यह एक एसे भिखारी का किस्सा है ' जिसके पास करोड़ों की धन संपत्ति होते हुए भी वह भीख मॉगता है । इस भिखारी के पास अपना खुद का एक अलीशान होटल भी है 'जिसका यह मेनेजर भी है । पर इस आदमी का भीख मॉगने का उसूल है । वह प्रतिदिन सुबह एक बार किसी न किसी व्यक्ति से भीख जरूर मागता है ।उसकी इस हरकत से होटल के सभी कर्मचारी नफरत करते है । और कहते है कि सर आप इस होटल के मेनेजर है ' और आपको भीख मॉगने मे शर्म नही आती " यह सुनकर मेनेजर मुस्कुराते हुये कहता है _ की वह एक जमाने मे भिखारी ही था ' और वह अपने उस दिन को भूलना नही चाहता ' एवं उसे हमेशा धन की अहमियत का अहसास रहे । इसलिए वह दिन एक बार भीख जरूर मॉगता है । उसका कहना है की मे आज जो कुछ भी हू ' अपने इसी उसूल की वजह से हू ।
अब जब भिखारीयो की बात चल ही रही है तो एक और लखपति भिखारी का वाकया सुनो _ पुरानी बात है किसी मंदिर के दरवाजे पर बैठकर एक भिखारी भीख मगता था । जब वह भिखारी मरा तो लोगों ने उसका संस्कार कर दिया । और उसके सामान को एक बॉस मे लटका कर फेकने के लिए ले जाने लगे ' तभी उस सामना मे से कुछ सिक्के गिरे ' जिनहे देखकर बॉस को जोर से हिला दिया गया तो उस भिखारी के सामान से और सिक्के बरसने लगे ' इसके बाद लोगों ने उस सामान को बारीकी से देखा तो उसमे कुछ नोट भी निकले । जव इन सभी नोट एवं सिक्कों की गिनती हुई तब पता चला की यह एक लाख के लगभग थे ।जिनहे सरकारी खजाने मे जमा कराया गया था ।
Seetamni@gmail. com
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अब जब भिखारीयो की बात चल ही रही है तो एक और लखपति भिखारी का वाकया सुनो _ पुरानी बात है किसी मंदिर के दरवाजे पर बैठकर एक भिखारी भीख मगता था । जब वह भिखारी मरा तो लोगों ने उसका संस्कार कर दिया । और उसके सामान को एक बॉस मे लटका कर फेकने के लिए ले जाने लगे ' तभी उस सामना मे से कुछ सिक्के गिरे ' जिनहे देखकर बॉस को जोर से हिला दिया गया तो उस भिखारी के सामान से और सिक्के बरसने लगे ' इसके बाद लोगों ने उस सामान को बारीकी से देखा तो उसमे कुछ नोट भी निकले । जव इन सभी नोट एवं सिक्कों की गिनती हुई तब पता चला की यह एक लाख के लगभग थे ।जिनहे सरकारी खजाने मे जमा कराया गया था ।
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