अधिकांश परिवारो मे यह होता है की परिवार का एक ही पुरुष सदस्य कमाता है ।और यही उस परिवार का एक मात्र आय का स्रोत होता है ।कुछ परिवारो का एक सदस्य सोलह घंटे तक काम करके कमाई करता है । फिर भी परिवार की जरूरतें पूरी नहीं हो पाती है ।धन संग्रह का सवाल ही पैदा नही होता ।
आज के युग मे व्यक्ति या परिवारो की जरूरते अनंत है ।इसलिए आज एक व्यक्ति की कमाई से घर परिवार चलाना कठिन है ।जिसके लिए आज जरूरत इस बात की है ।की महिलाओं सहित घर के सभी व्यस्क सदस्य काम करें ' और कमाए ' एवं हर सदस्य के डवल आय के स्रोत हो' यानी कि परिवार का हर सदस्य दो अलग अलग काम करके दुगना कमाए ' फिर तो कहना ही क्या ' सोने पे सुहागा ' हो जाए । और एसा करना संभव है । कुछ लोग एक दिन मे तीन काम करते देखे जाते है । जैसे _ डियूटी जाने से पहले एक घंटे पडोस के बच्चों को टयूसन पढाना ' फिर काम पर जाना ' फिर शाम को दो घंटे दुकान पर बैठना आदि । इस तरह से परिवार के सभी सदस्यो द्वारा कमाने से परिवार' दिन दूना रात चौगना ' आर्थिक विकास करता है । क्योंकि परिवार के जितने अधिक आय के स्रोत होगें परिवार उतना है अधिक विकास करेगा ।
एक समय था जब लोग नौकरी ' काम' धंधे ' चिराग लेकर ढूँढते थे । और आज कामों का अंबार लगा है ।हर क्षेत्र मे कामों के ढेरों अवसर पैदा हो रहे है । आज काम करने वाले लोग नही मिलते ।
महिलाओं के लिए भी आज हर क्षेत्र मे काम के अवसर उपलब्ध है । महिला चाहे तो घर बैठे किए जा सकने वाले हजारों प्रकार के काम है । जिनमें से महिलाएं कोई भी अपना मन पसंद काम चुन कर ' घर बैठे कमा सकतीं हैं ।
दुनिया के विकसित देशों मे परिवारो का यह आलम है की बच्चे स्कूल जाते है और उनके दोनों माँ बाप काम पर जाते है ।घर पर कोई नहीं रहता ।खाने पीने के मामले मे ' दो मिनिट मे तैयार होने वाली कॉपी ' फास्ट फूड ' रेडीमेड खाना ' और मौसमी फलों का अधिक उपयोग किया जाता है । संडे के दिन ही पूरे सप्ताह का खाना बना कर रेफ्रिजरेटर मे रख दिया जाता है ' और सप्ताह भर इसी भोजन से काम चलता है । इस तरह से रोज सुबह शाम खाना बनाने के झंझट से मुक्ति मिलने के साथ ही समय की भी बचत होती है ।
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Seetamni@gmail. com
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आज के युग मे व्यक्ति या परिवारो की जरूरते अनंत है ।इसलिए आज एक व्यक्ति की कमाई से घर परिवार चलाना कठिन है ।जिसके लिए आज जरूरत इस बात की है ।की महिलाओं सहित घर के सभी व्यस्क सदस्य काम करें ' और कमाए ' एवं हर सदस्य के डवल आय के स्रोत हो' यानी कि परिवार का हर सदस्य दो अलग अलग काम करके दुगना कमाए ' फिर तो कहना ही क्या ' सोने पे सुहागा ' हो जाए । और एसा करना संभव है । कुछ लोग एक दिन मे तीन काम करते देखे जाते है । जैसे _ डियूटी जाने से पहले एक घंटे पडोस के बच्चों को टयूसन पढाना ' फिर काम पर जाना ' फिर शाम को दो घंटे दुकान पर बैठना आदि । इस तरह से परिवार के सभी सदस्यो द्वारा कमाने से परिवार' दिन दूना रात चौगना ' आर्थिक विकास करता है । क्योंकि परिवार के जितने अधिक आय के स्रोत होगें परिवार उतना है अधिक विकास करेगा ।
एक समय था जब लोग नौकरी ' काम' धंधे ' चिराग लेकर ढूँढते थे । और आज कामों का अंबार लगा है ।हर क्षेत्र मे कामों के ढेरों अवसर पैदा हो रहे है । आज काम करने वाले लोग नही मिलते ।
महिलाओं के लिए भी आज हर क्षेत्र मे काम के अवसर उपलब्ध है । महिला चाहे तो घर बैठे किए जा सकने वाले हजारों प्रकार के काम है । जिनमें से महिलाएं कोई भी अपना मन पसंद काम चुन कर ' घर बैठे कमा सकतीं हैं ।
दुनिया के विकसित देशों मे परिवारो का यह आलम है की बच्चे स्कूल जाते है और उनके दोनों माँ बाप काम पर जाते है ।घर पर कोई नहीं रहता ।खाने पीने के मामले मे ' दो मिनिट मे तैयार होने वाली कॉपी ' फास्ट फूड ' रेडीमेड खाना ' और मौसमी फलों का अधिक उपयोग किया जाता है । संडे के दिन ही पूरे सप्ताह का खाना बना कर रेफ्रिजरेटर मे रख दिया जाता है ' और सप्ताह भर इसी भोजन से काम चलता है । इस तरह से रोज सुबह शाम खाना बनाने के झंझट से मुक्ति मिलने के साथ ही समय की भी बचत होती है ।
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