चोकीगढ का किला _यह किला मध्य प्रदेश के रायसेन जिले मे भोपाल जवलपूर राजमार्ग पर बाडी के 'बारना डेम ' मे एक पहाड़ पर बना है । कले पर जाने के लिए कोई सुगम रास्ता नही है । यह पहाड़ तीन तरफ से पानी मे घिरा है । केवल पूरव दिशा से किले के पहाड़ पर एक पगडंडी जाती है । जो जंगल से होकर जाती है और यहाँ जंगली जानवरो का खतरा भी होता है । इसलिए इस किले पर बहुत कम लोग ही जाते है ।और यह किला सुनसान बीराने मे होने के कारण गुमनाम है । किले पर कोई पर्यटक नही जाते ' यहाँ केवल खोजी ' लोभी लोग ही जाते है ।
पर अब मध्य प्रदेश सरकार ने इस किले को पर्यटन स्थल बनाने का निश्चय किया है ' और किले पर जाने के लिए रोड बनाने का भी आस्वासन दिया है । अब जल्दी ही चोकीगढ का किला प्रकाश मे आने बाला है ।
किले का इतिहास _यह किला सोलहवी सदी के आसपास का बना है ।यहाँ गोड बंश के राजा राज करते थे ।इस राज घराने के लोग आज भी मोजूद है । टीकमशाह और रज्जाक शाह दो भाई है जो सेमरी गाँव मे रहते है ।वह बताते है की देश गुलाम होने के बाद इस भाग पर भोपाल रियासत के नबाव का शासन था । यह नबाव अभिनेता शेफ अली खान के पूर्वज थे ।
पारसमणी_यहाँ का राजा किसानों सेकर के रूप मे लोहा लेता था 'जिसे वह सोने मे बदल लेता था ।क्योंकि उसके पास पारसमणी जो थी ।एक हमले के दोरान जब किले पर दुश्मन ने कब्ज़ा कर लिया ' तब यहाँ की रानी उस पारसमणी को लेकर बाउडी मे कुद कर मर गई । यह बाउडी किले के मुख्य दरवाजे के नीचे है । इसे माँनागन कहते है ।बताया जाता है की आज भी इसी माँनागन बाउडी मे है पारसमणी ।
जिसे ढुडने के लिए नबावी शासन मे नबाव ने इस बाउडी पर पानी खाली करने के लिए बडे बडे वाटर पंप रखवाए थे ।यह पंप आठ दिन तक लगातार चले पर बाउडी का पानी खत्म नही हुआ ' और बाउडी से विशालकाय सर्प बाहर निकलने लगे जिनहे देखकर नबाव के आदमी पंप चलते छोडकर भाग खडे हुए । और नबाव मणी खोजने मे सफल नही हो पाया ।
चोकीगढ के किले के तहखाने मे खजाना '
किले के तलघरे मे खजाना होने की बात भी कही जाती है । जो लोग इस किले के तहखाने मे होकर आए है वह बताते है की बहा भीतर कुछ नरकंकाल पडे है ।वहाँ भीतर एक कक्ष भी है जिसका रहष्मय दरबाजा है ।इस कक्ष भे हमेशा उजाला रहता है ।और इस तहखाने मे बडी भूलभुलाईया है जिससे इसमे भीतर जाने के बाद खजाना तो छोडो बाहर निकलना कठिन होता है ।और यहाँ बडा भयानक लगता है । इसी तहखाने के बंद कमरे मे खजाना होने की बात स्थानीय लोग बताते है ।
😁😁😁😈😈😈😤😤😤😇😇😇
Seetamni@gmail. com
पर अब मध्य प्रदेश सरकार ने इस किले को पर्यटन स्थल बनाने का निश्चय किया है ' और किले पर जाने के लिए रोड बनाने का भी आस्वासन दिया है । अब जल्दी ही चोकीगढ का किला प्रकाश मे आने बाला है ।
किले का इतिहास _यह किला सोलहवी सदी के आसपास का बना है ।यहाँ गोड बंश के राजा राज करते थे ।इस राज घराने के लोग आज भी मोजूद है । टीकमशाह और रज्जाक शाह दो भाई है जो सेमरी गाँव मे रहते है ।वह बताते है की देश गुलाम होने के बाद इस भाग पर भोपाल रियासत के नबाव का शासन था । यह नबाव अभिनेता शेफ अली खान के पूर्वज थे ।
पारसमणी_यहाँ का राजा किसानों सेकर के रूप मे लोहा लेता था 'जिसे वह सोने मे बदल लेता था ।क्योंकि उसके पास पारसमणी जो थी ।एक हमले के दोरान जब किले पर दुश्मन ने कब्ज़ा कर लिया ' तब यहाँ की रानी उस पारसमणी को लेकर बाउडी मे कुद कर मर गई । यह बाउडी किले के मुख्य दरवाजे के नीचे है । इसे माँनागन कहते है ।बताया जाता है की आज भी इसी माँनागन बाउडी मे है पारसमणी ।
जिसे ढुडने के लिए नबावी शासन मे नबाव ने इस बाउडी पर पानी खाली करने के लिए बडे बडे वाटर पंप रखवाए थे ।यह पंप आठ दिन तक लगातार चले पर बाउडी का पानी खत्म नही हुआ ' और बाउडी से विशालकाय सर्प बाहर निकलने लगे जिनहे देखकर नबाव के आदमी पंप चलते छोडकर भाग खडे हुए । और नबाव मणी खोजने मे सफल नही हो पाया ।
चोकीगढ के किले के तहखाने मे खजाना '
किले के तलघरे मे खजाना होने की बात भी कही जाती है । जो लोग इस किले के तहखाने मे होकर आए है वह बताते है की बहा भीतर कुछ नरकंकाल पडे है ।वहाँ भीतर एक कक्ष भी है जिसका रहष्मय दरबाजा है ।इस कक्ष भे हमेशा उजाला रहता है ।और इस तहखाने मे बडी भूलभुलाईया है जिससे इसमे भीतर जाने के बाद खजाना तो छोडो बाहर निकलना कठिन होता है ।और यहाँ बडा भयानक लगता है । इसी तहखाने के बंद कमरे मे खजाना होने की बात स्थानीय लोग बताते है ।
😁😁😁😈😈😈😤😤😤😇😇😇
Seetamni@gmail. com