गॉव के हर घर मे दुधारू पशु जरूर पाले जाते है । पहले तो इन पशुओं के गोवर का उपयोग कंडे उवले बनाने मे होता था जो खाना पकाने के लिए चुल्हे मे जलाने के काम आते थे । पर अब गॉवो के घरो मे गैस चुल्हे आ जाने के कारण मवेशी का गोवर कूडे के ढेर पर फेका जाता है ।गॉव के रास्तों गली चोराहो के किनारे जगह जगह लगे यह गोवर कूडे के ढेर गॉव को गंदा करते है । गॉव को साफ सुथरा रखने और गोवर कूडे का उपयोग करने का एक मात्र उपाय यह है की इससे बर्मी कपोस्ट गोवर की खाद बनाई जाए । इसके लिए गॉव के सभी पशुओं वाले घरो मे पक्के ईट के टेंक बनाए जाए जिसमे पशुओं की सार वखरी का गोवर घास भूसा का कचडा जमा किया जाए जब यह टेंक फुल भर जाए तो इसमे पानी भर कर केचुए छोड दिए जाए और ऊपर से घास से इस टेक को ढक दिया जाए । इसके बाद तीन चार माह मे खाद बनकर तैयार हो जाता है । किसानो के लिए तो सरकार गोवर की खाद बनाने के पक्की टंकी बनाने के लिए अनुदान भी दे रही है । गेर किसान भी अपने खरचे से यह टंकी वना सकते है इसमे अधिक खर्च नही लगता सिंगल ईट की पॉच फिट ऊची दीवार चारो तरफ बनाई जाती है इसकी लंबाई चोडाई अपने गोवर के हिसाव से जादा कम रखी जा सकती है । गोवर की खाद बनाने की बिधि भी बहुत सरल है ।
गोवर की जैविक खाद किसान खुद बनाकर अपने खेत मे उपयोग कर सकता है जिससे रासायनिक खाद खरीदने का खरचा बचेगा । गेर किसान भी यह गोवर की खाद बनाकर किसानो को बेच कर कुछ रूपये कमा सकता है । अब आप सोचेगे की यह खाद खरीदेगा कौन अजी आने वाले समय मे जैविक खाद की माँग बढने की बहुत संभावनाए है ।क्योंकि रासायनिक खेती के दुष्परिणाम सामने आने से अब किसान धीरे धीरे रासायनिक खेती छोडकर जैविक खेती की तरफ बढ रहे है ।जैविक खाद और जैविक बिधि से पैदा किये गए कृषि उत्पाद गेहू ' सब्जियॉ ' फल ' दाले ' गुड आदि बहुत मॉग है । स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोग जैविक खादय सामंग्री ढूड ढूड कर खरीदते है । और यह जैविक कृषि उत्पाद दुगनी कीमत पर बिकते है ।आज कुछ जागरूक लोग आयुर्वेद की दबाए और जैविक खादय पदार्थों का ही सेवन कर रहे है ।
मित्रो भविष्य आयुर्वेद और जैविक का ही है ।अब जल्द ही रासायनो का जमाना जाने वाला है ।इसलिए जैविक के क्षेत्र मे पेर जमाने का यह अच्छा समय है ।
गोवर की जैविक खाद किसान खुद बनाकर अपने खेत मे उपयोग कर सकता है जिससे रासायनिक खाद खरीदने का खरचा बचेगा । गेर किसान भी यह गोवर की खाद बनाकर किसानो को बेच कर कुछ रूपये कमा सकता है । अब आप सोचेगे की यह खाद खरीदेगा कौन अजी आने वाले समय मे जैविक खाद की माँग बढने की बहुत संभावनाए है ।क्योंकि रासायनिक खेती के दुष्परिणाम सामने आने से अब किसान धीरे धीरे रासायनिक खेती छोडकर जैविक खेती की तरफ बढ रहे है ।जैविक खाद और जैविक बिधि से पैदा किये गए कृषि उत्पाद गेहू ' सब्जियॉ ' फल ' दाले ' गुड आदि बहुत मॉग है । स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोग जैविक खादय सामंग्री ढूड ढूड कर खरीदते है । और यह जैविक कृषि उत्पाद दुगनी कीमत पर बिकते है ।आज कुछ जागरूक लोग आयुर्वेद की दबाए और जैविक खादय पदार्थों का ही सेवन कर रहे है ।