन से देश की अर्थव्यावस्था वेग गती से चलेगी 'और देश भी इसी गती से विकास के पथ पर  आगे बढेगा । डिजिटल भुगतान के चलन से लोगो को नगदी के बोझ से मुक्ति मिलेगी 'साथ हीनगद मुद्रा के रखरखाव  और  उसकी सुरक्षा आदि से भी निजात मिलेगी । कुलमिलाकर देश मे डिजिटल मनी के चलन से लोगो को फायदा ही फायदा है । लोगो को डिजिटल मनी से डरने की जगह  इसका स्वागत करना चाहिए ।और डिजिटल भुगतान के तरीको को सीखकर  इन्हे जलन मे लाना चाहिए ।
डिजिटल मनी का रूपरंग _डिजिटल मनी का कोई रंग रूप नही है ।यह  अदृश्य शक्ति की तरह है । पर यह काम सारे करेगी । नगद मनी से भी जल्दी ।आने वाले समय मे नगदी का चलन घटकर नाम मात्र रह जाएगा । और नगदी नोटो के दर्शन बामुशकिल होगो । जो पुराने लोग नोटो की पूजा करते है उन्हें नोट तस्वीर मे जडवाकर रखना पडेगा ।क्योंकि डिजिटल मनी तो हवा मे रहेगी जो दिखाई नही देगी । केवल  उसकी संख्या का पता रहेगा की हमारे पास  इतने रूपये है । और  इनहे हम जहाँ चाहे वहाँ खर्च कर सकते हे । यह हमे अधिकार है । तो लोगो को चाहिए की उनहे मनी के रूप रंग से क्या लेना देना 'और  उसे छूने से भी क्या फायदा है । मनी से काम होना चाहिए ' जो डिजिटल मनी कर ही रही है । और क्या चाहिए । तो फिर बोलो हमारे साथ _ डिजिटल मनी 'माता तेरी विजय हो ।
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चरोटा का बहूउपयोगी पौधा ।

चरोटा सीजल पीनेसी कुल का पौधा है ।इसका वैज्ञानिक नाम केशिया टोरा है । इसे चकोडा और पुवाड भी कहते है ।विदेशो मे इसे 'इंडियन लेवरनस ' के नाम से जाना जाता है ।
निर्यात के लिए प्रतिबंधित है चरोटा ' निर्यात के लिए प्रतिबंधित लगभग 50 पौधे एसे है जिनहे महानिदेशक विदेश वयापार दुवार  इन पौधो के व्यापार और निर्यात की अनुमति तभी होगी जव  इनहे खेती करके पैदा किया जाए ।
चरोटा भारत के अधिकांश प्रदेशो मे पाया जाता है ।इसके पौधे बरसाती मोषम मे जंगलो और खाली मैदानो मे भारी उगते । यह पौधा बिलकुल मैथी के पौधे के समान होता है । चरोटा के पौधे पर पीले रंग के फूल लगते है 'इसकी लंबी फलियॉ होती है जिनमे मैथी जैसे बीज निकलते है ।
चरोटा बहूउपयोगी पौधा है । जो मनुष्य के लिए कुदरत की अनमोल देन है । जिसके निम्नलिखित उपयोग है ।

  1. चरोटा के बीज की गिरी का उपयोग कॉफी बनाने मे होता है ।इसके बीज कडवे होने के कारण कॉफी का स्वाद बढाने मे सहायक होते है ।
  2. चरोटा के बीज मे पाए जाने वाले गोद नुमा पदार्थ से पान मशाले बनाए जाते है ।और यह गम बनाने मे भी उपयोग होता है ।
  3. चरोटा बीज पाऊडर का स्तमाल  अगरबत्ती बनाने मे बहुत होता है ।
  4. चरोटा मे पाए जाने वाले अम्लो का उपयोग साबुन आदि सौदर्य प्रशाधन बनाने मे होता है ।
  5. डाई एवं नील निर्माता भी चरोटा का उपयोग कच्चे माल मे करते है ।
  6. चरोटा चर्म रोगो की कारगर  औषधि है ।इसके बीजो से दाद खाज खुजली एवं कुष्ट रोग की दबाए बनाई जाती है ।🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃

गुरुवार, 8 दिसंबर 2016

सेन्ट्रल बैंक की एक महाभृष्ट साखा ।

हम आपको सेन्ट्रल बैंक अॉफ  इंडिया की एक  एसी साखा की जानकारी दे रहे है । जिसके बारे मे जानकर  आपको आश्चर्य होगा की देश मे इस तरह की बैके भी है ।
सेन्ट्रल बैक की यह साखा मध्य प्रदेश के रायसेन जिले की सुल्तानपुर तहसील के पास गॉव  'ईटखेडी ' मे स्थित है ।इस बैंक ब्रांच के अधिकंश ग्राहक  अनपढ गोड  आदिवासी है जो वन  अंचल के ग्रामीण है ।इसलिए यह बैंक  इन लोगो का भरपूर  शोषण कर रही है ।इस बैक मे लोगो को बैठने तक की कोई उचित व्यावस्था तक नही है ।लोग बैक के बाहर धूप मे खडे रहते है उपर से बैक वाले इन लोगो कू साथ बदतामीजी भरा बरताव करते है ।चपरासी से लेकर बीसी और केशियर यहा तक की बैक मेनेजर भी भृष्ट है ।इस बैंक मे लोगो का कोई भी काम बगेर रिस्वत लिए नही किया जाता है ।यहाँ तक तो ठीक ही है पर  इस बैंक के कुछ खातेदार तो एसे है जिनहे उनका खाता नं तक पता नही है 'बैक वालो ने जानबूझकर  इन लोगो को उनका खाता नं नही दिया है पासबुक देने की बात तै दूर है ।इह तरह के ग्राहको मे अधिकतर बृधा पेशन भोगी है । जिनकी पेशन का सारा रुपया बैंक कर्मचारी डकार रहे है ।बृध्दजन  अपनी पेंशन लेने बैंक जाते है तो बैक वाले उनहे सो या पचास रुपए देकर  उनसे अगुठा लगवा लेते है । या कह देते है की आभीआपका पैसा नही आया है ।बैंड के वीसी है गॉव के लोगो की सुविधा के लिए पर यह भी बैंक वालो की मिली भगत से भृष्टाचार कर रहे है । और लोगो की मुसीवत बने है ।
उधर सरकार डिजिटल मनी लेनदेन की बात कर रही है । जहाँ लोग नगद मनी बैक से लेने मे असमर्थ है । वे क्या जाने डिजिटल लेनदेन के बारे मे 'यह क्या है और कैसे होता है ।
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मंगलवार, 6 दिसंबर 2016

जनधन खातो मे रूपये जमा करेगी सरकार ।

जन धन खातो मे सरकार रूपये जमा करेगी । यह सपना सजोए बैठी है भारत की गरीब जनता 'क्योंकि लोकसभा चुनावो के दोरान BJP ने भारत की जनता से एसा कहा था कि हमारी सरकार आने पर हम विदेशी बैंकों मे जमा भारत का काला धन बापस लाएगे और हर भारत वासी को 15_15 लाख रूपये देगे । इस लालच मे आकर भारत की जनता ने BJP को भारी वोट दिये थे । और केंद्र मे भजापा की सरकार बनी मोदी PM बने । इसके बाद PM मोदी ने जब जन धन योजना चलाई तो लोगो को यह भरोषा और पक्का हो गया की अब सरकार गरीबो को धन लाभ देने वाली है इसलिए जन धन योजन मे लोगो के खाते खुलवाए जा रहे है । और गरीबो ने जनधन योजना मे भारी मात्रा मे खाते खुलवाकर रिकार्ड बना दिया । अब जब विदेशी काला धन भी भारत मे वापस  आ गया और नोटबंदी से देश का काला धन भी ऊपर  आ गया जिससे सरकार के पास  आय कर के रूप मे भी काफी धन  आया है । अब लोगो को पक्का यकीन है की अब भारत सरकार गरीब लोगो के जनधन खातो मे रूपये जरूर जमा करेगी । चाय पान की दुकानो और गॉव के चोवारो पर यह चर्चा हो रही है । कोई कह रहा है की 50000 रू जनधन खातो मे आएंगे ' तो कोई 15_15 हजार रूपये बता रहा है । लोगों का कहना है की नोटबंदी से परेशान गरीब लोगो के लिए सरकार कुछ ना कुछ तो जरूर ही करेगी । 15 लाख ना सही तो कम से कम 15_15 हजार रूपये तो जन धन खातो मे सरकार जरूर ही जमा करेगी ।भरोषा रखो सरकार देगी पैसा देर है अंधेर नही है ' अब सायद नए साल मे देगी सरकार यह तोहफा जनता को ।
पढेलिखे लोग भी इस बात की पुष्टि कर रहे है । मीडिया पर भी कुछ  इस तरह की खबरे आ रही है ।उधर PM मोदी भी बार बार भारत की गरीब जनता के हित की बात कर रहे है ' जिससे इस बात के संकेत मिल रहे है ।
पर  आभी तक भारत सरकार की तरफ से इस तरह की कोई स्पष्ट खबर नही आई है की सरकार जन धन खातो मे रूपये जमा करने वाली है ।
यदि एसा होता है तो जीरो वेलेंस वाले जन धन खाता धरको को ही इसका लाभ मिलेगा । एवं गरीब परिवारो के एक ही मुखिया सदस्य के खाते मे रूपये जमा कर सकती है सरकार । पर फिर भी अधिकांश जन धन खाता धारकों को इसका लाभ मिलेगा । जो भी हो यह तो आने बाला समय ही बताएगा । पर यह यकीन के साथ कहा जा सकता है की सरकार गरीबो के हित मे उनहे लाभ पहुंचाने के लिए कुछ ना कुछ कदम तो जरूर उठाएगी ।
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चूना उघोग, कम लागत, आधिक मुनाफा

  आज भारत मे 75 पैरेंट लोग पान में जो चुना खाते है।  इस चूने को बनाना और इस तरह की डिब्बी में भरकर बेचने वाले लोग भारी मुनाफा कमाई करते है।