शुक्रवार, 23 अक्तूबर 2015

खेती को लाभ का धंधा बनाए 'उत्तम खेती ।

भारत  एक कृषी प्रधान देश है और कृषी देश की अर्थव्यवस्था की रीड की हड्डी है ।भारत का अधिकंश जनसमुदाय गॉवो मे वास करता है ।जिनका  प्रमुख व्यवसाय कृषी है । पर भारत के गॉवो मे किसानो की आर्थिक स्थति का अवलोकन करने से पता चलता है की आज  उनकी स्थति अच्छी नही है । 75%किसान कर्ज मे डूवे है । एक जमाना  था जव काका  हथरसी ने कहा था 'उत्तम खेती  मध्यम व्यपार 'पर  आज खेती निचले स्तर पर है ।
खेती को आज भी उत्तम लाभ का धंधा वनाया जा सकता है । खेती से अधिक मुनाफा कमाने हेतू किसान को निम्न  उपाय  अपनाने चाहिए ।
[1]  सवसे पहले किसान को खेती की लागत कम करने के उपाय करने चाहिए जैसे किसान बाजार से महगे बीज खरीदकर बोने के स्थान पर  अपना स्यम का बीज तैयार करे ।बीज बनाने का प्रशिक्षण कृषी विज्ञान केंदृ से लिया जा सकता है ' यह केंदृ हर जिला स्तर पर स्थापित हैं ।जहाँ से किसान बीज बनाने की तकनीक सीख कर  अपना खुद का बीज बनाकर बोनी करे ।
[2] खाद 'ओर्वरक -खाद भी किसान स्यम वना कर खेतो मे डाले ।जिसमे  गोवर की खाद 'पत्तियो की खाद ' आदि किसान खुद बना सकते है ।इसके अलावा चूलहे की राख खाद के रूप मे एक  उत्तम बिकल्प है ।वेज्ञानिको और कृषी विशेषज्ञो के अनुशार राख मे 13प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते है ।और पोधो को कुल 16प्रकार के पोषक तत्वो की आवश्यकता होती हैँ ।जिसमे 3 पोषक तत्व पोधो को कुदरत से मिलते है 'हवा 'पानी और धूप 'यानी राख पोधो का संपूण  पोषण कर सकती है ।
[3] किसान खेती के साथ खेती के सहायक  उधम स्थापित करें ।जैसे -बागवानी 'सवजी उत्पादन 'पशूपालन  आदि ।यह  उधम खेती के साथ बहुत कम लागत मेहनत के किये जा सकते है 'यह  उधम खेती के वरावर ही मुनाफा देने वाले है । दुधारू पशूपालन दुनिया का एकमात्र  एसा व्यवसाय है । जिसमे मुफ्त के घास फूस से प्रोडक्ट {दूध} तैयार होता है ।वह भी दिन मे दो वार सुवह  और शाम ' इसकी मार्केटिग भी आसान है । घर से ही बिक जाता है ।
वही सवजी उत्पादन भी रोजाना आय देने वाला व्यवसाय है ।
वागवानी -वागवानी मे कृषक  अपने खेत की मेडो पर नीवू 'आवला ' अमरूद' आदि जैसे पेड के पौधो का रोपड करें । जिससे किसान को कुछ ही साल मे प्रति एक पेड से लगभग 1000रू की आय होगी ।अगर किसान के खेत की मेड पर  एसे सौ पेड हो तो एक लाख रूपये की आय हर बर्ष होगी ।
[4]  अनाजो के भाव का पूर्व अनूमान लगाना । अक्शर किसान खेत मे फसल बोने के ममले मे भेड चाल मे चलता है ।वह खेत मे वही फसल बोना पसंद करता है जिसे जाद से जादा किसान बो रहे होते है या जिस  अनाज का बर्तमान मे जादा भाव होता है ।किसान  उसी अनाज बीज को बोने का चयन करता है ।इसका परिणाम यह होता है कि एसी अनाज का बीज भी मेहगा मिलता है ।और  एक ही चीज  अधिक किसानो दुआरा बोने पर 'उसकी पेदावार  अधिक होती है 'जिससे उस  अनाज की माग घट जाती है 'और माग घटने पर  उसका भाव भी गिर जाता है ।और  एसा करने वाले किसान हमेशा घाटे मे ही रहते है ।
खेती से आधिक लाभ पाने हेतू किसान को चाहिए कि वह कोन सी फसल बोए जो फसल  आने पर मेहगे भाव विके । इसके लिए वह पिछले सीजन मे 'अनाजो की देश मे कुल पेदावर के आकडे' देश मे अनाजो की कुल जरूरत 'देश मे स्टाक'अनाजो का आयात निर्यात 'आदि सब के आकडे इकट्ठा करके यह परिणाम निकाले की आने वाले साल मे किस  अनाज की कमी आने की संभावना है ।और  आने वाले समय मे जिसकी अधिक माग होगी ।तव भाव निश्चित ही बढेगा । किसान को यह सब निश्चित करने के वाद ही फमल बोने का चयन करना चाहिए । तभी वह खेती से अधिक लाभ  उठा सकेगा ।
[5] शासकिय कृषी विभाग की सेबाओ का पूरा लाभ  उठाए ।खेती से संबंधित हर पृकार की जानकारी लेने के लिए । कृषि हेल्प लाइन नं_09584700750.पर बात करें ।या किसान कॉल सेंटर के टोल फ्री नं_ 18001801551.पर कॉल लगा कर खेतीबाडी की जानकारी ले ।
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चूना उघोग, कम लागत, आधिक मुनाफा

  आज भारत मे 75 पैरेंट लोग पान में जो चुना खाते है।  इस चूने को बनाना और इस तरह की डिब्बी में भरकर बेचने वाले लोग भारी मुनाफा कमाई करते है।