शुक्रवार, 20 नवंबर 2015

Money पाने का रहस्य जानिए ।


      कुछ पाने के लिए कुछ खोना पडता है ।

लोग पाना तो चाहते ' पर कुछ खोना नही चाहते । इस  उलटे नियम से कुछ पाना असंभव है ।
हर चीज को पाने के बदले मे कुछ न कुछ कीमत तो जरूर ही देना पडता है । जो मेहनत ' समय ' वस्तु आदि कुछ भी हो सकती है ।किसी भी व्यक्ति से कुछ पाने से पहले उसे कुछ देना पडता है । चाहे हम  अपनी बातो से उसे भरोष दे ' लोभ लालच दे ' या अपना समय दे  कुछ भी दे पर देना जरूर होगा । जब हमारे दुवारा दी जाने वाली चीज को सामने वाला व्यक्ति स्वीकार कर लेता है । तव हमारे लिए कुछ  आदान करने का मार्ग खुलता है । और तब हम पाने के अधिकारी होते है । अब यह हम पर निर्भर करता है कि हम समने वाले से कुछ  आदान करे या न करे ।और हमारी छमता पर यह निर्भर करता है कि हम प्रदान से कम  आदान ले या प्रदान के बराबर  आदान ले या प्रदान से अधिक का आदान करें ।
इस  आदान प्रदान के विनियम मे हमे धन  अथवा कोई भी इछित वस्तु का आदान करने से पहले कुछ प्रदान करना जरूरी होता है ।
उदाहरण:  दुआपुर युग मे सुदामा नामक वृहाम्ण जव दुवारका के राजा कृष्ण के पास धन मागने गया था । तव सुदामा अपने साथ  एक चावल की पोटली कृष्ण को प्रदान करने के लिए ले गया था ।जिस भेट को कृष्ण ने स्वीकार किया था ।और बदले मे सुदामा को बहुत सारा धन दिया था ।

दुशरा उदाहरण: मे एक  एसे सज्जन को जानता हू । जिनका यह  उसूल है कि जब  उनहे किसी भी आदमी से कोई काम लेना होता है ' तब वे उस  आदमी को आदर से अपने घर पर बुलाकर  बेठाते है और स्वागत मे उसके सामने मिठाई की थाली पेस करते है ।एवं मिठाई खिलाने के बाद वे उससे कम की बात करते है । जिसमे वे सफल रहते है । उनके इस स्वागत को लगभग 70%  लोग स्वीकार कर लेते है ' और फिर मिठाई के दबाव मे आकर  इनका काम करने से इनकार नही कर पाते और काम कर देते है ।
कुछ लोग जो इन सज्जन से भी जादा चतुर होते है वे लोग 'डाविटीज' का बहाना बना कर मिठाई खाने से इनकार कर देते है ।और वह इनके दबाब मे नही आते एवं स्वतंत्र रहते है 'वे चाहे तो इनका काम करे या न करे ।

इस दुनियॉ मे प्रदान से बिना मागे मोती मिलते है । प्रदान के बिना मागने पर भीख भी नही मिलती है ।
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शनिवार, 7 नवंबर 2015

कर्ज मे डूबने से कैसे बचे ।

कर्ज 'दोस्त यार व रिस्तेदार या साहूकार या बैक का कर्ज चाहे किसी का भी हो ' कर्ज  कर्ज ही होता है । इस भूत से प्राया सभी डरते है । किसी से भी पूछो वह यही कहता है कि भाई कर्ज बहुत बुरा होता है । यह  इज्जत ' सुख चेन नीद सभी कुछ छीन लेता है ।और कर्ज की चिंता चिता के समान होती है । रिण मे डूबे लोगो का आर्थिक पतन हो जाता है । कुछ लोग तो करजा से छुटकारा पाने के लिए अपनी जान तक दे देते है । कुल मिलाकर कर्ज काल का रूप होता है ।
आखिर एसा कैसे होता है कि व्यक्ति कर्ज के मकडजाल मे फस कर  अपने जीवन को नर्क बना लेता है । इसकी शुरूवात कुछ  इस तरह होती है _व्यक्ति अपनी आय से अधिक धन  उधार लेकर खर्च कर देता है ।और चुकाने का समय  आने पर रिण चुकाने मे असमर्थ हो जाता है ।और फिर रिण चुकता करने मे टाल मटोल करता रहता है ' एवं रिण का रूपया मागने बालो से छिपता व दूर भागता रहता है ।यह सोचकर कि कुछ समय वाद यह लोग  उसका पीछा छोड देगे । और  उसे रिण नही देना पडेगा ।इस तरह रिण का ब्याज दिन प्रति बढता रहता है । और  अंत मे व्यक्ति को अपना घर 'मकान ' जमीन  आदि  बेचकर कर्ज का रूपया चुकाना ही पडता है । इस तरह व्यक्ति का पतन होता है
कर्ज मे डुबने से बचने के लिए व्यक्ति को निम्न साबधानियॉ रखनी चाहिए ।जैसे _
[1] सबसे पहले तो हर हाल मे व्यक्ति को रिण लेना ही नही चाहिए ।जहॉ तक संभव हो रूपये 'बस्तुए 'सेवाए उधार लेने से परहेज रखना चाहिए ।
[2]  जिस काम मे धन का लाभ हो एसे काम के लिए ही रिण लेना चाहिए । वह भी बगेर ब्याज के याबहुत कम ब्याज पर ' किस्त मे चुकाने के बादे के साथ ।
[3]  व्यक्ति को अपनी आय छमता से अधिक धन कर्ज  मे नही लेना चाहिए । यानि जितनी चादर हो उतने ही पैर लंबे करना चाहिए ।
[4] अनुचित रिण जैसे _अधिक ब्याज बाला रिण ' दुगना रिण ' काम  की बस्तू अमानत मे रखने के बदले रिण ' एक मुस्त चुकता करने बाला रिण  आदि  नही लेना चाहिए ।
[5]  एक रिण चुकता होने से पहले दूशरा रिण कभी नही लेना चाहिए ।

[6]  रिण देने की भावना हमेशा रखना चाहिए ।और नियम से हर महिने किस्त जमा करते रहना चाहिए । इस तरह रिण  आसानी से चुक जाता है ।

[7]  रिण होने पर व्यक्ति को जल्दी से जल्ली उसे चुकता करने का काम करना चाहिए

[8] कर्ज हजम करने का विचार नही करना चहिए । एसा करने पर बाद मे दुगना चोगना देना पडता है ।

[9] गलत लोगो जैसे गुनडे बदमाशो से कभी भी कर्ज नही लेना चाहिए ।इनका तो धंधा ही होता है लोगो को कर्ज मे फसाना ।
[10]  रिण लेते समय  आदमी को अपने उपर भरोशा हो कि वह  चुका सकता है । तभी लेना उचित है । एसा नही कि बाद का बाद मे सोचेगे । बाद मे सोचने बाले लोग ही कर्ज  मे डुबते है ।

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शुक्रवार, 6 नवंबर 2015

बिजली का विकल्प सोलर पेनल ।

आज के इस  आधुनिक मशीन यंत्रो के युग मे आदमी का जीवन बहुत सुखमय है । पुराने समय की अपेछा आज  आदमी की श्रम शक्ती का बहुत कम  उपयोग होता है । सभी मेहनत के काम कृतिम  ऊर्जा से होते है ।जिसमे बिदयुत शक्ती का पहला स्थान है ।अगर 10 मिनिट के लिए भी बिजली चली जाती है  तो मानो व्यक्ति की जीवनचार्या रूक जाती है । यह भारत के शहरी क्षेत्रो की बात है ।पर ग्रामीण  इलाको मे तो महिनो बिजली का पता नही रहता एसी स्थती मे गामीण जनो के काम काज कैसे चलते होगे । और जब कभी बिजली रहती भी है तो बोल्टेज  अधिक होने से लोगो के बिदयुत यंत्र खराब हो जाते है ।और महिने मे लोगो को बिजली के बिल का भुगतान भी करना पडता है ।
सुर्य  ऊर्जा_सोलर पेनल का उपयोग व्यक्ति को बिजली की सारी झंझटो से मुक्ति दिलाता है । साथ ही बिजली के बिल से भी छुटकारा मिलता है । आज मोबाइल चार्ज करने से लेकर खेतो मे पंप चलाने के लिए भी सोलर पेनल  उपलब्ध है । 5_10 वाट के सोलर सेल से लेकर हजारो वाट के सोलर पेनल बाजार मे लिल रहे है । जो किफाइती होने के साथ ही क्इ साल तक के लिए टिकाऊ भी होते .है । कंपनियां 20_30 साल की गेरटी वारटी के साथ यह पेनल बेचती है ।और यह बास्तविक है कि अगर  इन सोलर पेनलो का सही रखरखाव व सही तरीके से उपयोग किया जाए तो यह 25_30 साल  आराम से चलते है । एक मध्यम घर परिवार के लिए 200 वाट का सोलर पेनल पर्याप्त होता है । जिसकी कीमत बाजार मे 7_8 हजार रू के लगभग होती है ।
सोलर पेनल का उपयोग खरना भी बडा आसान होता है ' इसमे करंट लगने का भी कोइ खतरा नही होता और  ना वोल्टेज बढने घटने से यंत्रो के खराव होने का डर रहता है । वल्कि सोलर पेनल से टीवी चलाने पर 'टीवी की पिक्चर क्वाल्टी भी साफ दिखती है । पर यह सोलर पेनल सुरज की धूप से करंट बनाते है  'जो बादल होने पर या बारिश होने पर  और रात मे काम नही करते ' इसलिए इसके साथ चार्जिगं बेटरी रखना जरुरी होता है । और यह सोलर पेनल धूप से a/c करंट बनाते है जिसे  d/c मे बदलने के लिए अल्टीनेटर यंत्र भी रखना पडता है । पर  एक बार सोलर सिस्टम सेट होने के बाद फिर सालो तक  इसके उपयोग मे कोई परेशानी नही आती है ।एवं घर की छत पर सोलर पलेट लगा होने से घर की शान भी बढती है ।

मित्रों मे किसी सोलर पेनल कंपनी का प्रचार नही कर रहा हू ।अपितु लोगो को सूरज की ऊर्जा का उपयोग करने का एक सरल  और सस्ता रास्ता सुझा रहा हू ।जिसे मे खुद भी अपना रहा हू ।और जिससे संतुष्ट भी हू ।सोलर पेनल के उपयोग से धन की बचत तो होती ही है ।काम मे भी रूकाबट नही आती है । पहले मे भी बिजली को लेकर बहुत परेशान रहता था । पर जबसे मैने सोलर पलेट का स्तमाल किया है । तबसे आब शुकुन मे हू । मेने अपने घर का बिजली का कनेक्शन भी कटवा दिया है । आज मेरे घर मे बिजली से होने वाले सभी काम सोलर पावर से हो रहे है ।


शनिवार, 31 अक्तूबर 2015

पैसा 'पैसे को खीचता है ।

मित्रो कुछ समान गुणो वाली वस्तुए आपस मे एक दूशरी वस्तू को खीचती है ।जिनमे से एक वस्तू पैसा भी है ।  आपने यह मुहाबरा तो सुना ही होगा कि -पैसा 'पैसे को खीचता है । हकीकत मे भी यह बात बिलकुल सच है । आइए कुछ  उदाहरणो से समझे की पैसा पैसे को कैसे खीचता है ।
पहला उदाहरण _रेल्वे स्टेशन पर मैने एक भिखारी को देखा 'उसके हाथ मे तीन रूपये थे और वह लोगो से कह रहा था '  बाबुजी मुझे चाय पीना है  पर मेरे पास केवल यह तीन रूपये है आप मुझे दो रूपये दे दीजिए । तो लोग  उसे दो रूपये दे देते थे । पर वह भिखारी उन दो रूपये को अलग रख लेता था 'और फिर किसी नये आदमी के पास जाकर उसे तीन रूपये दिखाकर यही बात कहता जिससे उसे फिर दो रूपये मिल जाते थे ' और किसी -किसी आदमी के पास छुटटा ना होने पर वह लोग  उसे पॉच रूपये भी देते थे । इस तरह वह भिखारी पैसे 'से पैसे को खीच रहा था ।
दूशरा उदाहरण _ जुआ 'सटटा ' लॉटरी आदी जैसे अवेध कामो मे भी पैसे को दाव पर लगाकर पैसा खीचा जाता है । जिस तरफ  आकृशण बल  अधिक होता है  पैसा उस तरफ खिच जाता है ।
तीशरा उदाहरण _ एक मदारी बाजार मे तमाशा दिखा रहा था । उसने एक चादर बिछा रखी थी  जिस पर दो सौ सौ के नोट पडे थे । और वह  आवाज लगा रहा था -साहवानो आइए देखिए रूपये का तमासा रूपया 'रूपये को खीचेगा । यह सुनकर कुछ लोग तमाशावाज के पास  आए और  खेल देखने के लिए  चादर पर  10_20 के नोट डालने लगे 'यह लोग मदारी के ही आदमी थे ' जिनहे देखकर  और भी लोग चादर पर नोट डालने लगे ' कुछ ही देर मे लोगो की भीड लग गई  और मदारी की चादर पर भी नोटो का ढेर लग गया । तब खेल देखने वालो मे से किसी ने कहा  मदारी से कि भाई देर हो गई अब तमाशा तो दिखाओ 'ज़रा हम भी तो देखे कि रूपया रूपये को कैसे खीचता है । इस पर मदारी ने जवाव दिया ' यह देखो ना इन दो नोटो ने कितने नोट खीच लिए ढेर लग गया ' अरे यही तो तमाशा था । देखने बालो ने भी कहा की बात तो ठीक ही कह रहा है भाई । फिर मदारी ने कहा सब लोग देख लो  बाद मे मत कहना की हमने नही देखा 'यह कहते हुए मदारी ने नोटो सहित  अपनी चादर समेटी और चलता बना ।
चौथा उदाहरण _एक बार  एक मुहल्ले के लोग कोई सार्वजनिक कार्य  कर रहे थे । जिसके लिए उनहे बीस हजार रूपयो की जरूरत थी । रूपया चंदे से इकटठा करना था । और चंदा देने वाले बीस लोग तैयार भी थे । पर सवाल यह था कि पहले चंदे का रूपया कोन दे 'सब लोग यही कह रहे थे कि और लोग तो चंदा दे 'हम भी दे देगे ।इस तरह बैठक ही खत्म हो गई पर किसी ने चंदा नही दिया ।
दूशरे दिन फिर बैठक लगी जिसमे चंदा देने बालो मे से चार लोग नही आए थे बाकी सब लोग बैठक मे उपस्थित थे । आज चंदा इक्टठा करने बाले मुखिया ने कहा कि जो चार लोग नही आए है उन लोगो ने मेरे पास चंदे के रुपये जमा कर दिए है यह कहते हुए उसने अपनी जेव से चार पॉच हजार रूपये निकालकर लोगो के सामने रख दिए । और फिर कहा कि अब  आप लोग भी अपने हिस्से का रूपया जमा करे । यह देख कर  और लोगो ने भी अपने  अपने हिस्से के हजार हजार रूपये मुखिया के पास जमा कर दिए । और काम की रूप रेखा वा काम तय हो गया ।
जवकी सच्चाई यह थी कि अभी वाकी चार लोगो को कुछ पता ही नही था और नाही उनके रूपये जमा हुए थे ' यह तो लोगो से रूपये लेने की एक तरकीब थी जो सफल रही ।
उपरोक्त  उदाहरणो से सिद्ध होता है कि वास्तब मे पैसा 'पैसे को खीचता है ।
यह लेख  आपको कैसा लग कृपया कमेंट करे । या मो नं_9752066004. पर या

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मंगलवार, 27 अक्तूबर 2015

दुनियाँ के सबसे अमीर 3 आदमी ।

दुनियॉ के सबसे अमीर लोगो से ज्यादा कौन जानता है कि धन कैसे कमाया जाता है और दोलत कैसे जोडी जाती है ।मित्रो अगर आप दुनियॉ  के अमीर लोगो की लिस्ट देखे तो आप पाएगे की उसमे सबसे जादा व्यक्ति उधोगपति मिलेगे इससे यह स्पस्ट होता है कि अमीर होने के लिए उधोग लगाना सबसे उचित है ।खेर ।
मित्रो मेने आज तक के संसार के सबसे अमीर लोगो मे से केवल तीन लोग चुने है ' राजा मनसा मुसा ' बिल गेटस'और मुकेश अंबानी 'आइए इनके बारे मे जाने ।
[1] राजा मनसा मूसा _आज तक के मानव इतिहास मे दुनियॉ का सबसे अमीर आदमी राजा मनसा मूसा माली को माना जाता है । जो अफ्रीका  का था ।और टिम्बकटू का राजा था' यह सन 1300 की बात है एक वेबसाइट की रिपोट के अनुशार सन 1331 मे मनसा मूसा की मृत्यू के समय उसके पास 400 विलियन डॉलर की संपत्ती थी ।जिसकी कीमत आज के हिसाब से लगभग १०००००००००००००.एक नील के बराबर होगी ' यानी जितने कीआदमी  के सिर के बाल ' आदमी गिनते गिनते पागल हो जाए ।इतिहास के मुताबिक उस समय राजा मनसा मूसा माली के राज्य मे संसार का सबसे अधिक सोना निर्मित होता था ।
[2] बिल गेटस _आज बर्तमान समय मे अमेरिका के विलियन हेनरी गेटस को दुनियॉ का सबसे अमीर अमीर आदमी माना जा रहा है ।आकडो के अनुशार आज गेटस के पास 80 अरब डॉलर के लगभग दोलत है ।बिल गेटस का जन्म 1955 मे हुआ था बिल गेटस ने 13 साल की आयू  मे पहली गेम बना ली थी 'जो दुनियॉ मे बहुत प्रशिध हुई थी ।उनका दिमाग बच्पन से ही बहुत तेज चलता है 'आज बिल गेटस कंप्यूटर सॉफ्टवेयर की सबसे मानी हुई कंपनी माइक्रोसॉपट के {C E O} संस्थापक है ।
[3] मुकेश अंबानी _धीरू भाई अंबानी और अंबानी ग्रुप को सभी जानते है ' रिलाइनस कंपनी के मालिक मुकेश अंबानी को आज इंडिया का सबसे बडा अमीर आदमी माना जा रहा है ।इनके पास 18 विलियन डॉलर के लगभग संपत्ती है ।2014 मे एक चीनी फार्म की रिपोट के अनुशार  मुकेश अंबानी दुनियॉ के सबसे अमीर लोगो की लिस्ट मे 41 वे स्थान पर है ।
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रविवार, 25 अक्तूबर 2015

धनी बनने का 100% सफल सूत्र ।

संसार मे कुछ लोगो के जीवन का लक्ष्य केवल  अमीर बनना ही होता है । वे अपना जीवन धन कमाने के उद्देश्य से ही जीते है ।और वह हमेशा अपना धन बढाने की चाह रखते है । एसे लोगो मे से कुछ लोग  अपने जीवन मे एक नियम का पालन करते है ' जिसके पृभाव से वह  अपना आर्थिक बिकास करने मे सौ पृतिशत सफल होते है ।
वह नियम यह है 'कि यह लोग  प्रतिदिन सुवह से ही कमाने मे जुट जाते है ' और  अपने व परिवार के देनिक खर्च  से कुछ  अधिक रूपये कमाने के बाद ही यह लोग भोजन करते है ।  इससे पहले यह लोग  अपना एक पैसा भी खर्च  नही करते है ।  यह  इनका रोज का नियम होता है । यह लोग हर दिन  अपने धन की संख्या मे बढोत्री करने के बाद ही चेन लेते है ।
अब आप बताइए की एसे लोगो को आमीर बनने से कोन रोक सकता है 'इनका आमीर बनना तय है ।
उदाहरण के लिए _मेरे एक मित्र है 'वह  एक  अच्छे व्यपारी है 'उनका यही उसूल है ।और यह  उसूल  उनके दादा परदादा से चला आ रहा है । उनके पास भी खूब धन दोलत है । पर  उनके पास समय बिलकुल भी नही है । आगर  उनका बस चले तो वह रात मे भी सोने के वजह  काम करना या कमाना  पसंद करते है । धन कमाना ही जिन लोगो का  जीवन है ।
उनके पास पेसा ही पैसा है ।
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शुक्रवार, 23 अक्तूबर 2015

खेती को लाभ का धंधा बनाए 'उत्तम खेती ।

भारत  एक कृषी प्रधान देश है और कृषी देश की अर्थव्यवस्था की रीड की हड्डी है ।भारत का अधिकंश जनसमुदाय गॉवो मे वास करता है ।जिनका  प्रमुख व्यवसाय कृषी है । पर भारत के गॉवो मे किसानो की आर्थिक स्थति का अवलोकन करने से पता चलता है की आज  उनकी स्थति अच्छी नही है । 75%किसान कर्ज मे डूवे है । एक जमाना  था जव काका  हथरसी ने कहा था 'उत्तम खेती  मध्यम व्यपार 'पर  आज खेती निचले स्तर पर है ।
खेती को आज भी उत्तम लाभ का धंधा वनाया जा सकता है । खेती से अधिक मुनाफा कमाने हेतू किसान को निम्न  उपाय  अपनाने चाहिए ।
[1]  सवसे पहले किसान को खेती की लागत कम करने के उपाय करने चाहिए जैसे किसान बाजार से महगे बीज खरीदकर बोने के स्थान पर  अपना स्यम का बीज तैयार करे ।बीज बनाने का प्रशिक्षण कृषी विज्ञान केंदृ से लिया जा सकता है ' यह केंदृ हर जिला स्तर पर स्थापित हैं ।जहाँ से किसान बीज बनाने की तकनीक सीख कर  अपना खुद का बीज बनाकर बोनी करे ।
[2] खाद 'ओर्वरक -खाद भी किसान स्यम वना कर खेतो मे डाले ।जिसमे  गोवर की खाद 'पत्तियो की खाद ' आदि किसान खुद बना सकते है ।इसके अलावा चूलहे की राख खाद के रूप मे एक  उत्तम बिकल्प है ।वेज्ञानिको और कृषी विशेषज्ञो के अनुशार राख मे 13प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते है ।और पोधो को कुल 16प्रकार के पोषक तत्वो की आवश्यकता होती हैँ ।जिसमे 3 पोषक तत्व पोधो को कुदरत से मिलते है 'हवा 'पानी और धूप 'यानी राख पोधो का संपूण  पोषण कर सकती है ।
[3] किसान खेती के साथ खेती के सहायक  उधम स्थापित करें ।जैसे -बागवानी 'सवजी उत्पादन 'पशूपालन  आदि ।यह  उधम खेती के साथ बहुत कम लागत मेहनत के किये जा सकते है 'यह  उधम खेती के वरावर ही मुनाफा देने वाले है । दुधारू पशूपालन दुनिया का एकमात्र  एसा व्यवसाय है । जिसमे मुफ्त के घास फूस से प्रोडक्ट {दूध} तैयार होता है ।वह भी दिन मे दो वार सुवह  और शाम ' इसकी मार्केटिग भी आसान है । घर से ही बिक जाता है ।
वही सवजी उत्पादन भी रोजाना आय देने वाला व्यवसाय है ।
वागवानी -वागवानी मे कृषक  अपने खेत की मेडो पर नीवू 'आवला ' अमरूद' आदि जैसे पेड के पौधो का रोपड करें । जिससे किसान को कुछ ही साल मे प्रति एक पेड से लगभग 1000रू की आय होगी ।अगर किसान के खेत की मेड पर  एसे सौ पेड हो तो एक लाख रूपये की आय हर बर्ष होगी ।
[4]  अनाजो के भाव का पूर्व अनूमान लगाना । अक्शर किसान खेत मे फसल बोने के ममले मे भेड चाल मे चलता है ।वह खेत मे वही फसल बोना पसंद करता है जिसे जाद से जादा किसान बो रहे होते है या जिस  अनाज का बर्तमान मे जादा भाव होता है ।किसान  उसी अनाज बीज को बोने का चयन करता है ।इसका परिणाम यह होता है कि एसी अनाज का बीज भी मेहगा मिलता है ।और  एक ही चीज  अधिक किसानो दुआरा बोने पर 'उसकी पेदावार  अधिक होती है 'जिससे उस  अनाज की माग घट जाती है 'और माग घटने पर  उसका भाव भी गिर जाता है ।और  एसा करने वाले किसान हमेशा घाटे मे ही रहते है ।
खेती से आधिक लाभ पाने हेतू किसान को चाहिए कि वह कोन सी फसल बोए जो फसल  आने पर मेहगे भाव विके । इसके लिए वह पिछले सीजन मे 'अनाजो की देश मे कुल पेदावर के आकडे' देश मे अनाजो की कुल जरूरत 'देश मे स्टाक'अनाजो का आयात निर्यात 'आदि सब के आकडे इकट्ठा करके यह परिणाम निकाले की आने वाले साल मे किस  अनाज की कमी आने की संभावना है ।और  आने वाले समय मे जिसकी अधिक माग होगी ।तव भाव निश्चित ही बढेगा । किसान को यह सब निश्चित करने के वाद ही फमल बोने का चयन करना चाहिए । तभी वह खेती से अधिक लाभ  उठा सकेगा ।
[5] शासकिय कृषी विभाग की सेबाओ का पूरा लाभ  उठाए ।खेती से संबंधित हर पृकार की जानकारी लेने के लिए । कृषि हेल्प लाइन नं_09584700750.पर बात करें ।या किसान कॉल सेंटर के टोल फ्री नं_ 18001801551.पर कॉल लगा कर खेतीबाडी की जानकारी ले ।
यह लेख  आपको केसा लग ।कृपया कमेट करे ।

Seetamni@gmail. com 


चूना उघोग, कम लागत, आधिक मुनाफा

  आज भारत मे 75 पैरेंट लोग पान में जो चुना खाते है।  इस चूने को बनाना और इस तरह की डिब्बी में भरकर बेचने वाले लोग भारी मुनाफा कमाई करते है।