मेरा भारत महान ' बहुत अधविश्वासी देश है । अंधविश्वासो को पालने पोसने मे श्रम बिरोधी ब्राह्मणों का बहुत बडा हाथ है ।क्योंकि इनके धंधे तो अंधबिश्वास पर ही कायम है । मुंशी प्रेमचंद्र की रचना " गोदान " के पात्र और वह जन जीवन आज भी भारत के गॉवो मे बसता है ।
भादो मास के शुक्ल पक्ष की सातवी तिथि को संतान सातें के दिन माताए अपनी संतान की लंबी आयु की मंगल कामना करती है और उपवास रखतीं है । एवं संतान की रक्षा के लिए उन्हें चॉदी के कडे पहनाए जाते है । इस चूडा प्रथा के चलते गॉव दिहातो मे नकली चॉदी के चूडे धडल्ले से बिकते है ।चूडा बेचने वाले सोनी गॉवो मे फेरी लगाकर चूडे बैचते है ।और चूडे का बिल या रशीद आदि कुछ भी नही देते ' चूडा नकली होनेमके सवाल पर केवल यह मोखिक तर्क देते है कि यदि चूडा नकली निकला तो हम इसी कीमत पर बापस ले लेगे ।
बेचारी गॉव की अनपढ़ गवार भोली महिलाए एक एक रूपया जोड कर रखतीं है ।और संतान के लिये उस जमा पूजीं को गवा देती है । नकली चॉदी के चूडे बेचने वाले ठग उन्हें ठग कर ले जाते है । जव दो चार साल मे चूडे इकट्ठा होने पर इनहे बैचने ले जाया जाता है तब इन चूडो की अशलियत सामने आती है की यह चूडे तो नकली है । लेकिन अब पछताए होत क्या जब चिडियॉ चुग गई खेत ।
" जाग री नारी भविष्य तेरा ही है "
👩👵👱👱📢
Seetamni@gmail. com
भादो मास के शुक्ल पक्ष की सातवी तिथि को संतान सातें के दिन माताए अपनी संतान की लंबी आयु की मंगल कामना करती है और उपवास रखतीं है । एवं संतान की रक्षा के लिए उन्हें चॉदी के कडे पहनाए जाते है । इस चूडा प्रथा के चलते गॉव दिहातो मे नकली चॉदी के चूडे धडल्ले से बिकते है ।चूडा बेचने वाले सोनी गॉवो मे फेरी लगाकर चूडे बैचते है ।और चूडे का बिल या रशीद आदि कुछ भी नही देते ' चूडा नकली होनेमके सवाल पर केवल यह मोखिक तर्क देते है कि यदि चूडा नकली निकला तो हम इसी कीमत पर बापस ले लेगे ।
बेचारी गॉव की अनपढ़ गवार भोली महिलाए एक एक रूपया जोड कर रखतीं है ।और संतान के लिये उस जमा पूजीं को गवा देती है । नकली चॉदी के चूडे बेचने वाले ठग उन्हें ठग कर ले जाते है । जव दो चार साल मे चूडे इकट्ठा होने पर इनहे बैचने ले जाया जाता है तब इन चूडो की अशलियत सामने आती है की यह चूडे तो नकली है । लेकिन अब पछताए होत क्या जब चिडियॉ चुग गई खेत ।
" जाग री नारी भविष्य तेरा ही है "
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