गुरुवार, 19 जनवरी 2017

सिनेमा और टीवी इतिहास के सुन्हरे पल ।

केमरा का सबसे पहला आविष्कार इराकी बैज्ञानिक 'इब्न  अल हुजैन ' ने सन 1015 से1021 के बीच किया था । इसके बाद केमरा विकास करते करते आज हर मोवाइल फोन सेट मे आने लगा है ।
भारत मे सिनेमा का आरंभ ।
1886 मे भारत मे सिनेमा की शुरूवात हुई ।जब बंबई के एक हॉटल मे ल्यूमेरे ब्रर्दस ने कुछ चलचित्रो का प्रदर्शन किया था । दादा सहिव फालके ने पहली मूक फिल्म 'राजा हरिश्रचंद्र' बनाई । जिसे 1913 मे दिखाया गया था । इसके बाद भारत मे मूक फिल्मे बनने का चलन  आरंभ हुआ । 1930 मे भरत मे पहली बोलती फिल्म ' आलम  आरा ' बनी जो उरदू भाषा मे थी इसे 1930 मे दिखाया गया था । आलम  आरा का निर्देशन  अर्देशिर  इरानी ने किया था । 1937 मे रिलीज हुई भारत की पहली रंगीन फिल्म ' किसान कन्या ' इस फिल्म के निर्माता अर्देशिर  इरानी थे । किसान कन्या हिंदी भाषा मे पहली रंगीन मूवी थी । इसके बाद बहुत सी फिल्मे बनी ।
शोले _15 अगस्त 1975 मे भारत की सबसे सुपर हिट फिल्म शोले आई । इस फिल्म के निर्माता निर्देशक जे पी शिप्पी और  उनके पिता रमेश शिप्पी थे । इस फिल्म ने सफलता की बुलंदी को छुआ । शोले के मुख्य आदाकारो मे अमिताभ बच्चन ' जया भादडी (जया बच्चन) धर्मेद्र' हैमामालनी ' अमजद खान थे । इन कलाकारो का अभियान इस फिल्म मे हकीकत के करीब है । शोले दुनिया की सबसे अधिक देखी गई फिल्म बनी । हय फिल्म उस समय भोपाल के एक सिनेमाघर मे तीन साल तक चलाई गई ।और देखने बालो ने इसे बार बार देखा । शोले फिल्म ने खूब दोलत  और शोहरत कमाई ।
भारत मे टेलीविजन [टीवी] का आरंभ ।
भारत मे1959 को पहलीबार टीवी का प्रशारण  आरंभ हुआ ।1984 मे डीडी मेट्रो चैनल शुरू हुआ ।इसी सन मे पहला टीवी सीरियल हमलोग  टीवी पर दिखाया गया ।इसके बाद' खानदान' इधर  उधर ' आदि टीवी धाराबाहिक टीबी पर  आने लगे थे । फिर भी टेलीविजन टीवी का नाम बहुत कम लोग ही जानते थे । बीमारी का नाम टीवी लोगो ने जरूर सुना था ।पर देखने वाली टीवी को नही देखा था ।
रामायण धाराबाहिक - 25 जनवरी 1987 को निर्माता निर्देशक रामानंद सागर का लोकप्रिय धाराबाहिक रामायण पहली बार दिखाया गया । जिसे देखकर लोग दिवाने होए ।घर घर मे इसकी चर्चा होने लगी ।यह सीरियल रविवार के दिन सुवह 30 मिनिट टीवी पर दिखाया जाता था । इस धारावाहिक के प्रशारण के समय भारत की जिंदगी थम जाती थी लोग  अपने काम छोडकर  इसे जरूर देखते थे । इस धारावाहिक के चलते गॉव गॉव मे टीवी पहुंच गया । उस समय गॉव के बडे किसानो के एक दो घरो मे ही टीवी सेट होता था । रविवार के दिन सुवह 9.30 बजे सारा गॉव  एक टीवी के सामने जमा होकर रामायण देखता था ।उस समय गॉवो मे बिजली नही थी फिर भी लोग ट्रेक्टर की बैटरी से टीवी चलाकर यह धारावाहिक जरूर देखते थे । यह ब्लेक व्हाइट टीवी का जमाना था । रामानंद सागर का यह धारावाहिक टीवी के इतिहास मे सबसे अधिक देखा जाने वाला सीरियल रहा ।इसमे राम की भुमिका अरुण गोविल ने निभाइ थी और सीता के रूप मे दीपिका थीं ।
महाभारत " बी आर चोपडा के लोकप्रिय धारावाहिक रामायण का प्रशारण टीवी पर सन 1988 से आरंभ हुआ । जो 1990 तक चला । यह सीरियल भी रामायण की तरह ही लोकप्रिय रहा । महाभारत सीरियल ने गॉवो के घर घर मे टीवी पहुचा दिया । इसी दोरान टीवी सेटो की धडल्ले से बिक्री हुई । टीवी सेटो के निर्माता और बिक्रेताऔ ने अटूट मुनाफा कमाया और  अमीर बन गए ।
चंद्रकाँता _नीरजा गुलेरी का लोकप्रिया धारावाहिक टीवी पर पहली बार 4 मार्च1994 को दिखाया गया था । इस समय भारत के गॉवो मे बिजली और रगीन टीवी का आगमन हो गया था ।देवकीनंदन खत्री के प्रशिध  उपन्यास पर  आधारित धारावाहिक चंद्रकांता  भी टीवी के इतिहास मे एक लोकप्रिय सीरियल रहा है । यह धारावाहिक 1996 तक टीवी के राष्ट्रीय चैनल पर दिखाया गया । इस सीरियल की मुख्य भूमिका मे अरवाज खान थे । इस धारावाहिक की कहानी राजकुमारी चंद्रकांता और  एक राजकुमार की प्रेम कथा पर  आधारित है । जो पुरानी होकर भी बहुत सुहानी लगती है ।
शोले का विडियो ।
रामायण का विडियो ।महाभारत का दृश्यचंद्रकांता की कहानी
महाभारत का दृश्य

चूना उघोग, कम लागत, आधिक मुनाफा

  आज भारत मे 75 पैरेंट लोग पान में जो चुना खाते है।  इस चूने को बनाना और इस तरह की डिब्बी में भरकर बेचने वाले लोग भारी मुनाफा कमाई करते है।