पसाई धान
धान की एक जाती है जो कुदरती रूप से बारिश के मोषम मे ताल तलैयो मे पानी मे उगती है । इसके चावल लाल रंग के होते है ।पसाई धान के चावलो का उपयोग सबसे जादा रिश्री पंचमी के दिन होता है । इस दिन महिलाए उपवास रखती है । एसी मान्यता है कि इस उपवास मे केवल पसाई धान के चावलो की खीर ही खाई जाती है ।
रिश्री पंचमी के दिन पसाई धान के चावलो की भारी मॉग होती है । यह चावल बाजार मे ढूडे नही मिलते ' और मिलते भी है तो मन के भाव 25 रूपये के 50g यानी 500 रूपये किलो के भाव पर मिलते है ।
पसाई धान की खेती_ यदि पसाई धान के बीजों को संग्रह करके इसकी खेती की जाए तो यह एक लाभदायक खेती शिद्ध हो सकती है ।
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Seetamni@Gmail. com
धान की एक जाती है जो कुदरती रूप से बारिश के मोषम मे ताल तलैयो मे पानी मे उगती है । इसके चावल लाल रंग के होते है ।पसाई धान के चावलो का उपयोग सबसे जादा रिश्री पंचमी के दिन होता है । इस दिन महिलाए उपवास रखती है । एसी मान्यता है कि इस उपवास मे केवल पसाई धान के चावलो की खीर ही खाई जाती है ।
रिश्री पंचमी के दिन पसाई धान के चावलो की भारी मॉग होती है । यह चावल बाजार मे ढूडे नही मिलते ' और मिलते भी है तो मन के भाव 25 रूपये के 50g यानी 500 रूपये किलो के भाव पर मिलते है ।
पसाई धान की खेती_ यदि पसाई धान के बीजों को संग्रह करके इसकी खेती की जाए तो यह एक लाभदायक खेती शिद्ध हो सकती है ।
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