बृहमांड मे केवल एक हमारी पृथ्वी ही जीवित गृह नहीं है । अंतरिक्ष मे और भी गृह है जहाँ हमारे जैसी ही इंसानी दुनिया हैं । यह बात अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा भी मानती है । खगोल वैज्ञानिक ' और बडे बडे विचारक भी इस मत से सहमत है । पौराणिक कथाओं मे भी दूशरे लोको के बारे मे लेख है ।
एलियन और उडनतश्तरी
अनेक बार आसमान मे उडनतश्तरी देखे जाने की खबरे आईं है ।पृथ्वी पर एलियंस देखे गए है जो किसी दूशरे गृह से आते है ।एलियनो के फोटो भी खीचे जा चुके है जो एलियन होने के सबूत है ।
रेडियो संदेश _🌐 अनेक बार पृथ्वी पर एसे रेडियो संदेश भी पहचाने गए है जो अंतरिक्ष के किसी दूशरे गृह से पृथ्वी पर भेजे गये थे । उन गृहो से पृथ्वी पर आने वाले रेडियो संदेश पृथ्वी तक पहुचने मे बहुत प्रकाश बर्ष का समय लगता है ।
बृहमाण्ड _ इस शब्द का मतलव है जो फेलता ही गया हो और जिसका कोई आदि अंत ना हो । अंतरिक्ष मे दुरी मापन का पैमाना प्रकाश बर्ष होता है ।क्योंकि किरण की गती सबसे तेज है । एक सेकंड मे किरण लगभग डेढ लाख मील की दूरी तय करती है । सूरज से हमारी पृथ्वी पर किरणे पहुचने मे अठ मिनट लगते है । एक साल मे प्रकाश जितनी दूरी तय करता है उसे एक प्रकाश बर्ष माना जाता है । वैज्ञानिकों ने एसे तारे भी खोजे है जहां से किरण चली थी जव पृथ्वी बनी नही थी और वह किरण अभी भी पृथ्वी तक नही पहुची है जवकी आज पृथ्वी को बने हुए लगभग ४अरब साल हो गए है । इसी से अनुमान लगाया जा सकता है की अंतरिक्ष कितना अनंत है । अंतरिक्ष मे हमारे सौर मंडल जैसे अनेकों सौर मंडल है जिनमे अनेक सूरज चंदा और पृथ्वी है । एसा वैज्ञानिक मानते है ।
अंतरिक्ष मे जीवन की खोज !
आज हमारा विज्ञान भी बहुत आगे पहुच गया है अंतरिक्ष मे गृहो की कक्षा मे अनेकों उपगृह स्थापित किए जा चुके है और यह सिलसिला जारी है । अव वह दिन दूर नही जव अंतरिक्ष मे हमारी पृथ्वी की तरह ही दूशरे इंसानी दुनियां के गृह खोज लिए जाएगे और उनसे संपर्क स्थापित कर लिया जाएगा । आज तक की जानकारी से यह अनुमान लगता है की एलियनस की दुनिया का विज्ञान हमारे विज्ञान से बहुत आगे हो सकता है ।खेर यह तो आने वाला समय ही बताएगा की हकीकत क्या है ?
मंगल गृह पर जीवन संभव है !
मंगल पर जीवन संभव है इस बात की घोसणा वैज्ञानिकों ने बहुत बार की है । पर इस बात को हकीकत का रूप देने मे समय लग रहा है । पिछले दिनो अमेरिका ने तो यह घोसणा कर दी थी की वह अगले साल मगल पर पर्यटको को ले जाने बाला है ।पर अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने जो उपगृह मंगल की कक्षा मे भेजा था वह फेल हो गया और जानकारी के अभाव के कारण यह यात्रा भी रद्द हो गई ।
महान विचारक ओशो ने एक बार अपने प्रवचन मे कहा था की इक्कीसवी सदी तक अंतरिक्ष के किसी ना किसी गृह पर जीवन खोज लिया जाएगा । और अव ओशो की यह बात जल्द ही सच साबित होने बाली है । भले ही मंगल पर पृथ्वी जैसी दुनिया बसाना संभव न हो पर मंगल का पर्यटन स्थल बनना तो सौ% तय है ।
एलियन और उडनतश्तरी
अनेक बार आसमान मे उडनतश्तरी देखे जाने की खबरे आईं है ।पृथ्वी पर एलियंस देखे गए है जो किसी दूशरे गृह से आते है ।एलियनो के फोटो भी खीचे जा चुके है जो एलियन होने के सबूत है ।
रेडियो संदेश _🌐 अनेक बार पृथ्वी पर एसे रेडियो संदेश भी पहचाने गए है जो अंतरिक्ष के किसी दूशरे गृह से पृथ्वी पर भेजे गये थे । उन गृहो से पृथ्वी पर आने वाले रेडियो संदेश पृथ्वी तक पहुचने मे बहुत प्रकाश बर्ष का समय लगता है ।
बृहमाण्ड _ इस शब्द का मतलव है जो फेलता ही गया हो और जिसका कोई आदि अंत ना हो । अंतरिक्ष मे दुरी मापन का पैमाना प्रकाश बर्ष होता है ।क्योंकि किरण की गती सबसे तेज है । एक सेकंड मे किरण लगभग डेढ लाख मील की दूरी तय करती है । सूरज से हमारी पृथ्वी पर किरणे पहुचने मे अठ मिनट लगते है । एक साल मे प्रकाश जितनी दूरी तय करता है उसे एक प्रकाश बर्ष माना जाता है । वैज्ञानिकों ने एसे तारे भी खोजे है जहां से किरण चली थी जव पृथ्वी बनी नही थी और वह किरण अभी भी पृथ्वी तक नही पहुची है जवकी आज पृथ्वी को बने हुए लगभग ४अरब साल हो गए है । इसी से अनुमान लगाया जा सकता है की अंतरिक्ष कितना अनंत है । अंतरिक्ष मे हमारे सौर मंडल जैसे अनेकों सौर मंडल है जिनमे अनेक सूरज चंदा और पृथ्वी है । एसा वैज्ञानिक मानते है ।
अंतरिक्ष मे जीवन की खोज !
आज हमारा विज्ञान भी बहुत आगे पहुच गया है अंतरिक्ष मे गृहो की कक्षा मे अनेकों उपगृह स्थापित किए जा चुके है और यह सिलसिला जारी है । अव वह दिन दूर नही जव अंतरिक्ष मे हमारी पृथ्वी की तरह ही दूशरे इंसानी दुनियां के गृह खोज लिए जाएगे और उनसे संपर्क स्थापित कर लिया जाएगा । आज तक की जानकारी से यह अनुमान लगता है की एलियनस की दुनिया का विज्ञान हमारे विज्ञान से बहुत आगे हो सकता है ।खेर यह तो आने वाला समय ही बताएगा की हकीकत क्या है ?
मंगल गृह पर जीवन संभव है !
मंगल पर जीवन संभव है इस बात की घोसणा वैज्ञानिकों ने बहुत बार की है । पर इस बात को हकीकत का रूप देने मे समय लग रहा है । पिछले दिनो अमेरिका ने तो यह घोसणा कर दी थी की वह अगले साल मगल पर पर्यटको को ले जाने बाला है ।पर अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने जो उपगृह मंगल की कक्षा मे भेजा था वह फेल हो गया और जानकारी के अभाव के कारण यह यात्रा भी रद्द हो गई ।
महान विचारक ओशो ने एक बार अपने प्रवचन मे कहा था की इक्कीसवी सदी तक अंतरिक्ष के किसी ना किसी गृह पर जीवन खोज लिया जाएगा । और अव ओशो की यह बात जल्द ही सच साबित होने बाली है । भले ही मंगल पर पृथ्वी जैसी दुनिया बसाना संभव न हो पर मंगल का पर्यटन स्थल बनना तो सौ% तय है ।
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