सोमवार, 13 फ़रवरी 2017

हवा मिठाई का विजनस ।

हवा मिठाई का अविष्कार सबसे हले यूरोप मे 19 वी सताब्दी मे हुआ था । इसके बाद यह मिठाई कॉटन कैंडी के नाम से दुनिया मे प्रशिद्ध हुई ।
कॉटन कैंडी _गुडिया के बाल नाम से जानी जाने वाली हय मिठाई बच्चो की पसंदीदा मिठाई है ।
कॉटन कैंडी का विजनस कम मेहनत कम लागत से शुरू किया जाने वाला गृह  उधोग है ।जो अधिक मुनाफा देता है । इस काम को कोई भी साधारण सूझवूझ वाला आदमी मात्र 2000 रू की लागत से आरंभ कर सकता है । जहाँ पर कॉटन कैंडी बनाने का काम होता है वहॉ से तीन दिन की ट्रेनिंग लेकर यह काम सीखा जा सकता है । इसके बाद जरूरत होती है कॉटन कैडी बनाने बाली मशीन की जो बाजार मे 10_15 हजार रूपये की कीमत मे मिलती है ।छोटे स्तर पर काम करने के लिए मिनी कॉटन कैंडी मेकर से भी काम चलाया जा सकता है जो और भी कम कीमत पर मिल जाता है । इसके बाद कच्चे माल के रूप मे - चीनी ' तेल ' खाने के रंग ' स्टिक (काडी) फलो के एसेंस ' प्लास्टिक पीपी (पन्नी ) आदि की जरूरत होती है । इसके बाद तो 200 रू के कच्चे माल से हजार रू का माल तैयार होता है क्योंकि एक किलो चीनी से लगभग 100 कॉटन कैडी के पेकिट तैयार होते है । जो दस रू पेकिट के हिसाव से बिकते है । कॉटन कैंडी बेचने के लिए भी किसी स्टाल या विशेष स्थान की जरूरत नही है । इन पेकिटस को एक डंडे पर लटकाकर फेरी लगाकर बेचा जाता है ।
कॉटन कैंडी मे कुछ नया करने की जरूरत है ।
हम देखते है की हवा मिठाई बेचने बाले सादे पेकिट मे एक ही रंग की हवा मिठाई बेचते देखे जाते है और  उस मिठाई मे मीठे के अलावा कोई स्वाद व सुगंध भी नही होती है । जवकि आज खाने की सभी वस्तुओं मे सुगंध का उपयोग अनिवार्य है । इसलिए कॉटन कैडी मे भी आम ' नीबू ' संतरा 'आदि की सुगंध का प्रयोग करना चाहिए यह खादय सुगंधियॉ आज सहज  सुलभ है । इसके साथ ही यह कैडी पूरे सातो रंगों मे बनाना चाहिए । इस कैंडी की पेकिंग भी प्रिंट होनी चाहिए ।और कॉटन कैडी के हर पेकिट मे बच्चो की पसंद की कोई सस्ती छोटी चीज डालना चाहिए 'जैसे - फोटो 'स्टीकर 'मनोरंजन बैक नोट ' आदि इन प्रयोगो से बच्चो को कॉटन कैडी की तरफ  आधिक  आकृशित किया जा सकता है ।

चूना उघोग, कम लागत, आधिक मुनाफा

  आज भारत मे 75 पैरेंट लोग पान में जो चुना खाते है।  इस चूने को बनाना और इस तरह की डिब्बी में भरकर बेचने वाले लोग भारी मुनाफा कमाई करते है।