रविवार, 28 अगस्त 2016

सोमवार, 22 अगस्त 2016

धन संग्रहण का सच ।

धन संगृह के एक बहुत बडे सच का खुलासा ' क्या है ?
ओशो ने अपने उदबोधन मे संपत्ति इकट्ठा करने का  एक बडा सच  उजागर किया है । ओशो ने कहा है कि _ बिना चोरी और बेईमानी के संपत्ति इकट्ठी करना असंभव है ' यह कभी भी संभव नहीं रहा ' आज भी संभव नहीं है ।
{यह बात  ओशो की पुस्तक 'जीवन रहस्य ' के पेज नं 119 के पैरा 3 पर लिखित प्रमाण है ।}
हमें अपने समाज का गहराई से अबलोकन करने पर  उपरोक्त कथन सच सा पृतीत होता है । हम समाज मे देखत़े है कि झेठ ' चोर ' धोखेबाज  और बेईमान लोग धनी बन जाते है एवं ईमानदार कडी महनत से पसीना बहाकर भी ब मुसकिल दो जून की रोटी ही कमा पाता है ।और हमेशा निरधन ही रहता है ।

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चूना उघोग, कम लागत, आधिक मुनाफा

  आज भारत मे 75 पैरेंट लोग पान में जो चुना खाते है।  इस चूने को बनाना और इस तरह की डिब्बी में भरकर बेचने वाले लोग भारी मुनाफा कमाई करते है।