समय ⌚
समय बहुत रहष्य मय कृया है । समय का असली रूप स्थर है ।दूशरे रूप मे मानव निर्मित और प्राकृतिक समय चलायमान है । जो गोलाकार घूम रहा है । वर्तमान बीत जाने पर भूतकाल बन जाता है ' और फिर अतीत ही रूप बदल कर भविष्य बन कर आ जाता हैब जब से मनुष्य ने समय को पहचान है तभी से समय मुल्यवान समझा जाने लगा । फिर समय नापने के लिए घडी का अविष्कार हुआ । समय का चित्र बनाया गया ' इस चित्र मे समय मानव रूप मे पंखो बाला आकाश मे उडता हुआ दिखाया गया है और समय का मुह बालों से ढका हुआ है । इसका मतलव है की समय अपना चेहरा छिपा कर उडता है ।
समय का एक चक्कर एक साल मे पूरा होता है ।और इसके बाद समय मे कुछ नया घटित नही होता फिर वही शुरू हो जाता है । जो पिछले साल हुआ था । उदाहरण के लिए जैसे पिछले साल बारिश के मोषम मे जिस दिन त्योहार था और आकाश मे काले वादल थे 'प्राकृतिक और मानव निर्मित दोनो ही माहोल ठीक बैसे ही होगे जो पिछले साल थे ।
24 घंटे के चक्कर मे आदमी घडी के साथ घूमता है और हर दिन वही वही काम करता है जो उसने पिछले दिन किया था ।
आदमी के लिए समय का महत्व ।
मनुष्य के जीवन का समय बहुत अनमोल है । वर्तमान का हर छण बेशुमार कीमती है और पकडने लायक है । मनुष्य समय से पीढित प्राणी है उसके समय का स्केल जन्म से शुरू होता है और मृत्यु पर खत्म हो जाता है ' इस बीच आदमी को जो समय मिलता है 'वह किसी भी तरह गूजारने के लिए नही है ' वल्की कुछ नया सृजन काम करने के लिए है ।
आदमी की आयु का अधिकार समय तो शरीरिक जरूरतो जैसे सोना ' खाना' पीना 'आदि मे नष्ट हो जाता है कुछ समय लोगों से मिलने जुलने मे चला जाता है कुछ समय टी वी खा जाती है । जीवन मे काम का समय बहुत कम होता है ।इसलिए समय के एक छण का भी भरपूर उपयोग करना चाहिए । जो लोग समय के मामले मे कजूस होते है सही मायने मे वही लोग चतुर और होशियार है । एसे लोग दूशरो को धन देना पसंद करते है ' लेकिन समय देने के मामले मे बहुत बहाने बनाते है । क्योंकि वह जानते है की खोया हुआ धन दूवारा मिल सकता है पर खोया हुआ एक छण भी दुवारा लोट कर नही आता है ।
समय की चाल_ 24 घंटे मे एक ही स्थान हर पल अपना रूप बदलता है पृ कृतिक समय । जबकी मानव के समय के कुछ छणो का समूह एक समान ही चलता है ' फिर अचानक दूशरे रंग रूप के छण आ जाते है जो कुछ देर अपना रंग दिखाते है ' फिर समय मे बदलाव आ जाता है । पर सूरज के प्रकाश का रंग रूप हर दिन वैसा ही रहता है । एसा दिन कभी नही आता जिस दिन सूरज से हरा या गुलावी पृकाश निकलता हो ।
समय बहुत रहष्य मय कृया है । समय का असली रूप स्थर है ।दूशरे रूप मे मानव निर्मित और प्राकृतिक समय चलायमान है । जो गोलाकार घूम रहा है । वर्तमान बीत जाने पर भूतकाल बन जाता है ' और फिर अतीत ही रूप बदल कर भविष्य बन कर आ जाता हैब जब से मनुष्य ने समय को पहचान है तभी से समय मुल्यवान समझा जाने लगा । फिर समय नापने के लिए घडी का अविष्कार हुआ । समय का चित्र बनाया गया ' इस चित्र मे समय मानव रूप मे पंखो बाला आकाश मे उडता हुआ दिखाया गया है और समय का मुह बालों से ढका हुआ है । इसका मतलव है की समय अपना चेहरा छिपा कर उडता है ।
समय का एक चक्कर एक साल मे पूरा होता है ।और इसके बाद समय मे कुछ नया घटित नही होता फिर वही शुरू हो जाता है । जो पिछले साल हुआ था । उदाहरण के लिए जैसे पिछले साल बारिश के मोषम मे जिस दिन त्योहार था और आकाश मे काले वादल थे 'प्राकृतिक और मानव निर्मित दोनो ही माहोल ठीक बैसे ही होगे जो पिछले साल थे ।
24 घंटे के चक्कर मे आदमी घडी के साथ घूमता है और हर दिन वही वही काम करता है जो उसने पिछले दिन किया था ।
आदमी के लिए समय का महत्व ।
मनुष्य के जीवन का समय बहुत अनमोल है । वर्तमान का हर छण बेशुमार कीमती है और पकडने लायक है । मनुष्य समय से पीढित प्राणी है उसके समय का स्केल जन्म से शुरू होता है और मृत्यु पर खत्म हो जाता है ' इस बीच आदमी को जो समय मिलता है 'वह किसी भी तरह गूजारने के लिए नही है ' वल्की कुछ नया सृजन काम करने के लिए है ।
आदमी की आयु का अधिकार समय तो शरीरिक जरूरतो जैसे सोना ' खाना' पीना 'आदि मे नष्ट हो जाता है कुछ समय लोगों से मिलने जुलने मे चला जाता है कुछ समय टी वी खा जाती है । जीवन मे काम का समय बहुत कम होता है ।इसलिए समय के एक छण का भी भरपूर उपयोग करना चाहिए । जो लोग समय के मामले मे कजूस होते है सही मायने मे वही लोग चतुर और होशियार है । एसे लोग दूशरो को धन देना पसंद करते है ' लेकिन समय देने के मामले मे बहुत बहाने बनाते है । क्योंकि वह जानते है की खोया हुआ धन दूवारा मिल सकता है पर खोया हुआ एक छण भी दुवारा लोट कर नही आता है ।