पेंटर एम एफ हुसैन के नाम से जाना जाने बाले चित्रकार मकबूल फिदा हुसैन का जन्म 15 सितंवर ?1915 मे भारत के महाराष्ट्रपंढरपुर मे हुआ था ।मॉ के दिहांत के बाद हुसैन अपने बालिद के साथ इंदोर जले गए जहाँ उन्होने स्कूली पढाई की । हुसैन शोकिया तोर पर प्राकृतिक दृश्य बनाते थे । 1935 मे हुसेन बंबई चले गए और पैसे कमाने के लिए छोटे मोटे काम करने लगे ' पर उनका मन तो कुछ और ही नय करना चाहता था ।हुसेन ने कुछ कलाकर एवं चित्रकारो के साथ मिल कर एक आर्ट ग्रुप बनाया ' उनकी पहली चित्र प्रदर्शनी ' सुनेहरा ससार ' बम्बे आर्ट सोसाइटी मे प्रदर्शत हुई ।
इसके बाद हुसैन ने एक घॉस के मैदान की सबसे बडे आकार की पेंटिंग बनाकर अपना नाम गिनिज बुक मे खिला लिया । उनकी कार पर गोपियो के चित्र बने थे । जिसे देखकर कोई भी कह सकता था की यह किसी चित्रकार की कार है ।
एम एफ हुसैन पहली बार प्रकाश मे अए जब उनकी चित्र प्रदर्शनी ज्यूरिख मे लगी थी । इसके बाद उनकी प्रदर्शनी अमेरिका यूरोप और अन्य देशो मे भी लगी । उनकी एक पेंटिंग 16 लाख डॉलर मे बिकी थी ' अब हुसेन बीसवीं सदी के सबसे महगे भारतिय चित्रकार बन गए थे । भारत सरकार ने एम एफ हुसैन को 1955 मे पदमश्री और 1991 मे पदमविभूषण पुरुस्कार से नवाजा था ।
मकबूल फिदा हुसैन का एक रूप फिल्म निर्देशक का भी था ' 1967 मे उनकी फिल्म ' थ्रू दा अॉइज अॉफ ए पेंटर ' आई ।फिर उनकी फिल्म ' गजगामनी ' आई जिसमे अभिनेत्री माधुरी दीक्षित थी ' इसके बाद हूसेन ने दो तीन फिल्म और बनाई ।
मकबूल फिदा हुसेन को सुर्खीयो मे आने की महारथ थी ' इस कला मे हुसेन बहुत निपुण थे ।वह बडी बडी हस्तियों के साथ नजर आते थे ।सन 1971 के साओ पावलो कार्यकृम मे हुसेन साहब को मशहूर चित्रकार पिकासो के साथ आमंत्रित किया गया था । उस समय एक संस्था ने एम एफ हुसैन को दुनिया के सबसे अधिक फेमस मुसलमानों की सूची मे सामिल किया था ।
विबाद
1996 मे मकबूल हुसैन पर हिन्दु देवी देवताओ के नग्न चित्र बनाने का आरोप लगा ' जिसमे उनके खिलाप न्यायालय मे सौ के लगभग मामले दर्ज हुए थे । पर हुसेन खजुराहो के मंदिर का तर्क देकर किसी भी तरह बच निकले थे
इसके बाद हुसेन एक बार फिर समाचार पत्रो मे छपे जब उन्होंने अभिनेत्री माधुरी के नंगे चित्र बनाने की घोषणा कर दी ।
2006 मे मकबूल फिदा हुसेन पर फिर एक बार भारत माता का नग्न चित्र बनाने का आरोप लगा ' इस मामले से बचने के लिए आखिर हुसेन को भारत छोडना पडा और वह लदन चले गए ' फिर उन्हें कतर की नागरिकता मिलगई 2011 तक चित्रकार एम एफ हुसैन ' कतर देश मे रहे । 9जून2011 को लंदन के एक अस्पताल मे दिल का दोरा पडने से मकबूल फिदा हुसेन की मोत हो गई । उनके बनाए गए चित्र पिकासो की तरह कुछ हटके होते थे इसलिए वह बिवादो मे आ जाते थे । एम एफ हुसैन को भारत का पिकासो कहा जाता है । आज भी कलॉ के संसार मे एम एफ हुसेन को याद किया जाता है
इसके बाद हुसैन ने एक घॉस के मैदान की सबसे बडे आकार की पेंटिंग बनाकर अपना नाम गिनिज बुक मे खिला लिया । उनकी कार पर गोपियो के चित्र बने थे । जिसे देखकर कोई भी कह सकता था की यह किसी चित्रकार की कार है ।
एम एफ हुसैन पहली बार प्रकाश मे अए जब उनकी चित्र प्रदर्शनी ज्यूरिख मे लगी थी । इसके बाद उनकी प्रदर्शनी अमेरिका यूरोप और अन्य देशो मे भी लगी । उनकी एक पेंटिंग 16 लाख डॉलर मे बिकी थी ' अब हुसेन बीसवीं सदी के सबसे महगे भारतिय चित्रकार बन गए थे । भारत सरकार ने एम एफ हुसैन को 1955 मे पदमश्री और 1991 मे पदमविभूषण पुरुस्कार से नवाजा था ।
मकबूल फिदा हुसैन का एक रूप फिल्म निर्देशक का भी था ' 1967 मे उनकी फिल्म ' थ्रू दा अॉइज अॉफ ए पेंटर ' आई ।फिर उनकी फिल्म ' गजगामनी ' आई जिसमे अभिनेत्री माधुरी दीक्षित थी ' इसके बाद हूसेन ने दो तीन फिल्म और बनाई ।
मकबूल फिदा हुसेन को सुर्खीयो मे आने की महारथ थी ' इस कला मे हुसेन बहुत निपुण थे ।वह बडी बडी हस्तियों के साथ नजर आते थे ।सन 1971 के साओ पावलो कार्यकृम मे हुसेन साहब को मशहूर चित्रकार पिकासो के साथ आमंत्रित किया गया था । उस समय एक संस्था ने एम एफ हुसैन को दुनिया के सबसे अधिक फेमस मुसलमानों की सूची मे सामिल किया था ।
विबाद
1996 मे मकबूल हुसैन पर हिन्दु देवी देवताओ के नग्न चित्र बनाने का आरोप लगा ' जिसमे उनके खिलाप न्यायालय मे सौ के लगभग मामले दर्ज हुए थे । पर हुसेन खजुराहो के मंदिर का तर्क देकर किसी भी तरह बच निकले थे
इसके बाद हुसेन एक बार फिर समाचार पत्रो मे छपे जब उन्होंने अभिनेत्री माधुरी के नंगे चित्र बनाने की घोषणा कर दी ।
2006 मे मकबूल फिदा हुसेन पर फिर एक बार भारत माता का नग्न चित्र बनाने का आरोप लगा ' इस मामले से बचने के लिए आखिर हुसेन को भारत छोडना पडा और वह लदन चले गए ' फिर उन्हें कतर की नागरिकता मिलगई 2011 तक चित्रकार एम एफ हुसैन ' कतर देश मे रहे । 9जून2011 को लंदन के एक अस्पताल मे दिल का दोरा पडने से मकबूल फिदा हुसेन की मोत हो गई । उनके बनाए गए चित्र पिकासो की तरह कुछ हटके होते थे इसलिए वह बिवादो मे आ जाते थे । एम एफ हुसैन को भारत का पिकासो कहा जाता है । आज भी कलॉ के संसार मे एम एफ हुसेन को याद किया जाता है
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