मंगलवार, 12 जनवरी 2016

घरेलू बजट के फायदे ।

बजट किसे कहते है ।
किसी भी देश' संस्था ' ब्यक्ति ' परिवार ' के धन के आय व्यय की सूची को बजट कहा जाता है ।परिवार की आय के दायरे मे संतुलित खर्च करने का सही तरीका बजट होता है ।एवं धन का सही प्रबंधन बजट होता है ।
घरेलू बजट के लाभ ।

  • बजट हमे अपने धन पर नियंत्रण रखने की शक्ति देता है ।
  • बजट कर्ज मे डूबने से बचाव करता है ।
  • परिवार की सभी जरूरते पूरी करता है ।
  • बजट मे खर्च करने से फ्जूलखरची नही होती ।
  • बजट बचत मे भी सहायक होता है ।
बजट मे थोक वस्तुएं खरीद से समाज मे प्रतिस्ठा बढती है ।
घर परिवार का बजट बनाने का सही तरीका ।
बजट का काम घर के मुखिया दुवारा किया जाता है । इसके लिए घर मे एक " बजट डायरी" होना चहिए ।जिसमें घर के सभी सदस्य माह की पहली तारीख से तीस तारीख तक ' अपनी जरूरते एक सूची मे नोट करते जाए ' जव जिस सदस्य को जो जरूरत महसूस हो वह  उसे सूची मे नोट करे । फिर माह के अंत मे तीस तारीख को 'मुखिया इस सूची मे घर के सभी जरूरी खर्च लिखे । जैसे_ खाने पीने की खाद्यान्न का खर्च ' बिजली विल ' बच्चों की स्कूल फीस ' मोवाइल विल ' गाडी पेट्रोल खर्च ' रसोई गैस ' लोन किस्त आदि ।इसके बाद देनिक दूध खर्च' जेब खर्च ' साप्ताहिक सबजी खर्च ' अचानक बीमारी खर्च ' आदि लिखा जाए जो नगद राशी मे रखा जाना है । फिर कुछ कम जरूरी खर्च लिखे जैसे पिकनिक खर्च आदि । माचिस ' सुई तक के छोटे खर्च भी बजट लिस्ट मे लिखे जाने चाहिए  
अब लिस्ट के सभी खरचो का टोटल किया जाता है । उदाहरण के लिए लिस्ट का टोटल 22000रू आता है और परिवार की कुल मासिक आय है 20000 रू ।तो अब हम लिस्ट से कुछ कम जरूरी खर्चे हटा देते है ।और फिरसे लिस्ट का टोटल करने पर भी खर्च बजट के भीतर नही आता ' तो अब हम जरूरी वस्तुओं की मात्रा कुछ कम कर देते है । पर खाद्य पदार्थ की कटौती भूल कर भी न करें । इस तरह खर्च को खींच तान कर 18000रू पर लाना उचित होगा ।जिसमें 2000रू बचत के रूप मे शेष बचाना जरूरी है । कुछ इस तरह से बनाया जाता है परिवार का मासिक खर्च बजट ' जिसमें विशेष कर  इस बात का ध्यान रखना जरूरी होता है कि परिवार की कुल आय से कम रूपये मे ही परिवार की सभी जरूरतों को पूरा किया जाए ' और कुछ रकम शेष भी बचाई जाए ।
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बगैर "बजट " बनाए खर्च करने के बारे मे हम जादा बिस्तार  से तो नहीं लिख रहे हम  इसका मतलब संछिप्त मे बता रहे है ।जो कुछ  एसा है ' की अंधे पीसे और कुत्ते खाए ' समझदारो को इशारा काफी है ।
                                                            यह लेख  आपको कैसा लगा कृपया अपनी राय  अवश्य दे । हमारा ई-मेल seetamni@gmail. com है ।

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