पोराणिक कथाओं मे एसे और भी प्रमाण मिलते है । जो सच है या झूठ यह तो हम नही कह सकते पर हम अपने अनुसार समय की व्याख्या जरूर कर सकते है । जो हमे आभास होता है । जैसे समय हम सभी इंसानों के कभी कभी अचरज मय और चमत्कारी सा लगता है । जैसे कि सयम का हर छण नबीन होना ' कभी कभार समय का एक सेकिंड सदियों सा लगता है ' और कभी एक साल भी एक दिन के बराबर लगता है । इस पूरे वृहमाण्ड मे मनुष्य ही एक एसा प्राणी है जो समय से पीडित है । बाकी सभी जीवो के लिए समय का कोई महत्व नही है ।
समय की हकीकत तो यह है ' समय' शब्द के अर्थ से उजागर हो रही है ' जैसे _ सम+ य = समय ा याने कि समय सम है ' स्थर है । न कही जाता है और न कही से आता है । स्थर रहते हुए ही इलेक्ट्रॉन की तरह गोल घुमता हुआ गतिशील पृतीत होता है ।
ओशो के अनुसार _ मनुष्य के जन्म मृत्यु के पार समय मापन का कोई उपाय नही होता है । समय स्केल आदमी के जन्म के साथ शुरू होता है एवं मृत्यु के साथ समाप्त । फिर भी आसली समय हमेशा रहता है ।
Seetamni@gmail. com
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समय की हकीकत तो यह है ' समय' शब्द के अर्थ से उजागर हो रही है ' जैसे _ सम+ य = समय ा याने कि समय सम है ' स्थर है । न कही जाता है और न कही से आता है । स्थर रहते हुए ही इलेक्ट्रॉन की तरह गोल घुमता हुआ गतिशील पृतीत होता है ।
ओशो के अनुसार _ मनुष्य के जन्म मृत्यु के पार समय मापन का कोई उपाय नही होता है । समय स्केल आदमी के जन्म के साथ शुरू होता है एवं मृत्यु के साथ समाप्त । फिर भी आसली समय हमेशा रहता है ।
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