मंगलवार, 6 अक्तूबर 2015

पूंजीपती बनने की कलाँ ।

ओशो के अनुशार _आप जानकर हेरान होगे की जिन लोगो के पास पैसा नही है 'वह तो बेचारा बिचार ही नही कर सकता । दुनिया मे जिनके पास सुबिधा है वे ही बिचार कर सकते है ।मेरी दृष्टी यह नही हे की  पूंजीपती कुछ बुरा आदमी है ।
या मजदूर कोई बहुत  अच्छा आदमी है । कि शोषित हो जाना कोई गुण है । और शोषक हो जाना कोई दुरगुण है'
यह  मे नही कहता हू ।
मेरा कुल मानना इतना है कि समाज की एक ब्यबस्था है 'इस ब्यबस्था मे एक  आदमी धन को इक्टठा कर लिया है ।
निस्चित ही वह ज्यादा कुशल है'  ज्यादा होशियार है । वह समाथ की सारी की सारी बेईमानी ओर सारी ब्यबस्था का पूरा   उपयोग कर रहा है ।
जो शोषित है जिसमे' वह कोई बहुत गुणबान है 'एसी बात नही है । उसको भी अगर  इतनी ही बुद्धी और  इतनी ही शोषण की कलॉ सब समझ मे आ जाए तो वह भी कल  इसकी जगह बेठ जाएगा ।
इसमे कोई आदमी -आदमी मे फरक नही है ।

Seetamni@gmail. com       
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चूना उघोग, कम लागत, आधिक मुनाफा

  आज भारत मे 75 पैरेंट लोग पान में जो चुना खाते है।  इस चूने को बनाना और इस तरह की डिब्बी में भरकर बेचने वाले लोग भारी मुनाफा कमाई करते है।