नौकर घरेलू हो या अॉफिस कार्यालय मे काम करने बाले सरकारी नौकर इनसे अच्छा काम कराने के लिए मालिक को इनसे मधुर संबंध रखना चाहिए ।एवं प्यार भरा व्वहार करना चाहिए ।और हमेश खुश रखना चाहिए ।नौकर से कोई गलती अथवा नुक्सान होने पर भी कटू बचन बोलने की जगह प्यार से समझाना ही उचित है । क्योंकि आखिर यह लोग भी तो हमारी ही तरह इंसान है और गलतियां इंसान से ही होती है ।
नौकर जब तक कम को अपना समझकर नही करेगा तब तक काम बेहतर नही हो सकता है ।इसलिये नौकरौ को अपने पन का एहसास देना जरूरी है ।नौकर को डरा धमाका कर काम कराने का तरीका हानिकारक हो सकता है ।एसा करने से नौकर मालिक के खिलाफ हो सकता है और उसके दिमाग मे टेंशन पैदा होता है जिससे रचनात्मक काम करने की छमता कम होती है । फिर वह समय पास करने या केबल रोज कमाने के लिए ही काम करता है। यानी आय जाए मालिक का पेमेंट से काम । 💃💁
बही दुशरी तरफ नौकर पर आँख बंद करके यकीन भी नही करना चाहिए ।आखिर नौकर तो नौकर ही होता है । क्या पता कब लालच मे आकर गडबड कर दे ।मीडिया मे एसी अपराधी घटनाएं देखने सुन्ने मे आती है जिनमें घर के नौकर का ही काम होता है ।आब आप सोचते होगे यह क्या पहेली है नौकर को अपना भी समझो और उस पर यकीन भी मत करो ।यही तो है नौकर से काम लेने का फंडा आइए इसे हम एक उदाहरण से समझते है ।
उदाहरण_ एक नौकर ने अपने मालिक से पूछा - सेठजी आप मुझ पर यकीन नही करते ।
मालिक बोला -अरे पगले कैसी बात कर रहा है अगर हमे तुझ पर भरोसा न होता तो हम तुझे घर की चाँबियो के साथ ही तिजोरी की चाँबी क्यों देते ? यह सुनकर नौकर ने कहा - तो फिर यह चाबी तिजोरी मे लगती क्यों नही है !
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Seetamni@Gmail. com
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नौकर जब तक कम को अपना समझकर नही करेगा तब तक काम बेहतर नही हो सकता है ।इसलिये नौकरौ को अपने पन का एहसास देना जरूरी है ।नौकर को डरा धमाका कर काम कराने का तरीका हानिकारक हो सकता है ।एसा करने से नौकर मालिक के खिलाफ हो सकता है और उसके दिमाग मे टेंशन पैदा होता है जिससे रचनात्मक काम करने की छमता कम होती है । फिर वह समय पास करने या केबल रोज कमाने के लिए ही काम करता है। यानी आय जाए मालिक का पेमेंट से काम । 💃💁
बही दुशरी तरफ नौकर पर आँख बंद करके यकीन भी नही करना चाहिए ।आखिर नौकर तो नौकर ही होता है । क्या पता कब लालच मे आकर गडबड कर दे ।मीडिया मे एसी अपराधी घटनाएं देखने सुन्ने मे आती है जिनमें घर के नौकर का ही काम होता है ।आब आप सोचते होगे यह क्या पहेली है नौकर को अपना भी समझो और उस पर यकीन भी मत करो ।यही तो है नौकर से काम लेने का फंडा आइए इसे हम एक उदाहरण से समझते है ।
उदाहरण_ एक नौकर ने अपने मालिक से पूछा - सेठजी आप मुझ पर यकीन नही करते ।
मालिक बोला -अरे पगले कैसी बात कर रहा है अगर हमे तुझ पर भरोसा न होता तो हम तुझे घर की चाँबियो के साथ ही तिजोरी की चाँबी क्यों देते ? यह सुनकर नौकर ने कहा - तो फिर यह चाबी तिजोरी मे लगती क्यों नही है !
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